परबतसर में श्री वीर तेजाजी पशु मेला 11 अगस्त से
नागौर । श्री वीर तेजाजी पशुमेला, परबतसर का आयोजन इस बार 11 अगस्त से 27 अगस्त तक किया जाएगा। मेले के लिए चौकीयों की स्थापना 7 अगस्त को होगी। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. गोविन्दराम चौधरी ने बताया कि यह पशु मेला राष्ट्रीय स्तर का पशु मेला है। इस मेले में विभिन्न राज्यों से भारी तादाद में पशु पालक एवं व्यापारी आते है। पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैल, मारवाड़ी नस्ल के ऊंट, भैंसा व घोड़े क्रय विक्रय होते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहित समीपस्थ राज्यों से भी काफी तादाद में पशु पालक एवं व्यापारी इस मेले में आते है। इस वर्ष पशु मेले में विक्रय होकर जाने वाले पशुओं की रवानगी 15 अगस्त को शुरू होगी।
उन्होंने बताया कि इस पशु मेले का आयोजन हर वर्ष हिन्दी तिथि मिति श्रवण शुक्ला पूर्णिमा से भाद्रपद कृष्णा अमावस्या तक सम्पन्न होता है। मेला चौकीयों की स्थापना एकादशी को होती है तथा विक्रय होने वाले पशुओं की रवानगी भी प्रायः भाद्रपद कृष्णा तृतीया / चतुर्थी को होती है।
उपनिदेशक चौधरी ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले पशुपालकों एवं व्यापारियों के साथ उन्हीं के राज्यों के असामाजिक तत्व भी कई बार यात्रा मे उनके साथ हो जाते है तथा यात्रा के दौरान उनके साथ जहरखुरानी की वारदात कर उन्हें लूट लेते है इसके लिए उन्हें सचेत करने की आवश्यकता है, ताकि किसी के साथ अप्रिय घटना घटित न होवे। उन्होंने बताया कि पशु पालक कृषक है, इसकी पुष्टि हेतु पशुपालक स्वयं की कृषि भूमि की जमाबंदी, परिचय पत्र संबंधित दस्तावेजो की प्रति भी साथ लावें। जिससे यह प्रमाणित हो सके कि मेले से पशु को कृषि कार्य हेतु ही ले जाया जा रहा है। पशुपालक / कृषक पशु मेले से तीन वर्ष से कम आयु के बैल बछड़ों का क्रय नहीं करें क्योंकि न्यायालय के निर्देशानुसार तीन वर्ष से कम आयु के बैल बछड़ों की राजस्थान से बाहर निकासी पर रोक है।
पशुपालन विभाग कुचामन सिटी के उपनिदेशक श्री चौधरी ने बताया कि मेले के अन्य ठेके 31 जुलाई को,दुकानों की नीलामी 1 और 2 अगस्त को,मेला चौकियों की स्थापना 7 अगस्त को,झंडारोहण 11 अगस्त को,सफेद चिट्ठी 11 अगस्त से,प्रदर्शनियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम 11 से 14 अगस्त,पशु प्रतियोगिता 12 और 13 अगस्त को,पारितोषिक वितरण 14 अगस्त को और रवन्ना 15 अगस्त को होगा।