छोटे कामों को भी बड़े ढंग से करने पर व्यक्ति महान बनता है- प्रो. जैन
Jain Vishwa Bharti में जीवन कौशल पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन
लाडनूं। kalamkala.in जैन विश्व भारती संस्थान Jain Vishwa Bharti ladnun के शिक्षा विभाग के अंतर्गत चल रहे जीवन कौशल पर तीन दिवसीय सेमिनार के द्वितीय दिवस अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि सफल लोग महान काम नहीं करते, वो छोटे-छोटे कामों को महान ढंग से करते हैं। थामस एडीसन को स्कूल में मंदबुद्धि का बालक समझ कर शिक्षक ने पढ़ाने से मना कर दिया, लेकिन उनकी माँ ने खुद उसे पढ़ाकर एक महान व्यक्तित्त्व बना दिया। सफलताओं की इन कहानियों के पीछे असफलताओं की कहानियां जुडी हुई हैं। हमें असफलताओं से सीख लेकर जीवन में आगे बढने की प्रेरणा प्राप्त होती हैं।
पीछे की ओर ढकेल देती है नकारात्मक सोच
सेमिनार में हर्षिता पारीक ने अध्यात्म और संस्कृति विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि संस्कृति, संस्कार और अध्यात्म से मानव जीवन को उज्ज्वल बनाया जा सकता हैं। भारतीय संस्कृति में प्रकृति को पूज्य माना गया है। आज भी हम सूर्य देवता को जल चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं। पीपल, तुलसी, गाय आदि को भी पूजा जाता हैं। भारतीय संस्कृति को अपने धर्म और अध्यात्म के कारण विश्व में विशेष संस्कृति के रूप में माना जाता हैं। हमें अपनी संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए। दिव्या पारीक ने जीने की कला विषय पर कहा कि जीवन में हमें सकारात्मक सोच रखते हुए कार्य करना चाहिए, नकारात्मक सोच मानव को पीछे की ओर ढकेल देती है। जीवन में हमें कठिनाई या चुनौतियों से घबराकर बैठना नहीं चाहिए, अपितु इनसे सीख लेकर आगे बढने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम का संयोजन तथा आभार ज्ञापन डॉ. अमिता जैन ने किया। कार्यक्रम में सभी संकाय सदस्य डॉ. मनीष भटनागर, डॉ. बी. प्रधान, डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. सरोज राय, डॉ. आभा सिंह, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. गिरधारी लाल, डॉ. अजीत पाठक, प्रमोद ओला तथा खुशाल जांगिड एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।[the_ad id=”1853″][the_ad id=”771″]
