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85 वर्ष की उम्र में भी जिंदा दिल इंसान है गीत और गजलकार डॉ. विनोद सोमानी हंस

मानसून के सुहावने मौसम में ‘‘म्हैं गाऊं मन रा गीत’’ पुस्तक का प्रकाशन

नारी शक्ति की प्रतिरूप स्वर्गीय डॉ. शकुंतला मित्तल किरण को समर्पित राजस्थानी भाषा की इस पुस्तक की समीक्षा मुख्यमंत्री के सलाहकार और सुप्रसिद्ध कवि फारुख अफरीदी ने की है।

अजमेर (एसपी मित्तल)। यूं तो देश में गजल, गीत आदि लिखने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन 85 वर्ष की उम्र में भी लेखन का कार्य किया जाता रहे तो यह इंसान की जिंदादिली ही है। ऐसी जिंदादिली अजमेर निवासी देश के ख्यातनाम गजल व गीतकार डॉ. विनोद सोमानी हंस दिखा रहे हैं। डॉ. हंस द्वारा लिखी ‘म्हैं गाऊं मन रा गीत’ नामक पुस्तक का प्रकाशन जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित साहित्यागार संस्थान की ओर से किया गया है। संस्थान के प्रमुख हिमांशु साहित्यागार ने बताया कि पुस्तक की सामग्री बेहद रुचिकर है। पुस्तक को मंगाने के लिए मोबाइल नंबर 9314202010 पर हिमांशु साहित्यगार से संपर्क किया जा सकता है। वहीं डॉ. विनोद सोमानी हंस का कहना है कि पुस्तक में जीवन के हर रंग का अहसास कराया गया है। इन दिनों जब मानसून का सुहावना मौसम चल रहा है, तब पुस्तक के गीत और गजलंे मन को आनंदित करेंगी।
डॉ. हंस ने अब तक 32 पुस्तकें लिखी हैं, इनमें से 9 राजस्थानी भाषा की है। जबकि शेष हिन्दी भाषा में है। ‘हैं गाऊं मन रा गीत’ पुस्तक को डॉ. हंस ने अध्यात्म, साहित्य, राजनीति एवं नारी शक्ति की प्रतिरूप और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत स्वर्गीय डॉ.शकुंतला मित्तल किरण को समर्पित किया है। पुस्तक की समीक्षा राजस्थान के सुप्रसिद्ध कवि और मुख्यमंत्री के सलाहकार फारुख अफरीदी ने लिखी है। अफरीदी का मानना है कि पुस्तक में लिखे गीत और गजलों की भाषा हर व्यक्ति को सुहावनी लगेगी। पुस्तक में लिखे गीत के माध्यम से राजस्थान की वीरता और बलिदान का भी अहसास कराया गया है।
पुस्तक में प्रकाशित एक गीत-
सांची नाव
सतगुरु थांरी सांची नाव।

दरसण चावै अरपण कर दै,
क्यूं बाजारां पूछै भाव।
सतगुरु थांरी सांची नाव।।

यो संसार भटक रह्यौ है,
खोज फिरै गाँव-गाँव।
सतगुरु थांरी सांची नाव।।

मन दौड़ाया पार पड़े ना,
किया मिलेली ठांव।
सतगुरु थांरी सांची नाव।।

सतगुरु एक आसरौ सांचौ,
जठै मिलैली छांव।
सतगुरु थांरी सांची नाव।।
इस पुस्तक के लेखन के लिए मोबाइल नंबर 9351090005 पर डॉ. विनोद सोमानी हंस की हौंसला अफजाई की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि हंस के पुत्र श्याम सोमानी अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के उपाध्यक्ष हैं। श्याम सोमानी को भी अपने पिता की उपलब्धियों पर गर्व है।

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