मुस्लिमों ने खुद टिकट मांगने के लिए एकजुटता का आह्वान किया
लाडनूं (मो. मुश्ताक खां कायमखानी)। लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों को एकजुट करने की मुहिम की शुरुआत घिरड़ौदा ग्राम से की गई है। आगामी विधानसभा चुनाव में क्षेत्र लाडनूं क्षेत्र की समस्त अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए कांग्रेस के समक्ष एक उचित मांग रखने के लिए यह कवायद शुरू की गई है। इस अवसर पर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवी लियाकत अली और युवा नेता अयूब खान घिरड़ोदा का समस्त भाट्टी मुस्लिम समाज द्वारा स्वागत और सम्मान भी किया गया। लियाकत अली ने इस मान-सम्मान के लिए भाट्टी समाज के लोगांे के प्रति आभार प्रकट किया है। अयुब खान ने बताया कि लाडनूं विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की सत्ता और संगठन में लगातार की जा रही उपेक्षा के चलते यह निर्णय लिया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में लाडनूं विधानसभा क्षेत्र के समस्त मुसलमानों को एकजुट कर विधानसभा की टिकट के लिए राजनीतिक दल के समक्ष अपना दावा पेश किया जा सके। इसके लिए अभी से अल्पसंख्यक समुदाय दलित और अन्य समस्त जाति-समुदाय से निरन्तर सम्पर्क करके सहयोग और समर्थन मांगा जाएगा। इसके लिए अभी से जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई है।
भारी पड़ेगा मुस्लिमों को दरकिनार करना
लाडनूं क्षेत्र के दबंग नेताओं की उपेक्षा के चलते कांग्रेस हासिए पर पहुंचने के कगार पर है। प्रदेश कांग्रेस व राजय सरकार द्वारा लाडनूं विधानसभा क्षेत्र के दबंग अल्पसंख्यक मुस्लिम नेताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है। उन्हें ना सत्ता में कोई जगह दी गई और संगठन में दरकिनार कर दिया गया। इसके बावजद कांग्रेस पार्टी अपने-आपको मुस्लिम हितैषी बताने का ढोंग रच रही है। इधर नासमझ मुसलमान भी कांग्रेस को अपना हितैषी मानकर आंख बंद करके उसे ही वोट वोट देते आए हैं। लेकिन सभी मुस्लिम समाज को अब जागने का समय आ गया है। अपना हक अधिकार मांगने की आवश्यकता है, अन्यथा आने वाले दिनों में राजस्थान की राजनीतिक में मुस्लिम समाज के नेताओं का सूपड़ा ही साफ होने की संभावना नजर आ रही है।
कांग्रेस में दबंग जाट और दलित नेता की भी उपेक्षा
आगामी विधानसभा चुनाव में नागौर जिले एवं चूरू जिले की विधानसभा सीटों पर क्षेत्र के कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं के साथ जाट और दलित नेता भी भारी पड़ सकते हैं। इन नेताओं पर भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता औरर एम.आई.एम. के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की नजर भी लगी हुई है तथा संपर्क करने का क्रम भी जारी है। इस स्थिति के कारण और कहीं तो छोड़ो लाडनूं विधानसभा क्षेत्र की स्थिति विचित्र बनने वाली है। मौजदा विधायक के दुबारा जीत हासिल करने के लिए इन समुदायों के लोगों को मामूली और अपना वोट बैंक मानने की भूल भारी पड़ सकती हैं