लाडनूं। जनार्दन राय नागर डीम्ड यूनिवर्सिटी डबोक उदयपुर से लाडनूं के जसवंतगढ रह रहे गोकुलदान खिड़िया (तहसीलदार) के पुत्र वैभव खिड़िया ने योग विषय में ‘महर्षि पतंजलि के योग-वशिष्ठ का विशिष्ट अध्ययन एवं वर्तमान समय में राजनीतिज्ञों के लिए दैनिक जीवन में उपयोगिता’ विषय पर अपना शोध प्रबंध पूर्ण किया। खिड़िया ने बताया कि इस शोध कार्य के लिए उन्हें बड़े भाई गौरव खिड़िया ने प्रेरित किया और माताजी व पिताजी गोकुलदान जी ने उन्हें अध्ययन का वातावरण उपलब्ध करवाकर प्रगति में सहायता प्रदान की। इस शोध कार्य के लिए पूजनीय दादी मां ज्ञान कंवर ने आशीर्वाद दिया। वैभव के लिए अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने में लक्ष्मण चारण का उल्लेखनीय योगदान रहा।
शोध के लिए प्रासंगिक विषय का चयन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जसवंतगढ़ की ब्रांच मैनेजर श्रीमती ज्योति चारण ने विद्या वारिधि के लिए चुने गए उनके विषय को वर्तमान की प्रासंगिकता बताया। सामाजिक कार्यकर्ता पवन भंडारी ने युवा साथी एवं अच्छे कार्यकर्ता को पीएचडी उपाधि मिलने पर हर्ष जताया। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कुमार तापड़िया, जिला परिषद सदस्य सदस्य श्रीमती सावित्री गर्वा, जसवंतगढ़ सरपंच श्रीमती बिरदी देवी, पंचायत समिति सदस्य यज्ञदत्त दायमा ने भी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। खिड़िया को ‘विद्या वारिधि’ उपाधि मिलने पर ग्राम पंचायत जसवंतगढ़ की ओर से भी हर्ष व्यक्त किया है।
सबको अपनी योग्यता बढानी चाहिए
श्री सूरजमल तापड़िया आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के समस्त स्टाफ ने अपने छात्रावास अधीक्षक को ‘विद्या वारिधि’ उपाधि मिलने पर शुभकामनाएं दी हैं। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ हेमंत कृष्ण मिश्र ने अन्य साथियों को भी विद्या वारिधि, नेट स्लेट आदि योग्यता बढ़ाने के लिए आह्वान किया। डॉ. शक्तिदान चारण ने वैभव खिड़िया को बधाई देते हुए शुभकामना दी है। कवि राजेश विद्रोही ने खिड़िया को ‘विद्या वारिधि’ उपाधि मिलने पर परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम बताया। लाडनूं पुलिस थाने के थानाधिकारी सीआई राजेंद्र सिंह कमांडो ने वैभव खिड़िया की उपलब्धि को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया।
जसवंतगढ के वैभव खिड़िया को अपने शोध प्रबंध पर ‘विद्या वारिधि’ (पीएचडी) मिली
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