कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए
लाडनूं। kalamkala.in जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को कारगिल शहीद दिवस पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय वीर सिपाहियों के अदम्य साहस एवं अनूठे शौर्य के बल पर आज ही के दिन कारगिल जैसी दुर्गम चोटी को दुश्मन के चंगुल से छुड़ाकर एवं दुश्मन के हौसलों को नेस्तनाबूद करते हुए कारगिल की चोटी पर विजयी भारतीय तिरंगा फहराया था। उन्होंने कहा कि सन् 1999 के कारगिल युद्ध में विजय हासिल करना भारतीय सेना के जांबाजों के लिए असंभव को संभव करने जैसा था। इस युद्ध में कई ऐसे मौके आए जब भारतीय शूरवीरों ने शौर्य की ऐसी इबादत लिखी, जिसे पहले कभी देखा या सुना गया नहीं था। इस युद्ध में हर भारतीय सैनिक का युद्ध-कौशल अतुलनीय था। इस दौर के अनेक वीरों की वीरता की कहानी सुनने के बाद मन आज भी अचरज से भर उठता है। उन्होंने इस अवसर पर कारगिल युद्ध के हीरो रहे परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा एवं राइफलमैन संजय कुमार की कहानी सुनाईं तथा कहा कि इन्होंने युद्ध में न केवल वीरता का अविस्मरणीय युद्ध कौशल दिखाया और अपने प्राणों की परवाह न करते हुए असंभव को संभव कर दिखाया। इस अवसर पर भारतीय सेना क शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम में सदस्य डॉ. प्रगति भटनागर, डॉ. बलवीर सिंह, अभिषेक चारण, श्वेता खटेड़, अभिषेक शर्मा, प्रगति चैरडिया, प्रेयस सोनी, घासीलाल शर्मा, देशना चारण आदि मौजूद रहे। इसी प्रकार विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने कहा कि दुश्मनों की पराजय और शहीदों के सम्मान के लिए यह दिवस मनाया जाता है। हमें अपने वीरों का मान, सम्मान, प्रतिष्ठा को सदैव बनाए रखना चाहिए। इनके कारण ही बाह्य शत्रुओं से देश सुरक्षित है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी संकाय सदस्यों एवं छात्राओं ने शहीदों को याद किया और श्रद्धावनत हुए।