Download App from

Follow us on

Ladnun police लाडनूं पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के 3 चोरों को पकड़कर 32 चोरी की गाडिय़ां बरामद की

महंगे मॉडल के इन वाहनों की कीमत 40 लाख रूपए, वाहन-मैकेनिकों व कबाड़ियों से मिले सूत्र, गुजरात तक फैले थे चोरों के तार

लाडनूं ladnun । लाडनूं  पुलिस ladnun police  ने बडी कार्यवाही को अंजाम देते हुए यहां लम्बे समय से सक्रिया दुपहिया वाहनों की चोरी करने और उन्हें खुर्दबुर्द करने वाले अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया। इस चोरों के कब्जे से पुलिस ने चोरी करके लाए गए 32 दुपहिया वाहन भी बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। इतनी बड़ी तादाद में एक साथ वाहनों की चेारी करने का इस क्षेत्र का यह पहला मामला है। ये बरामद किए गए सभी दुपहिया वाहन महंगे मॉडल के है, जिनकी बाजार कीमत लगभग 40 लाख रूपये है। आरोपी राजस्थान के अन्य जिलांे तथा गुजरात से भी वाहन चोरी करके लाकर उन्हें खुलवा कर उनके पार्टस को अलग-अलग खोल करके अलग-अलग करके स्थानीय कबाड़ी मार्केट में बेच देते थे।
वाहन चोरी पर अंकुश के लिए गठित की थी टीम
जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी के आदेशानुसार जिले में बढ़ रही वाहन चोरियो पर अंकुश लगाने के लिये जिला के सभी थानाधिकारियो को आदेश दिये गये थे, जिस पर लाडनूं पुलिस थाने के थानाधिकारी द्वारा थाना स्तर पर एक टीम का गठन करके अपने मुखबिरों व अन्य माध्यमों से सूचनाएं लेने और चोरी के वाहनो के सम्बंध में विस्तृत कार्यवाही करने का कार्य शुरू किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमलसिहं नेहरा के सुपरविजन व वृताधिकारी गोमाराम के निर्देशन में थानाधिकारी राजेन्द्रसिंह कमांडो व टीम द्वारा वाहन चोरों की इस गैंग का पर्दाफाश कर अर्न्तराज्यीय वाहन चोर गिरोह के 3 शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनसे चुराये गये हाई मॉडल के 32 दुपहिया वाहन बरामद किए गए हैं। इन बरामदसुदा चोरी के वाहनों में ज्यादातर महंगी मोटरसाइकिलें रॉयल इनफिल्ड, हीरो, एचएफ डिलक्स, स्पलैण्डर व स्कूटी आदि हैं।
वाहन-मैकेनिकों व कबाड़ियों से मिली जानकारी
सीआई कमांडो को जानकारी मिली थी कि लाडनूं में दुपहिया वाहन मैकेनिक वाहनों में पार्ट्स बदलने का काम करते हैं, वे चोरी की गाड़ियों से निकाले हुए होते हैं। इसके बाद पता लगाया तो एक मैकेनिक ऐसा करते पाया गया, जो चोरी के वाहन से निकाले गए पुर्जे सर्विस के लिए आई दूसरी गाड़ियों में सेट कर रहा था और उनके पुर्जे निकाल रहा था। टीम का गठन करके पूरा पता लगाया जाने पर अन्य स्थानों पर भी ऐसा किया जाना मिला। तब से लगातार 15 दिनों तक टीम सक्रिय रही और सूचनाएं संकलित की जाती रही। शहर में अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सक्रिय होने तथा मोटरसाइकिल मैकेनिकों द्वारा चोरी की मोटरसाईकिल के पार्टस बदलने का कार्य ना ताईद होता गया। इस पर इस पुलिस टीम ने मोटरसाइकिल मैकेनिक की दुकानों और कबाडियांे को चिह्नित कर उनके पास आने वाले संदिग्ध लोगों की निगरानी रखनी शुरू की। लगातार 15 दिनों की इस चौकसी से उन्हें बहुत ही चाैंकाने वाले तथ्यों से सामना करना पड़ा। यह सूचना भी पुलिस को मिली कि अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के कुछ सदस्य लाडनूं मे सक्रिय हैं, जो नागौर, सीकर, चूरू व गुजरात के अनेक जिलों से वाहन चुराकर आसपास के क्षेत्र मे बेच रहे हैं। इस विशेष टीम द्वारा निरन्तर निगरानी रखे जाने पर लाडनूं थाना क्षेत्र की चोरी हुई मोटरसाइकिलों के साथ नागौर जिले के विभिन्न थानों नावां, कुचामन सिटी, डीडवाना तथा चूरू व सीकर जिलों से भी वाहन चोरियों का पता चला। साथ ही ये लोग वाहनांे के पार्ट्स की अदला-बदली भी कर रहें है। यहां के निगरानी में आए इन मोटरसाइकिल मैकेनिकों से पूछताछ में मोटरसाइकिल वाहन चोर गिरोह के सदस्यों के बारे में जानकारी मिली।
कोड शब्दावली का करते थे प्रयोग
