अब दिल्ली में भी बनेगा विद्यार्थियों के लिए शानदार हॉस्टल, भामाशाहों ने दिए 50 लाख रुपए
जोधपुर की इस 8 करोड़ की लागत वाली 7 मंजिला और 36 कमरों की वातानुकूलित आरोग्य भवन धर्मशाला का उद्घाटन प्रसिद्ध संत रामप्रसाद महाराज ने किया- सर्वसमाज के लिए रहेगी उपयोगी
जोधपुर। माली समाज की ओर से जोधुपर की एम्स होस्पिटल के समीप 8 करोड़ की लागत से 7 मंजिला और 36 कमरों की वातानुकूलित धर्मशाला का गुरुवार को महंत रामप्रसाद महाराज ने उद्घाटन किया। इस धर्मशाला में सर्वसमाज के मरीज और उनके परिजन रियायती दरों पर रुक सकेंगे। इस अवसर पर माली संस्थान के पूर्व महासचिव योगेश गहलोत ने बताया कि बासनी सैकंड फेज रामसुख नगर में 70 गुणा 90 फीट के प्लॉट पर यह धर्मशाला बनवाई है। इसमें 36 एसी कमरे, 8 एसी डोरमेट्री हैं। इसमें बड़ा डाइनिंग हॉल व कॉन्फ्रेंस हॉल व बड़ा रसोईघर बनाया है। भवन परिसर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मरीजों व रिश्तेदारों को 24 घंटे हेल्थ डेस्क की सुविधा मिलेेगी। यह आसपास के आरोग्य भवनों में रहने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों को मेडिकल सुविधा संबंधी जानकारी देगी।
दिल्ली में प्रतियोगिता व परीक्षाओं की तैयारियों के लिए बनेगा छात्रावास
इस अवसर पर यहां चल रही नैनीबाई का मायरा कथा भी सम्पन्न हुई। कार्यक्रम में नानीबाई का मायरा की तर्ज पर भामाशाहों ने दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाले समाज के स्टूडेंट्स के लिए छात्रावास निर्माण के लिए 2 करोड़ से अधिक राशि देने की घोषणा की। माली संस्थान को हाथोंहाथ अपने नाम और बोली की पर्चियां भी थमा दी। सुनील परिहार के आह्वान पर इस दिल्ली छात्रावास के लिए समाज के बड़े भामाशाहों ने 2 करोड़ की धोषणा मात्र 30 मिनट में कर दी। 25 लाख का चैक निर्मल गहलोत ने समाज को दिया। उन्होंने 25 लाख रुपए आरोग्य भवन जोधपुर को दिए गए। इन घोषणाओं में निर्मल गहलोत के 25 लाख (पूर्व में किए 25 लाख के अतिरिक्त), अशोक पंवार केे 11 लाख, नरपत सांखला के 5 लाख की बड़ी घोषणाएं शामिल हैं। इस प्रस्तावित छात्रावास भवन में रह कर माली सैनी समाज के विद्यार्थी दिल्ली में प्।ैध्त्।ै कोचिंग भी कर पाएंगे।
गौरतलब है कि माली समाज ने 5 साल पहले दिल्ली में भवन किराए लेकर यूपीएससी की तैयारी के लिए समाज के बच्चों के छात्रावास के रूप में रहने, खाने-पीने की व्यवस्था की थी। तीन साल पहले 8 युवक व 4 युवतियां जोधपुर से वहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। लेकिन कोविडकाल में यह किराए का छात्रावास बंद हो गया। अब फिर से खुद के भवन में तैयारी के लिए जोरशोर से काम शुरू किया है। इसी के तहत भामाशाहों ने दान दिया।