लोगों के बैंक खाते किराए पर लेकर करोड़ों का अवैध कारोबार चलाने का मामला आया सामने,
डीडवाना से पकड़े गए 4 अपराधियों पर जयपुर सहित त्रिपुरा व तेलंगाना राज्यों में भी साइबर अपराध के प्रकरण,
पुलिस ने 1 लाख 10 हजार रूपये नगद, 6 मोबाईल फोन, 6 सिम कार्ड, 16 एटीएम कार्ड, 2 चैकबुक, 1 बिना नम्बरी मोटरसाइकिल और 1थार गाड़ी जप्त की
डीडवाना (kalamkala.in)। गरीब, बेरोजगार और आमजन के बैंक खातों को किराये पर लेकर साइबर अपराध में काम में लिया जाने का अवैध कारोबार चलाने वाले 4 साईबर अपराधियों को डीडवाना पुलिस ने धर-दबोचने में कामयाबी हासिल की है। इन आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 1 लाख 10 हजार रूपये नगद, 6 मोबाईल फोन, 6 सिम कार्ड, 16 एटीएम कार्ड, 2 चैकबुक जप्त किए हैं। इनके अलावा इन अपराधियों से मौके पर 1 थार गाड़ी व 1 बिना नंबरी मोटरसाईकिल भी जप्त की गई है। इन पकड़े गए आरोपियों के विरूद्ध कई अन्य राज्यों में भी साइबर अपराध के मामले व शिकायतें दर्ज हैं। प्रारंभिक जांच में इन अपराधियों द्वारा विभिन्न बैंक खातों में 10 करोड़ रूपये से अधिक का अवैध लेनदेन करना भी पाया गया। इस साईबर अपराधियों के गिरोह के पास विभिन्न बैंक खातों पर 8 साइबर शिकायतें दर्ज होना पाई गई है। यह कार्रवाई पुलिस थाना डीडवाना, साइबर सेल व डीएसटी डीडवाना द्वारा की गई।
इस प्रकार दी गई पुलिस द्वारा दबिश
डीडवाना पुलिस को गत 29 अक्टूबर को साइबर अपराध कारित होने के बारे में सूचना मिली, जिस पर थाने से एसआई अयूब खां मय जाप्ता एवं साइबर सेल जाप्ता के साथ डीडवाना में अमरपुरा रोड स्थित एक मकान पर पहुंचे। वहां एक कमरे के अन्दर लड़के मिले। उनके पास जो मोबाइल फोन मिले, उनका विश्लेषण जब साइबर टीम द्वारा गया तो आरोपियों के मोबाईल फोनों में दर्जनों अन्य व्यक्तियों के नाम से बैंक खाते व बाइनेंस प्रो-ऐप डाउनलोड मिले, जिसके मार्फत यूएसडीटी व साइबर फ्रॉड राशि का लेन-देन करना पाया गया। इस पर आरोपियों के कब्जे से साइबर फॉड की राशि 1 लाख 10 हजार रूपये नगद, कुल 6 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड, 2 चैकबुक, 16 एटीएम कार्ड, 2 पेन कार्ड, 1 आधार कार्ड, एक बिना नंबरी मोटरसाइकिल और एक थार गाड़ी मिली, जिन्हें जप्त किया गया।
साइबर विश्लेषण में करोड़ों का लेनदेन मिला
वहां मिले चार मुल्जिमानों मुकेश कुमार झुरिया (24) पुत्र भंवरलाल जाट, निवासी आजवा, सुनील मिर्धा (22) पुत्र चैनाराम जाट निवासी दुदोली, मनीष तेतरवाल (22) पुत्र दोलाराम जाट, निवासी बावड़ी (मौलासर) और सुरेश कुमार (23) पुत्र मोहनराम जाट निवासी बैगपुरा चावंडिया (चितावा) को गिरफ्तार किया गया। इन चारों गिरफ्तार मुल्जिमानों के मोबाइल विश्लेषण में विभिन्न बैंकों के दर्जनों खातों में करोड़ों रूपयों का लेनदेन हो रखा था। मुल्जिमानों द्वारा यूएसडीटी की खरीद-फरोख्त कर साइबर ठगी के रूपये फर्जी खातों में जमा करवाना सामने आया है। प्रारंभिक अनुसंधान में गिरफ्तार मुल्जिमानों के बैंक खातों के विश्लेषण से गैंग के विरूद्ध पुलिस थाना कालाडेरा, जयुपर पर 50 लाख से अधिक राशि की साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज है। इसी प्रकार त्रिपुरा, तेलंगाना राज्यों में भी क्रमशः 92 लाख 40 हजार एवं 8 लाख 30 हजार की साइबर फ्रॉड की शिकायते दर्ज हैं, जिसके संबंध में विस्तृत अनुसंधान जारी है। मुल्जिमानों के अन्य सहयोगी एवं इस प्रकार के अपराध कारित करने वालों का पता लगाया जाकर आगामी कार्रवाई की जायेगी।
इस पुलिस टीम के प्रयास को मिली सफलता
यह सम्पूर्ण कार्यवाही पुलिस महानिदेशक राजस्थान, जयुपर के मार्गदर्शन में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं आमजन में साइबर जागरूकता लाने के उद्देश्य से राज्य में लगातार किए जा रहे प्रयासों के क्रम में जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद (आई.पी.एस.) के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा डीडवाना व वृताधिकारी धरम पुनियां (आर.पी.एस.) डीडवाना के निकटतम सुपरविजन में थानाधिकारी डीडवाना राजेन्द्र सिंह (पुलिस निरीक्षक) के नेतृत्व में साइबर अपराध के संबंध में प्रभावी कार्रवाई करते हुए सफलता प्राप्त की गई। इस कार्रवाई में शामिल टीम में सीआई राजेन्द्र सिंह के अलावा एसआई अयुब खां, एचसी गजेन्द्र सिंह, कांस्टेबल प्रहलाद सिंह, सुशील (डीएसटी), गोविंदराम, सुरेश, सत्यम, महेन्द्र (2052), महेन्द्र (1453), कौशल, मदनगोपाल, सुनील, राजेन्द्र, चालक सुखचरण व ताराचंद तथा साइबर सेल के सिपाही ताराचंद, आत्माराम व रवि बारूपाल शामिल रहे।
आमजन से सावधानी की अपील-
1. किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक खाते का एक्सेस नहीं देंवे।
2. मनी म्यूल नहीं बनें।
3. अपना बैंक खाता किसी भी अन्य व्यक्ति को उपयोग हेतु नहीं देवें।
4. अपना बैंक का लेनदेन स्वयं करें।
5. अनजान व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार कि ओटीपी साझा नहीं करें।
6. अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक नहीं करें।
7. साइबर अपराध से संबंधित घटना घटित होते ही तुरंत 1930 पर कॉल कर या नजदीकी पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज करावें।
