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लाडनूं की मस्जिद में हुई एक सादगी पूर्ण तरीके से शादी, न भव्य भोज, न डीजे, न आतिशबाजी और दहेज का तो नामोनिशान तक नहीं रहा, समस्त फिजूलखर्ची पर लगाई रोक

लाडनूं की मस्जिद में हुई एक सादगी पूर्ण तरीके से शादी,

न भव्य भोज, न डीजे, न आतिशबाजी और दहेज का तो नामोनिशान तक नहीं रहा, समस्त फिजूलखर्ची पर लगाई रोक

अबू बकर बल्खी, पत्रकार। लाडनूं (kalamkala.in)। बिना किसी भी फालतू खर्च के सभी कुप्रथाओं का त्याग करते हुए यहां मस्जिद में सम्पन्न करवाई गई शादी को लेकर लोगों में चर्चा रही। यह आदर्श विवाह यहां जावा बास रहने वाले हाकम अली खां मलकाण की पुत्री अस्मां और डीडवाना निवासी दूल्हे अब्दुल रहमान पुत्र मेहबूब खान पहाड़ियान का हुआ था। यह विवाह यहां जावा बास स्थित मुबारक मस्जिद अहले हदीश में हुआ, जिसमें शेख इसहाक सनाबिली ने निकाह पढ़ाया।

सभी कुप्रथाओं को हटा कर किया निकाह

पूर्ण सादगी के साथ सम्पन्न इस विवाह में दुल्हन पक्ष की ओर से बारातियों के लिए जाने वाले भव्य भोज, दहेज प्रथा, डीजे, आतिशबाजी व अन्य बुराइयों का पूरा बहिष्कार करते हुए मिसाल पेश की गई। साथ ही दूल्हा पक्ष की ओर से भी दहेज नहीं लेना तय किया गया था। वर व वधु पक्षों की ओर से प्रस्तुत इस आदर्श को लेकर सभी को लोगों ने खूब प्रसंशा की।

ऐसे निकाह का आम प्रचलन होना जरूरी

इस अवसर पर लाडनूं से बसपा के विधानसभा प्रत्याशी नियाज मोहम्मद ने सामाजिक कुरीतियों व दहेज जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाने के लिए ऐसी निकाह का प्रचलन आम करने की आवश्यकता बताई। लियाकत अली खान, शकूर खान मोयल, भाणु खान टाक आदि ने भी अपने विचारों में आदर्श विवाह को सराहनीय और अनुकरणीय बताया।

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