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जिसके पास 21 रूपयों की बचत नहीं उसके नाम से उठाया 21 लाख का कर्जा, सोने के गहने गिरवी रख कर लोन उठा कर 64 लाख की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस जांच जारी, पुलिस की टीमें अलग-अलग क्षेत्र में सक्रिय

जिसके पास 21 रूपयों की बचत नहीं उसके नाम से उठाया 21 लाख का कर्जा

सोने के गहने गिरवी रख कर लोन उठा कर 64 लाख की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस जांच जारी, पुलिस की टीमें अलग-अलग क्षेत्र में सक्रिय

लाडनूं।kalamkala.in मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाईनेंस कम्पनी को सोने के गहनों की जालसाजी करके और अज्ञात लोगों के नाम से ऋण उठा कर हड़प करने की बड़े पैमाने पर जालसाजी करने के मामले में पुलिस द्वारा कम्पनी के क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाही करते हुए शाखा प्रबंधक व उसके सहयोगी ज्वैलर सहित दो जनों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने अपने अनुसंधान में मणिप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी की स्थानीय शाखा से ऐसे पांच व्यक्तियों की ऋण-पत्रावलियों को खंगाला है। इन पांच लोगों में रोहट (पाली) के किशनाराम विश्नोई, रोहट की ही सिंवरी देवी, पांचला सिद्धा के नरपत मेघवाल, नागौर के करण राव आदि शामिल हैं। इनके अलावा पकड़ा गया ज्वैलर व मुख्य आरोपी श्याम सुन्दर पुत्र कुन्दन मल सोनी निवासी माडपुरा थाना पांचौडी जिला नागौर ने स्वयं भी ऋण-पत्रावलियां बनवाई और उनमें भी इसी प्रकार कथित सोने के जेवर बनवा कर गिरवी रख कर लोन उठा लिया।
कम्पनी के अन्य कार्मिकों की मिलीभगत का अंदेशा
मणिप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी के शाखा प्रबंधक गणपत राम पुत्र गोविन्द राम मेघवाल निवासी चटालिया थाना खेडापा जिला जोधपुर ने इस ज्वैलर के साथ मिलकर इस सारी ठगी की वारदात को अंजाम दिया। ये दोनों शख्स पिछले करीब डेढ साल से अपनी इन करतूतों में लगे हुए थे। इन्होंने अब तक कुल कितनी पत्रावलियांें में घोटाला किया है, यह सब पुलिस जांच के बाद ही पूरा खुलासा हो पाएगा, लेकिन कम्पनी के क्षेत्रीय प्रबंधक विक्रम प्रताप सिंह के अनुसार अभी तक 5 फाईलों से 64 लाख का घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है। थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह कमांडो ने बताया कि इस कम्पनीइ के अन्य कार्मिकों की मिलीभगत भी इस घोटाले में सामने आ सकती है। इस सारी कारस्तानी में कम्पनी के तकनीकी कार्मिक एवं वेल्युयर की मिलीभगत की संभावना है। जिस सोने के गहने को गिरवी रख कर कर्जा उठाया जाता था, उसकी प्रामाणिकता और मूल्य की जांच इन्हीं दो कार्मिकों द्वारा की जाती थी। यह भी सामने आया है कि यह कम्पनी किसी प्राईवेट व्यक्ति से सोने की जांच और मूल्यांकन करवाती थी, जो कोई ज्वैलर ही होता था, उसे इसका शुल्क उसे कम्पनी की ओर से चुकाया जाता था। इस कम्पनी की ऑडिट के दौरान यह घोटाला सामने आने से कैसे बचा, पुलिस इसकी जांच भी कर रही है।


नागौर में बनते थे ऐसे गहने
मणिप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी से सोने के आभूषण गिरवी रखा कर लोन देने के मामले में हुए घोटाले में सामने आया है कि ऐसा फर्जीवाड़ा करने के लिए सभी गहने नागौर में बनवाए जाते थे। गिरफ्तार ज्वैलर श्याम सुन्दर सोनी यह काम करता था। वह सोने की आड बनाता था, जिसमें ऊपर तो 15 कैरेट सोना लगाया जाता था और उसके अंदर लोहे की रॉड डाल दी जाती थी, ताकि उसका वजन बढ जाए और उसकी वेल्युएशन अधिक हो जाने से अधिक राशि का लोन प्राप्त किया जा सके। पुलिस अभी इस बात का पता कर रही है कि ऐसे गहनों के निर्माण के इस काम में वह अकेला ही था अथवा उसके साथ अन्य कोई ज्वैलर भी शामिल रहा। इस बात की गहरी संभावना है कि उसके द्वारा लोन फार्मों को तैयार करवाने और लोगों से बात करने में व्यस्त होने पर अन्य उसका साथी भी ऐसे गहने बनवाने का काम करता रहा हो।
आइस्क्रीम का ठेला लगाने वाले के नाम 21 लाख का लोन
मणिप्पुरम गोल्ड लोन के लिए जिन आवेदकों के फार्म भरे जाकर उन पर अंगूठा-हस्ताक्षर करवाए जाते थे, उनके लिए ये लोग मजदूर और निम्न वर्ग के लोगों को निशाना बनाते थे। इनमें चाय वाला, ठेले पर आईसक्रीम बेचने वाला, दैनिक मजदूर, गृहिणी आदि शामिल हैं।

इन लोगों को इस बात का कोई ज्ञान नहीं हो पाता कि उनके नाम से कोई लोन भी जारी करवाया जा रहा है। इन्हेकं सिर्फ सरकारी योजनाओं के नाम से पहली किश्त के रूप में ये आरोपी 2 हजार से 5 हजार रूपए तक का नकद भुगतान करके विश्वास जमा लेते थे। जबकि, जिस सरकारी योजना के बारे में इन्हें बताया जाता था, उसमें इन्हें किसी भी तरह से शामिल नहीं किया जाता था। ये आरोपी उनके साथ भी बड़ा धोखा करते थे। ये इन मजदूरों को जिस सरकारी योजना का भरोसा देते थे, उनमें एलआईसी, पेंशन योजना, बेरोजगारी भत्ता आदि योजनाओं का छलावा करते थे। फिर उनके हस्ताक्षरसुदा कम्पनी के कागजातों पर वे उनके नाम से स्वयं लोन उठा लेते थे। इनमें से सबसे अधिक लोन अभी तक एक फेरी लगाकर आईसक्रीम बेचने वाले का सामने आया है, जिसे 21 लाख रूपयों का ऋण जारी किया गया। पुलिस ने जब उसकी आर्थिक स्थिति का पता लगाया तो उस रोज कमाने व खाने वाले व्यक्ति के पास मात्र 21 रूपए तक बचा कर रख पाना मुश्किल मिला।
सभी फाईलें व बैंक की रिपोर्ट्स पुलिस ने जब्त की
इस ठगी प्रकरण में मणिप्पुरम गोल्ड लोन कम्पनी के अलावा मजदूरों आदि के साथ भी धोखाधड़ी करना सामने आया है। अभी तक पुलिस को पांच लोगों की फाईलों पर 64 लाख का घोटाला करने के प्रमाण मिले हैं। पुलिस ने कम्पनी की स्थानीय शाखा से सभी सम्बंधित फाईलें जब्त कर ली है। सर्वे रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट भी पुलिस ने प्राप्त कर ली है। अभी जांच में सामने आने वाले अन्य तथ्यों को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर नागौर व अन्य स्थानों पर भेजी है। इस मामले में और भी आरोपी गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।

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