आमजन में चिकित्सा विभाग के तुगलकशाही आदेशों को लेकर फैला भारी विरोध
लाडनूं से एक साथ 15 चिकित्सा कर्मियों को एपीओ और 7 के तबादले से शहर गर्माया
लाडनूं। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में एक तरफ जहां जिले में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लाडनूं को सम्मानित किया गया, वहीं दूसरी तरफ विभाग की ओर से यहां कार्यरत 15 चिकित्सा कर्मियों को एक साथ एपीओ करने के आदेश जारी कर दिये गए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश से भारी विरोध पैदा होने लगा है। इन आदेशों के अनुसार एएनएम सविता रंगण, मेनका खेदड़ दताऊ, सुनिता कुमारी इन्द्रपुरा, संजू बसेरा तंवरा, बबीता कुमारी बीसीएमओ लाडनूं, नीतू मीणा भिडासरी, अंजू खंगार, नीलम देवी नन्दवाण, नीलम लोढ़सर, रीनू कुमारी गिरधारीपुरा, पूजा कुमारी मनीता पायली तथा मीनाक्षी मोडियावट उप स्वास्थ्य केन्द्र से जयपुर मुख्यालय पर एपीओ के आदेश किये हैं। इसी तरह राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत वरिष्ठ सहायक देवाराम सींवर को भी एपीओ के आदेश जारी हुए हैं। हालांकि इस आदेश में एपीओ करने का कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन जिले में प्रथम आने वाले क्षेत्र में इस प्रकार से दर्जनभर चिकित्साकर्मियों जनप्रतिनिधि भी हतप्रभ् हैं।
सदैव सराहनीय रही है सिंवर की सेवाएं
चिकित्सालय में कार्यरत देवाराम सीवर चिकित्सालय में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के साथ ही सामाजिक सरोकार से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने सैंकड़ों दुर्लभ पौधे लगाकर अस्पताल परिसर में शानदार बगीचा तैयार किया, वहीं मूक पक्षियों के लिए दाना-पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी सैकड़ों विशेष परिंडे लगाकर नियमित उनमें दाना-पानी डालने तथा बगीचे के रखरखाव की व्यवस्था में भी नियमित श्रम करते हैं।
राजकीय चिकित्सालय में संचालित ब्लड बैंक में भी सींवर का विशेष योगदान सदैव रहा है। रक्त की आवश्यकता होने पर स्थानीय युवाओं को प्रेरित करके समय-समय पर रक्तदान करवाने में सींवर ने महत्ती भूमिका निभाई है। ऐसे कर्मचारी को एपीओ किए जाने का जनप्रतिनिधियों ने भी विरोध किया है। लाडनूं से जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्यों सहित पालिकाध्यक्ष, प्रतिपक्ष नेता एवं पूर्व विधायक ने भी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सा-कर्मियों को अचानक और अकारण एपीओ किये जाने का विरोध किया है।
इनका किया स्थानान्तरण :
साथ ही क्षेत्र में कार्यरत सात कर्मचारियों का स्थानान्तरण भी किया गया है। जिसमें सीनियर नर्सिंग आफिसर राजेन्द्र कुमार ढ़ाका को पीएचसी बल्दू से पीएमओ लाडनूं, एएनएम अनिता कुमारी को बल्दू से तिलोटी, कमला कुमार बल्दू से नन्दवाण, हेमलता भट्ट को गेनाणा से दत्ताऊ, रेखा को लाडनूं से इन्द्रपुरा, कल्पना कुड़ी को बनवासा से ध्यावा लगाया गया है। वहीं, रेडियोग्राफर अजय कुमार को निम्बीजोधां से परबतसर स्थानान्तरित किया गया है।
इनका कहना है-
“एक दर्जन से अधिक चिकित्साकर्मियों को एपीओ करने का निर्णय न्याय संगत नहीं हैं। देवाराम सींवर की स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा सामाजिक सरोकार भी महत्त्वपूर्ण हैं। ऐसे कर्मठ कार्यकर्ता को एपीओ किया जाना न्याय संगत नहीं है। विभाग को अपने फैसले पर पुनचिंतन करना होगा।”
– जयराम बुरड़क, जिला परिषद सदस्य।
“चिकित्सा विभाग की ओर से एक साथ 15 चिकित्सा कर्मियों को एपीओ किया जाने के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है। यदि इन चिकित्साकर्मियों के कार्य में असंतोष पाया गया है, तो यह निर्णय सही है, लेकिन देवाराम सींवर से मैं व्यक्तिगत रूप से परिचित हूं, उनके कार्य पर संदेह नहीं किया जा सकता। उनको एपीओ किया जाना शुभसंकेत नहीं है।”
– हनुमानाराम कासणियां, प्रधान, पंचायत समिति, लाडनूं।
“यहां बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं संचालित होने, अस्पताल व बीसीएमओ कार्यालय को श्रेष्ठ कार्य करने और विशेष उपलब्धियों के लिए जिला स्तर पर हाल ही में पुरस्कृत भी किया जा चुका। कर्मचारी देवाराम सिंवर को भी उनके कार्यों के लिए जिला स्तर पर सम्मानित किया जा चुका। इन सबको यहां से किसी भी तरह से बिना उचित कारण हटाया जाना व्यवस्था का दुरुपयोग ही कहा जाएगा। इन आदेशों को वापस नहीं लिए जाने पर लोग गुस्सा कर आंदोलन पर उतर सकते हैं।”
– सुमित्रा आर्य, पार्षद एवं सदस्य, गाधी दर्शन समिति, लाडनूं।
“बड़ी मुश्किल से क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ था। लेकिन कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के चलते यहां कार्यरत चिकित्सा कर्मियों को तितर-बितर करने का यह फरमान क्षेत्र की चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित करेगा। महिलाकर्मियों को अकारण एपीओ करने तथा कुछ कार्मिकों का स्थानान्तरण कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
– राजश्री शेखावत, भाजपा नेता, लाडनूं।
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