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विधायक मुकेश भाकर ने महिला सुरक्षाकर्मी का हाथ काट खाया, 6 महिनों के लिए विधानसभा सदस्यता से सस्पेंड किया सदन की गरिमा भंग करने का आरोप, भाकर व स्पीकर ने भी लगाए एक-दूसरे पर आरोप

विधायक मुकेश भाकर ने महिला सुरक्षाकर्मी का हाथ काट खाया, 6 महिनों के लिए विधानसभा सदस्यता से सस्पेंड किया

सदन की गरिमा भंग करने का आरोप, भाकर व स्पीकर ने भी लगाए एक-दूसरे पर आरोप

  • भाकर को निलम्बन-काल (छः माह तक) में नहीं मिलेगी ये सुविधाएं-
    विधायक के तौर पर मिलने वाले वेतन-भत्तों और सुविधाओं से वंचित रहेंगे।
    – विधायक मुकेश भाकर अब विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
    – विधायक के रूप में विधानसभा की समितियों की बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे।
    – विधानसभा के लिए किसी प्रकार का कोई सवाल नहीं भेज/लगा पाएंगे।

जयपुर/ लाडनूं (kalamkala.in)। विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को छह महिने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में दो दिनों से लगातार लाडनूं विधायक का हंगामा चर्चा में रहा। उन्हें सोमवार को भी निलम्बित किया जाकर मार्शलों द्वारा उन्हें सदन से निकाले जाने की कवायद की गई थी। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्पीकर द्वारा मंजूर कर लिया गया। भाकर को निलंबित करने के बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

शर्म आनी चाहिए मुकेश भाकर को

मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भाकर को 5 अगस्त को निलंबित करने के बाद सदन से चले जाना चाहिए था। स्पीकर ने उन्हें बार-बार सदन से जाने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेशों की अवहेलना की। जब उन्हें बलपूर्वक बाहर भेजने का प्रयास किया, मार्शल बुलाए तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों का हाथ पर काट खाया, उनमें एक महिला सुरक्षाकर्मी थी। उन्हें शर्म आनी चाहिए। गर्ग ने कहा कि विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 292-3 में यह प्रावधान है कि निलंबित विधायक को तत्काल सदन की सीमाओं से बाहर चले जाना चाहिए। लेकिन भाकर ने अब तक ऐसा नहीं किया। पूरा प्रतिपक्ष उन्हें संरक्षण दे रहा है। ऐसे अभद्र व्यवहार करने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का हक नहीं है। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने निलंबित विधायक मुकेश भाकर को बाहर भेजने को कहा था।

सीधे आमने-सामने आए मुकेश भाकर और स्पीकर

निलंबन के बाद मुकेश भाकर ने कहा कि यह फैसला भाजपा के दबाव में लिया गया। हम कानून मंत्री के बेटे की गलत तरीके से नियुक्ति के बारे में बात करना चाहते थे। पहले स्पीकर ने कहा कि आप सीट पर जाएं, मैं व्यवस्था देता हूं। हम सीट पर गए तो स्पीकर ने कहा कि आप लिखित में दीजिए, मैं परीक्षण करके कल समय दूंगा। जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे, तो भाजपा नेता बीच में खड़े होकर बोलने लगे। मैंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है तो आपको अधिकार नहीं है। उतने में पूरी भाजपा खड़ी हो गई। स्पीकर साहब पहले से तय करके आए थे, पहले भी दो-तीन बार टोक चुके थे। विधानसभा में भाजपा सरकार फेल हो रही है, मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे थे। उसका बचाव करने की जिम्मेदारी स्पीकर ने अपने ऊपर ली। स्पीकर पहले से बार-बार ये कह रहे थे कि यूनिवर्सिटी से आए छात्र नेता सुधर जाओ, तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा। बिना वोटिंग जल्दबाजी में सस्पेंशन हुआ। मार्शलों ने हमारी महिला विधायकों के साथ जिस तरीके का बर्ताव किया, जैसा सड़क पर झगड़ा होता है, वैसी नौबत आई।

हंगामे के साथ ही शुरू हुई दूसरे दिन भी कार्यवाही

विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही भी हंगामे के साथ शुरू हुई। सोमवार से धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन रद्द करने पर अड़े रहे। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर बहस हुई थी। विपक्ष की नारेबाजी पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा था कि पहले निलंबित विधायक को बाहर भेजिए और प्रश्नकाल चलने दीजिए। फिर बात सुनी जाएगी। उधर, दिनभर विधानसभा में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को निलंबित करने के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा। धरने पर बैठे विधायक रात तक रामधुनी करते रहे। विधायकों ने विधानसभा में ही रात गुजारी। मंगलवार को भी दिनभर धरना जारी रहा।

कांग्रेस ने लगातार नारेबाजी करके गतिरोध जारी रखा

विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायकों द्वारा बनाया गतिरोध मंगलवार को भी बरकरार रहा। कांग्रेस पहले निलंबित विधायक मुकेश भाकर को बहाल करने पर अड़ी रही और स्पीकर निलंबित विधायक मुकेश भाकर को पहले सदन से बाहर भेजने के बाद ही आगे बात करने पर अड़े रहे। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधायकों ने कानून मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाए। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने निलंबित विधायक को बाहर भेजने को कहा। स्पीकर ने कहा कि पहले पहले निलंबित विधायक को बाहर भेजिए और प्रश्नकाल चलने दीजिए फिर बात सुनी जाएगी। कांग्रेस विधायकों ने इसके बाद भी नारेबाजी जारी रखी और हंगामा के बीच प्रश्नकाल चलता रहा, कांग्रेस विधायक वैल में नारेबाजी करते रहे। निलंबन वापसी की टाइमिंग पर बात नहीं बनी, इसलिए धरना जारी रहा। कांग्रेस की रणनीति सबसे पहले मुकेश भाकर के निलंबन को वापस करवाने की रही।

मुकेश भाकर ने अभद्र इशारे किए, सदन की गरिमा भंग की

स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में बने गतिरोध के बाद लिखित बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस को निशाने पर लिया। स्पीकर ने बयान में कहा- सदन में किसी सदस्य का आसन की ओर अभद्र इशारों का प्रदर्शन शर्मनाक है। प्रतिपक्ष का ऐसे सदस्य का पक्ष लेना बेहद निन्दनीय है। ऐसे सदस्य का बचाव किया जाना भी अशोभनीय है। निलंबन का कदम सदन की गरीमा की रक्षा के लिए उठाया गया। देवनानी ने कहा- आसन से पांच बार प्रतिपक्ष नेता को नियमों के तहत मामला उठाने और व्यवस्था दिए जाने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद भी विधानसभा में प्रतिपक्ष का हठधर्मिता का प्रदर्शन करते हुए वेल में आना, सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। सदन में नेता प्रतिपक्ष ने जो मामला उठाया वो कोर्ट में विचाराधीन है। जो मामला कोर्ट में है उसकी विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती।

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