पशुओं में महामारी का प्रकोप-
लाडनूं में लम्पी स्किन डिजीज से 4 हजार 188 पशु प्रभावित, 356 की मौत,
31 में से 29 गौशालाओं में फैला लम्पी स्किन रोग, गौशालाओं में 110 गौवंश की मौत हुई
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साढे 28 हजार पशुओं के सर्वे के बाद पंचायत समिति में बनाया कंट्रोल रूम, गोट पोक्स टीकों से सावधान रहने की अपील
लाडनूं। क्षेत्र में गौवंश में बढते लम्पी स्किन डिजीज के प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा करवाए जा रहे सर्वे में अब तक 28 हजार 445 पशुओं का सर्वे किया जाने के बाद सामने आया है कि क्षेत्र में कुुल 4 हजार 188 पशु लम्पी से संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही लम्पी बीमारी का इलाज किए जाने के दौरान अब तक कुल 356 पशुओं की मौत हो चुकी है। यहां पर 31 गौशालाओं में से 29 गौशाला में लंपी स्किन बीमारी फैल चुकी है। इन गौशालाओं में अब तक 110 पशुओं की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। इन गौशालाओं में कुल 1482 गौवंश लम्पी बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। पशुपालन विभाग द्वरा इस क्षेत्र में अब तक लम्पी स्किन डिजीज से ग्रस्त 4076 पशुओं को उपचारित किया जा चुका है। क्षेत्र में अब तक कुल 1717 पशु उपचार के बाद इस डिजीज से उबर भी चुके हैं।
केन्द्रीय कंट्रोल रूम किया स्थापित
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए लाडनूं पंचायत समिति परिसर में इस सम्बंध में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यह कंट्रोल रूम क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों से इस डिजीज से जुड़ी सूचनाएं संग्रहित करेगा। ग्रामीण इलाकों में लंपी बीमारी से मृत होने वाले पशुओं से जुड़ी पूरी जानकारी सभी ग्राम पंचायतों को इस कंट्रोल रूम पर उपलब्ध करवानी होगी। सभी ग्राम विकास अधिकारी एवं अन्य कार्मिक भी ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमित पशुओं की देखभाल किए जाने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढ़वाल के निर्देशों के पश्चात विकास अधिकारी भंवराराम कालवी ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए यह व्यवस्थाएं की है। विकास अधिकारी के आदेश में बताया गया है कि वर्तमान में फैल रही लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम को लेकर संक्रमित पशुओं का सर्वे व इलाज के डाटा संग्रहित करेगी। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर इस सम्बंध में सामने आने वाली समस्त समस्याओं की सूचना इस कंट्रोल रूम में दर्ज की जाएगी।
टीकाकरण प्रभावी नहीं होगा
राजकीय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय के नोडल अधिकारी डा. धमेन्द्र चैधरी ने इस बीच एक सार्वजनिक सूचना जारी करके सभी पशुपालकों से अपील की है कि लाडनूं क्षेत्र एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में लम्पी स्किन डिजीज एलएसडी सभी जगह फैल चुका है, अतः इस बीमारी के लिए किसी तरह का टीकाकरण या वैक्सीन प्रभावी नहीं होगा। सभी पशुपालक नकली वैक्सीन के बहकावे में नहीं आए। यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी के लिए पशु को वैक्सीन लगाने आता है, तो इसकी सूचना नोडल अधिकारी या अपने नजदीकी राजकीय पशु चिकित्सा संस्था को अवश्य दें। संक्रमित पशुओं को लगाया जाने वाला टीका ‘गोट पोक्स’ इस पर प्रभावी नहीं है, बल्कि उसके कारण यह रोग अधिक फैलता जा रहा है। प्राईवेट वेक्सीनेटर इसे अधिक लगाने में लगे हुए हैं। इसके कारण रोग का संक्रमण तेजी से बढने के कारण यह टीका किसी भी हालत नहीं लगवाया जाना चाहिए।