संकल्प से रोकी जा सकती है मन, वचन, काया व कार्य द्वारा की जाने वाली हिंसा- मुनिश्री विजय कुमार
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह सम्पन्न
लाडनूं। स्थानीय अणुव्रत समिति के तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का समापन अन्तिम दिवस अहिंसा दिवस मना कर किया गया। यहां पहली पट्टी स्थित ऋषभद्वार भवन में आयोजित कार्यक्रम में सान्निध्य प्रदान करते हुए मुनिश्री विजय कुमार ने अणुव्रतों की संकल्प शक्ति को स्पष्ट करते हुए बताया कि अदृश्य हिंसा को तो रोका नहीं जा सकता, लेकिन संकल्प से किसी भी छोट से छोटे प्राणी की मन, वचन, काया व कार्य द्वारा हिंसा नहीं किए जाने का प्रयास किया जा सकता है। कार्यक्रम में मुनिश्री तन्मय कुमार ने गीतिका प्रस्तुत की। समिति के संरक्षक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि आदमी अपने विवेक से रहे, तो इस हिंसा को कम किया जा सकता है। उन्होंने अहिंसा से जुड़े महात्मा गांधी से सम्बंधित कुछ प्रेरक प्रसंग भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद ने अणुव्रत को मानव धर्म बताया और कहा कि यह नैतिक आंदोलन है, जो सभी तरह की समस्याओं का समाधान करने में समर्थ है। समिति के मंत्री डॉ. वीरेंद्र भाटी मंगल ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि अणुव्रत व अहिंसा से विश्वशांति संभव है। कार्यक्रम में मेहनाज बानो ने भी अपने विचार रखे। प्रारंभ में अणुव्रत समिति की महिला सदस्यों व मौलाना आजाद उच्च माध्यमिक विद्यालय की बालिकाओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्थानीय मौलाना आजाद उच्च माध्यमिक विद्यालय के निदेशक बहादुर खां व मेहनाज बानो को दुपट्टा व साहित्य भेंट कर समिति की ओर से सम्मान किया गया। अंत में समिति के उपाध्यक्ष अब्दुल हमीद मोहिल ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में राधेश्याम शर्मा, राकेश कुमार जैन, राजेश नाहटा, मोहम्मद अयूब, रणजीत खटेड़, मन्नालाल बैद, अंजना शर्मा, प्रेम बैद, राज कोचर, अनिता चौरड़िया आदि उपस्थित थे।