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स्कूल के लिए निकली सातवीं की छात्रा के स्कूल के बजाय खेतों में मिलने पर बनी अपहरण की कहानी, सीसी टीवी कैमरों ने खोला राज और सामने आई हकीकत में अपहरण की कहानी निकली झूठी,

स्कूल के लिए निकली सातवीं की छात्रा के स्कूल के बजाय खेतों में मिलने पर बनी अपहरण की कहानी,

सीसी टीवी कैमरों ने खोला राज और सामने आई हकीकत में अपहरण की कहानी निकली झूठी,

ननिहाल जाने के लिए बालिका ने खुद रची अपहरण की कहानी

मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। पंचायत समिति मूंडवा के अन्तर्गत गांव रूण में शनिवार को एक नाबालिक बच्ची के अपहरण की सूचना ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए। सोशल मीडिया पर इसकी सूचना मिलते ही कुचेरा थानाधिकारी विमला चौधरी मय टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों से और बालिका से अलग-अलग जानकारी लेकर अपनी टीम को इस जानकारी की ताईद के लिए बालिका के बताए मार्ग पर भेजा गया। इस टीम में रूण बीट अधिकारी सुरेश ग्वाला, बलदेवराम बाना और हेड कांस्टेबल दयाराम थे। इन्होंने सोनीजी की फैक्ट्री में इस मार्ग पर लगे दो कैमरे देखे और पूरी रिपोर्ट थानाधिकारी को दी। थानाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने इस बालिका से लगभग 4 घंटे तक अलग-अलग तरीके से और फिर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की। बालिका को बताया गया कि सीसीटीवी कैमरे में अस्पताल से घटनास्थल तक आप अकेली नजर आ रही हो, वहां पर कोई कार नहीं थी, बालिका ने तब थानाधिकारी विमला चौधरी को सच्चाई बता दी।

बालिका ने बताया कि उसकी मां अपने पीहर समीपवर्ती गांव नोखा चांदावता गई हुई है और उसको साथ लेकर नहीं गई और पिताजी कृषि कार्य के लिए कहीं गए हुए थे। ऐसे में उसे स्कूल नहीं जाना था और परिजनों को बिना बताए ही गांव से निकल कर 7 किमी करीब की दूरी पर स्थित ननिहाल नोखा चांदावता के लिए निकल गई। रास्ते में जब उसे खेतों में काम करने वाले पहचान वाले मिल गए तो अपनी कार्रगुजारी छिपाते हुए उसने डरते हुए अपहरण की मनगढ़ंत कहानी सुना दी। अपनी बनाई हुई इस झूठी कहानी पर.वह कायम रही। उधर अपहरण की सूचना वायरल होते ही रूण सहित आसपास के गांवों के अभिभावकों में भी खलबली मच गई और सभी स्कूलों के संचालकों के पास फोन आने शुरू हो गए कि हमारे बच्चों को अकेला नहीं भेजें। वही ढाणियों में रहने वाले किसान भी घटनास्थल की ओर आ गये। इस प्रकार दिन भर रूण गांव सहित आसपास के गांवों से भी अपहरण के इस मामले की चर्चा और खुलासे की उत्सुकता थी।

उधर बालिका के परिजन पप्पूराम पुत्र दीपाराम गुर्जर ने बताया कि उनके भाई भिंयाराम गुर्जर की बेटी सरकारी स्कूल में कक्षा सात की छात्रा है। वह रोज की तरह ही सुबह 7.30 बजे घर से स्कूल के लिए निकली थी, मगर आधे घंटे बाद ही उसके अपहरण की खबर वायरल होने लगी, जिससे उनके हाथ-पांव फूल गए। हमने थाने में सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम ने अपहरण की कहानी के झूठ का पूरा खुलासा कर दिया। इस कार्य में ग्रामीणों, मीडिया और जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस का पूरा सहयोग किया। इस मौके पर सरपंच इंदिरा देवी गोलिया, समाजसेवी रामेश्वर गोलिया, भामाशाह भंवरलाल मेघवाल, उमेदराम देवासी, तारीफ अली, सीएलजी सदस्य फखरुद्दीन खोखर सहित काफी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इनका कहना है

पीड़िता को बाल कल्याण समिति नागौर के समक्ष पेश किया गया, जहां से समिति ने बालिका को परिजनों के सुपुर्द करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जागरूक ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से जगह-जगह पर आप सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने का आह्वान किया है। रूण गांव में पूर्व में भी सीसीटीवी कैमरों से कई वारदातों के खुलासे हुए हैं।
– विमला चौधरी, थानाधिकारी, कुचेरा।

 

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