गिरफ्तारी के डर से रामसिंह ने ले रखी थी 40 दिनों की छुट्टियां, बाॅर्डर से मात्र 2 किमी दूर है उसका गांव
रतनगढ़। रतनगढ में गत्ते की फेक्ट्री में काम करने वाले बाड़मेर निवासी रामसिंह का पाकिस्तान की ख्ुाफिया एजेंसी आईएसआई से सम्पर्क था। वह एक महिला एजेंट के जाल में फंस कर सामरिक सूचनाओं को भेजने काकाम करने लगा, जिसके बदले में उसे पैसे भी मिलते थे। हनीट्रेप का शिकार रामसिंह हैंडलर के जरिये देश की सामरिक सूचनाएं पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी को भिजवाता था। बाड़मेर के उम्मेदपुरा ग्राम निवासी रामसिंह रतनगढ़ में गत्ते की फैक्ट्री से छुट्टी लेकर गया था। पकड़े जाने का आभास होने पर वह डर गया और उसने अपने ममेरे लड़के की शादी में शामिल होने के लिए एक महीने 10 दिन की छुट्टियां ले ली थी। फैक्ट्री मैनेजर रघुवीरसिंह के अनुसार वह युवक पिछले पांच-छह महीनों से फैक्ट्री में काम कर रहा था। राज्य विशेष शाखा जयपुर की टीम व सीआईडी श्रीगंगानगर ने 25 से 28 जून तक श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू में चलाए गए ‘ऑपरेशन सरहद’ अभियान के अंतर्गत 27 जून को रामसिंह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में पाए जाने पर अपने साथ ले गई। बाड़मेर के बिजारड़ थाना क्षेत्र के उम्मेदपुरा का निवासी रामसिंह करीब एक साल से आईएसआई के संपर्क में था। इंटेलीजेंस इनपुट के अनुसार रामसिंह का गांव बाड़मेर का उम्मेदपुरा करीब सौ-डेढ़ सो घरों का है, जो कि बॉर्डर से महज दो किमी की दूरी पर है। उसकी फेसबुक प्रोफाइल से लोकेशन जानकारी ले आईएसआई की महिला एजेंट ने हनीट्रैप में फांस लिया था।