CM गहलोत का बड़ा ऐलान :
राजस्थान में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में फिर होंगे छात्रसंघ चुनाव
जयपुर। राजस्थान के लाखों स्टूडेंट्स का इंतजार खत्म हो गया है। प्रदेश में 2 साल बाद एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं। शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। जिसके बाद NSUI, ABVP समेत सभी छात्र संगठन ने खुशी जाहिर की है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव राजनीती की पहली सीढी माना जाता रहा है। यहां तक मौजूदा सरकार में भी कई मंत्री और विधायक इसी यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीतकर सक्रीय राजनीती में पहुचे है। लेकिन पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगने से छात्रनेता चुनाव नहीं लड़ पाए थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “आज के विद्यार्थी ही देश का भविष्य हैं। विद्यार्थी संगठनों की मांग को देखते हुए एवं विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समझ बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने हेतु विभाग को निर्देश दिए गए हैं। सभी विद्यार्थी संगठन संबंधित कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी की गाइडलाइंस की पालना करते हुए उत्साह से चुनावों में भाग लें। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं।”
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव के ऐलान के बाद एनएसयूआई ने खुशी जाहिर की। NSUI के प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा कि पिछले दिनों NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत से मिल छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की थी। सीएम गहलोत ने युवाओं की मांग को पूरा करते हुए प्रदेश में एक बार फिर चुनाव कराने का फैसला किया है। जो स्वागत योग्य कदम है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस बार प्रदेशभर में शांतिप्रिय चुनाव होंगे। जिसमें छात्रों के मुद्दों को उठाने वाले छात्र नेताओं को आगे आने का मौका मिलेगा।
वहीं ABVP के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि हमारा संगठन पिछले लंबे वक्त से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग कर रहा था। जिसे आखिरकार कांग्रेस सरकार को भी मानना पड़ा है। अब एक बार फिर राजस्थान के छात्रों को अपनी आवाज बुलंद करने का मौका मिलेगा। ऐसे में मुझे उम्मीद है की प्रदेश में छात्र संघ चुनाव के माध्यम से इस गूंगी बहरी सरकार के खिलाफ प्रदेश की युवा एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
दरअसल, काेराेना शुरू हाेने के बाद जहां क्लासेज और कैंपस दोनों ही छात्रों के लिए बंद हाे गए थे। वहां छात्रसंघ चुनावों काे भी अनुमति नहीं मिली। उसके बाद राज्यपाल द्वारा गठित टास्क फोर्स ने भी छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का सुझाव दिया। वहीं दूसरे साल भी चुनाव नही हाे सके थे। बता दें कि जयपुर, जोधपुर समेत प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में लाखों छात्र चुनावों से जुड़ते हैं। अकेले राजस्थान राजस्थान यूनिवर्सिटी में ही 28 हजार छात्र वोटर हैं।