समाजसेवी प्रभात वर्मा ने लिखा रेलमंत्री को पत्र
लाडनूं। लम्बे समय से रेलसेवाओं के विकास के लिए संघर्षरत समाजसेवी प्रभात वर्मा ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर प्रदेश की राजधानी जयपुर से डीडवाना-लाडनूं को जोड़ने के लिए नई रेल लाईन के छोटे से भाग को शीघ्र निर्माण के लिए स्वीकृत करते हुए डीडवाना-कुचामनसिटी नई रेल लाइन बनाने की मांग की है। वर्मा ने लिखा है कि जयपुर से डीडवाना व आसपास की तहसीलों व गांवों को प्रदेश की राजधानी जयपुर से सीधे जोड़ने के लिए केवल डीडवाना से कुचामनसिटी तक की छोटी दूरी के लिए ही नई रेल लाइन बनाई जाने से समस्या का हल हो सकता है। वर्तमान में डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़ उपखंड क्षेत्रों व आसपास के सैंकड़ों गांवों के निवासियों व प्रवासियों के राजधानी जयपुर के लिए आवागमन के लिए कोई रेलमार्ग की व्यावहारिक सुविधा उपलब्ध नहीं है। यात्रियों के लिए वाया डेगाना होकर जयपुर जाने हेतु भी कोई रेल सेवा इससमय उपलब्ध नहीं है। इस लाइन के बन जाने से प्रवासियों ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के नमक उत्पादकों, प्याज, जीरा, मूंगफली, इसबगोल, जैतून की खेती करने वाले किसानों व व्यापारियों, भुजिया, पापड़, बड़ी, चूरी व खाटा बनाने वाले घरेलू लघु उद्यमियों, बीमार व्यक्तियों व कर्मचारियों को बहुत फायदा मिल सकेगा।
77 किमी तक की हो सकेगी दूरी में कमी
डीडवाना से कुचामनसिटी रेल लाइन की दूरी मात्र 45 कि.मी. करीब रहेगी। इस कारण इसकी लागत बहुत कम आएगी। अगर डीडवाना से कुचामनसिटी तक की रेल लाइन बन जाती है, तो डीडवाना, लाडनूं व सुजानगढ़ व आसपास के गांवों का जयपुर से सीधा जुड़ाव हो जाएगा. इस रेल लाइन के बन जाने से डीडवाना से जयपुर तक की दूरी मात्र 151 किमी. ही रह जाएगी, जबकि वर्तमान में वाया डेगाना जाने सेयह दूरी 228 किमी. पड़ती है। इस तरह नई लाईन से डीडवाना, लाडनूं व सुजानगढ़ से जयपुर की दूरी में 77 किमी. तक कम होने से समय व श्रम की बचत के साथ आथिक दृष्टि से यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक सफर हो जाएगा।
जन प्रतिनिधि भी लिख चुके पत्र
आजादी के 75 वर्षों के बाद भी जो गांव अभी तक रेल सेवा से नहीं जुड़ पाए है, उनको भी यह रेललाईन बन जाने पर रेल सेवा का लाभ मिलने लगेगा। इस रेल लाइन का महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि अब तक नागौर के वर्तमान सांसद, डीडवाना व लाडनूं के वर्तमान विधायक व लाडनूं, सुजानगढ़, रतनगढ़, श्री डूंगरगढ़, जायल व नावां के पूर्व विधायकों ने पत्र लिखकर इस नई रेल लाइन को बनाने की मांग की है। इस लाइन के बन जाने से प्रदेश व देश की राजधानियों को जोड़ने का एक और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही से कई लंबी दूरी की नई गाड़ियों का संचालन भी इस लाइन के बन जाने से संभव हो सकेगा, क्योंकि रिवर्सल की आवश्यकता नहीं रहेगी।