इस वाहन चोर गिरोह के सदस्य आपस की बातचीत में कोड भाषा का प्रयोग करते थे, जिससे उनसे सूचनाओ का सटीक संकलन करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। साथ ही इस गिरोह के सदस्य पुलिस के अभियान के बारे में संदेह होने पर बार-बार अपनी जगह बदल रहे थे। आखिर में पुलिस ने चोर गिरोह के शातिराना अंदाज को मात देते हुए गिरोह को अपने शिकंजे में लिया। गिरफ्तार किए गए वाहन चोरी के मुल्जिमों में अरशद (20) पुत्र मोहम्मद अली सिलावट निवासी गली नं 26 तेली रोड, समीर (20) पुत्र मोहम्मद इकराम व्यापारी निवासी पोस्ट ऑफिस के पीछे लाडनूं तथा मोहम्मद नईम (24) पुत्र मोहम्मद असगर छींपा निवासी गली नं 34 तेली रोड लाडनूं शामिल हैं। इन तीनों मुल्जिमान अरशद, समीर व मोहम्म्द नईम द्वारा चुराये गये 32 दुपहिया वाहन पुलिस ने बरामद किए। थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह कमांडो ने बताया कि ये चोर आपसी बातचीत और मोबाईल पर बात करने के लिए कोड शब्दों का प्रयोग करते थे, ताकि पुलिस को कोई संदेह नहंी हो पाए। इनके द्वारा सुजानगढ के लिए ‘सुरज्या को घर’ और आबू रोड के लिए ‘अब्बू खान के घर’ आदि शब्द और साधारण बाईक के लिए ‘बकरी’ तथा एनफील्ड मोटर साईकिल के लिए ‘हाथी’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता था।
एक सौ बाईक चोरी कबूली, बाकी याद तक नहीं
पकड़े गए तीनों वाहन चोरी के मुलजिमान पिछले डेढ साल से यह वाहन चोरी करने और उन्हें खुर्दबुर्द करने का काम कर रहे थे। इन्होंने अब तक 100 से अधिक दुपहिया वाहन चुराने की वारदातों को पुलिस के समक्ष कुबूल किया है। इनका कहना है कि इससे भी ज्यादा वारदातें कर चुके, लेकिन उन्हें पूरा याद ही नहीं रहा है। इन तीनों मुल्जिमों को लाडनूं से चुराई गई एक मोटर साईकिल के साथ पकड़ा गया। इसके बाद उनकी निशानदेही पर 31 और दुपहिया वाहन भी बरामद किए, जोे तीन अलग-अलग स्थानों पर रखी हुई थी। एक जगह से 11 और दो स्थानों से 10-10 मोटर साईकिलें बरामद की गई। इन तीनों को फिलहाल एक बाईक के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद अन्य बरामद बाईक के मामले में भी इनकी गिरफ्तारी होनी शेष है। ये एक ही बाईक पर तीनों सवार होकर जाते और इनमें से दो जने दो बाईक चुरा कर उन्हें ले आते और एक उस पहले वाली बाईक को लेकर आ जाता। ये चोरी की गुजरात की बाईक लेने के लिए यहां से ट्रेन में बैठ कर आबू रोड जाते थे, जहां इनका मामा गुजरात से चोरी की बाइ्रक लेकर आ जाता था और वहां से उन्हें लेकर ये आ जाते थे।
सवा दो लाख की बाईक की कीमत सिर्फ 15 हजार
इनके लिए सबसे फायदे का धंधा महंगी हाई मॉडल बाईक होती थी। अधिकतर ये  मोटर साईकिलें ये गुजरात से लेकर आते थे, जहां पकड़े गए आरोपियों में से एक का मामा गुजरात से बाईक लेकर आबूरोड आता था और वहां से ये उन्हें लेकर लाडनूं की तरफ आ जाते। इनकी चोरी की बाईक बेचने के लिए कीमत के रूप में सवा दो लाख की एनफील्ड मोटर साईकिल की कीमत 13 से 15 हजार रूपए, सवा लाख से डेढ लाख की बाईक की कीमत 10 हजार रूपए और होंडा वगैरह अन्य बाईक को ये 7-8 हजार रूपए में बेच देते थे। बाईक की चोरी का संदेह नहीं हो इसके लिए ये बाईक के साथ काटपीट भी करते थे और उनके पाटर््स खोल कर उन्हें अलग-अलग करने और उन्हें मैकेनिकों को बेच दने की बात स्वीकार की हैं। पूछताछ में इन्होंने नागौर, सीकर, चूरू व गुजरात के अनेक जिलांे से वाहन चोरी करने की वारदातों का किया जाना स्वीकार किया।
अभी और गिरफ्तारियां बाकी हैं
पुलिस को इस प्रकरण में अभी कुछ और गिरफ्तारियां करनी है, जिनमें चिह्नित किए गए कुछ मैकेनिक और कबाड़ी तथा इनके कुछ अन्य सहयोगी शामिल है। इनका गुजरात में रह रहा मामा भी स्वयं शातिर वाहन चोर है और उसके भी वहां पर अन्य सहयोगी चोर शामिल हैं। उसका पकड़ा जाना भी इस अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पूरे भंडाफोड़ के लिए जरूरी है। पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि यहां पर किस-किस व्यक्ति ने इनसे चोरी के वाहन खरीदे हैं। उन पर भी पुलिस अपना शिकंजा कसने जा रही है। इस कार्यवाही के लिए गठित पुलिस की टीम में सीआई राजेन्द्रसिह कमांडो के नेतृत्व में एचसी गजेन्द्रसिंह व दशरथसिह, सिपाही सुरेन्द्र, कमलेश, रामधन, अब्दुल शाकिर, बाबूलाल, नवीन एवं महिला सिपाही किरण शामिल थे।

Share this post:

खबरें और भी हैं...

अपनी कमाई और ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाकर परिवार को उन्नति के लिए आगे बढाएं- खर्रा,  शहीद मांगू राम खर्रा की 26वीं पुण्यतिथि पर स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने की शिरकत 

Read More »

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

We use cookies to give you the best experience. Our Policy