अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, किसानों को चैक बांटे
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। गड्डा की ढाणी ईनाणा में अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन मारवाड़ मूंडवा द्वारा किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में इस वर्ष ईनाणा के 28 किसानों के 42.50 हेक्टेयर भूमि पर लगी बून्द-बून्द सिंचाई व पूर्व वर्ष के किसानों के “बून्द बून्द सयंत्र की रख रखाव व तरल उर्वरकों के प्रबंधन” पर किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें चयनित किसानों को सहयोग राशि के 10.20 लाख रुपयों के चैक भी दिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. रोहिताश बाजिया मुख्य वैज्ञानिक कृषि अनुसन्धान केंद्र नागौर ने कहा कि समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए खेती में परिवर्तन किए जाने की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान में सभी प्रकार के पोषक तत्व तरल रुप में उपलब्ध हैं, जिससे खेती की लागत में कमी होगी व उपयोग करने में भी आसानी रहेगी।
मदन लाल चौधरी (वित्तीय प्रबंधक)- अम्बुजा सीमेंट ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि खेती अगर वर्ष में तीनों ऋतु में करेंगे व खेत की मेड़ों पर फलदार पौधे लगाएं तो खेती से उत्पादन व आय में बढ़ोतरी निश्चित होंगी। इसके लिए अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन सदैव तकनीकि व आर्थिक सहयोग के लिए तत्पर है। ओम प्रकाश चौधरी (पूर्व सरपंच ईनाणा) ने कहा कि अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे कार्य सराहनीय हैं। हमें अम्बुजा से सार्वजनिक व व्यक्तिगत सहयोग लेकर अपने कार्यो एवं कार्य प्रणाली में गुणवत्ता लानी चाहिये। साथ ही किसानों के लिए कृषि के औजार, फार्म पोंड, फसलों के प्रदर्शन लगाकर नवीनतम तकनीक से रुबरू करवाना, ताकि किसान उनका ज्ञान भी प्राप्त सकें।
एसीएफ के प्रोग्राम मैनेजर प्रशांत रंगा ने अपने विचार रखते हुए बताया कि हमारी सभी गतविधियों में किसानों को भटकना नहीं पड़ता है व अम्बुजा की योजना के साथ ही सरकारी की योजना दिलवाने में किसानों का सहयोग करती है। इस वर्ष किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए बून्द-बून्द क्षेत्र बढ़ाया गया।
चयनित किसानों में 28 को बून्द बून्द सिंचाई के, 3 को खेत मेड़बंदी, 1 फार्म पोंड व 5 छत जल संग्रहण के कुल 11.48 लाख के चैक वितरित किये। कार्यक्रम में 45 किसानों ने भाग लिया। किसान बजरंग लाल, भोजा राम व हनुमान राम ने अपने अनुभव किसानों के साथ साझा किया। गौरव खण्डेलवाल व गब्बर सिंह ने जल संग्रहण व कृषि पर एसीएफ की योजना के बारे में किसानों को बताया।