घनी आबादी में 20 फीट चौड़ी सड़क होने पर भी मिलेंगे पट्टे
शहरों में घनी आबादी का मतलब 60 प्रतिशत भूखण्डों पर निर्माण होकर लोग बस चुके है। उन कॉलोनी में पट्टे मिल सकेंगे।
जयपुर। शहरों में घनी आबादी का मतलब 60 प्रतिशत भूखण्डों पर निर्माण होकर लोग बस चुके है। उन कॉलोनी में पट्टे मिल सकेंगे। राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 90-ए (8) एवं राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की अनुज्ञा व आवंटन) नियम 2012 में संशोधन किया जा चुका है। स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने इसके आदेश जारी किए है। आदेश के अनुसार घनी आबादी में 20 फीट रोड होनी चाहिए, ताकि एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड आदि जा सके। अगर मौके पर अधिक चौड़ी सड़क है, तो उसे रखा जाएगा। सर्वे जो किया जायेगा, उसमें केवल मौके पर सड़को की चौड़ाई व भवन रेखा देखी जावेगी। शर्ते यदि किसी कॉलोनी में पूरी हो रही है, तो उसका सुओ 90-ए कर के कार्रवाई की जाएगी। उस कॉलोनी का ले-आउट की आवश्यकता नहीं होगी। केवल उपरोक्त सर्वे के आधार पर पट्टे दिये जाएंगे।
ऐसी कॉलोनियों को अभियान अवधि में सघन आबादी क्षेत्र मानते हुये कॉलोनी के निवासियों के द्वारा व्यक्तिगत/सामूहिक प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये जाने पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सुओ धारा 90-ए ( 8 ) की कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में स्वीकृत हो चुके ले-आउट प्लानों के शेष पट्टे स्वीकृत ले आउट प्लान अनुसार ही जारी किये जाएंगे।