शिक्षक बना शैतान—गुरूकुल में पढ रहे बच्चे के साथ अमानवीय व्यवहार, आरोपी को किया सस्पेंड
निर्दयता की हद पार की दी एक गुरू कहलाने वाले ने, बाल कल्याण समिति ने संभाला मोर्चा
नागौर। गोठमांगलोद स्थित दधिमथी वैदिक गुरुकुल शिक्षण संस्थान में एक अध्यापक द्वारा वहां रह कर शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे के साथ इतनी निर्दयता बरती कि बच्चे की बैठक सूज गई और जगह-जगह फुोले उभर आए। इस बेरहम मारपीट का कारण अभी तक समझ में नहीं आ पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि बच्चों द्वारा खेल के दौरान शोर मचाने और पूछे जाने पर मंत्र नहीं बोल पाने पर अध्यापक ने अपना गुस्सा निकाला और डंडों से बुरी तरह से उसे कूट डाला। बच्चे के रोने-चिल्लाने पर भी उस अध्यापक को कोई फर्क नही ंपड़ा और बुरी तरह से पीट डाला।
बाल कल्याण समिति ने लिया प्रसंज्ञान/ गुरूकुल से निष्कासित
इस बात की खबर बाल कल्याण समिति ने इस मामले को गंभीर मानते हुए इसका ंप्रसंज्ञान लिया है। समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया कि इस मारपीट के मामले में विधिक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इधर श्री दधिमथी वैदिक गुरूकुल गोठ मांगलोद के निदेशक सुभाश मिश्र ने गुरूकुल के आरोपी आचार्य विशाल शर्मा को गुरूकुल से तत्काल निष्कासित करते हुए उन्हें गुरूकुल छोड़ने के आदेश दिए हैं। इस आदेश पत्र में लिखा गया है कि 29 जुलाई को गुरूकुल के बटुक के साथ अनुचित व्यवहार किया गया, जो इस ट्रस्ट की विचारधारा से किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। इसलिए आचार्य पद की सेवाओं से तुरन्त हटाया जाकर निष्कासित करते हुए गुरूकुल परिसर को शीघ्र छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
15 साल के बच्चे ने पांच माह पूर्व ही लिया था प्रवेश
इस घटना के बाद बच्चे के दादा व दादी गुरूकुल पहुंचे और बच्चे की हालत देखकर रो पड़े। बच्चा बैठने में असमर्थ हो गया था। इस बच्चे की पिटाई और उससे बने घावों, छिली हुई चमड़ी व निशानों की वीडियोग्राफी करवाई गई। यह विद्यार्थी मात्र 15 साल का ही है और गम फरवरी में उसने गुरूकुल में प्रवेश लिया था। वह गुरूकुल में रह कर सप्तवर्षीय पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहा था। पिटाई के कारण उसकी तबीयत खराब होने पर गुरुकुल से कॉल कर उसके दादा-दादी को बुलाया। दादा और दादी दोनों बच्चे की हालत देखकर हैरान रह गए। उनकी आंखें भर आईं। गुरुकुल में कुल 47 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। आरोपी अध्यापक विशाल शर्मा 4 महीने पहले ही इस गुरुकुल से जुड़ा था।