मूंडवा के डिस्कॉम कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
मूण्डवा ( न्यूज रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर )। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर आज विद्युत डिस्कॉम मूंडवा के बिजली कर्मचारियों ने अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर एवं ट्वीटर पर भी अभियान चलाकर विरोध प्रदर्शन किया
तकनीकी कर्मचारी गोविंद मिर्धा ने बताया कि राजस्थान सरकार और विद्युत विभाग द्वारा बिजली कर्मचारियों की जायज मांगो का उचित समाधान करने के बजाए कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए रेस्मा लगाकर दमनचक्र चलाया जा रहा हैं। जिसके विरोध में आज विद्युत डिस्कॉम मूंडवा के सहायक अभियंता अजीत कुमार पांडेय एवं सहायक राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तम पुरोहित को ज्ञापन प्रस्तुत कर अवगत करवाया कि सरकार और विधुत विभाग द्वारा कर्मचारियों की मांगों का उचित समाधान नही किया जाता हैं तो कर्मचारी उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे। साथ ही निगम कार्मिक चंद्रप्रकाश मिर्धा ने सभी कर्मचारी साथियों से आव्हान किया हैं कि वह सभी अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर कार्य करे एवं ट्विटर पर मुख्यमंत्री और उर्जा मंत्री को मांगो को लेकर टेग करे। कार्यालय सहायक अभियंता विद्युत डिस्कॉम मूंडवा परिसर में श्री गोविंद मिर्धा, चंद्र प्रकाश मिर्धा, रामलाल, मनसब खान, हजारी राम, ओम प्रकाश, धीरज राज, भूराराम मुंडेल, राकेश खटीक, अनिल जाखड़, ऋषभदेव, सनत कुमार मिश्रा, सुधाकर, रणवीर, गौतम, विजय कुमार, राजकुमार, रणजीत, जगदीश चौकीदार सहित इत्यादि बिजली कर्मी उपस्थित थे.
यह हैं प्रमुख मांगे:
अजमेर विद्युत डिस्कॉम मूंडवा के समस्त बिजली कर्मचारियों ने बताया कि ज्ञापन में राज्य सरकार के अन्य विभागों की तरह ही बिजली विभाग में 01.01.2004 एवं इसके बाद नियुक्त बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने, इंटर डिस्कॉम ट्राँसफर नीती बनाए,अति आवश्यक सेवाओं में विभाग को शामिल करने पर बिजली विभाग के कर्मचारियों को हार्ड ड्यूटी अलॉउंस 5 हजार रूपए प्रतिमाह देने, पदनाम बदलने, जयपुर की तर्ज पर तकनीकी कर्मचारियों का अपग्रेडशन जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम में लागू करने, आरजीएचएस योजना को अन्य विभागों की भांति लागू करने, बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली फ्री देने, नए केडर में आॅप्शन ले चुके डिप्लोमाधारी तकनीकी कर्मचारियों को पुराने केडर में 01.04.2018 व 01.04.2019 की स्थिति मेंप्रमोशन देने, विधुत निगमों में भी सुपरवाईजर पद पर पदोन्नत कर्मचारियों को सहायक अभियंता के कुल स्वीकृत पदों के 10 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति देने, विद्युत संशोधन बिल 2022 का विरोध करने, वर्ष 2015 की टूल डाऊन हड़ताल के कारण दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग शामिल हैं।
