गुढ़ा ने जारी किया लाल डायरी का एक पेज, आरसीए में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, लगातार जारी होते रहेंगे लाल डायरी के पेज, दी चुनौती- जेल में डाला तो सरकार के समाचार समाप्त

SHARE:

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

गुढ़ा ने जारी किया लाल डायरी का एक पेज, आरसीए में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप,

लगातार जारी होते रहेंगे लाल डायरी के पेज, दी चुनौती- जेल में डाला तो सरकार के समाचार समाप्त

जयपुर। राजस्थान में चर्चित हुई और विधानसभा में हंगामे का शिकार हुई भ्रष्टाचार के काले कारनामों की ‘लाल डायरी’ का एक पेज आउट हुआ है। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के इस एक पेज को जारी किया है। उन्होंने कहा कि डायरी की जांच आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को करना चाहिए। साथ ही उन्होंने दावा किया कि राजस्थान क्रिकेए एसोसिएशन (आरसीए) में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। गौरतलब है कि आरसीए में गहलोत का पुत्र वैभव गहलोत अध्यक्ष है। गुढ़ा ने कहा कि मैंने सरकार के मंत्रियों पर रेपिस्ट होने के आरोप तथ्यों के साथ लगाए हैं। मैं सच बोल रहा हूं। उन्होंने नार्को टेस्ट की चुनौती भी दे डाली, जिसका इस्तेमाल प्रवर्तन एजेंसियां अपराधियों से सच जानने के लिए करती है। गुढ़ा ने कहा कि मैं खुद अपना नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार हूं। मंत्रियों का भी नार्को टेस्ट करवाया जाए। इससे सच सामने आएगा।

धर्मेन्द्र राठौड़ की हैंड राईटिंग भी है

अपनी ही सरकार को महिला अपराधों के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तथाकथित लाल डायरी का एक पेज प्रेस के लिए जारी किया है। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। भवानी सामोता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी सोभाग के बीच लेन-देन का जिक्र करते हुए उन्होंने कथित तौर पर धर्मेंद्र राठौड़ की हैंडराइटिंग भी दिखाई। राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले गुढ़ा ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान रॉयल्स के राजीव खन्ना भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। इस लाल डायरी की जांच आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को करना चाहिए। मैं समय-समय पर और भी खुलासे करता रहूंगा। मेरे विश्वस्त के पास डायरी है। जेल चला गया, तो मेरा आदमी इस डायरी से जुड़ी जानकारियां सामने लाता रहेगा। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि मुझे जेल भेजा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी राजनीतिक सम्बंध पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तरह समाप्त हो जाएंगे।

15 साल साथ रहा, अब क्यों खराब हो गया?

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे घर आए थे। 50-60 हजार लोगों के बीच बोलकर आए थे कि गुढ़ा नहीं होता, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता। अचानक गुढ़ा में क्या खराबी हो गई? मैं कांग्रेस प्रभारी रंधावा से भी पूछना चाहता हूं। मैंने मां-बहन और बेटियों की सुरक्षा की बात की। इसमें गलत क्या किया? मैं किस बात की माफी मांगू? मैं 15 साल इनके साथ रहा हूं। छह बार इनके कहने से राज्यसभा में वोट किया है। दो बार राष्ट्रपति को वोट किया है। संकट में इनकी सरकार बचाई है। यह पता नहीं था कि आखिरी सत्र के आखिरी दिन मेरे साथ यह किया जाएगा। राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत में जिस तरह मेरी डायरी छीनी गई। छीनने वाले ने कोई पाप नहीं किया क्या? क्या उसका निष्कासन नहीं होना चाहिए, जिसने डायरी छीनी? उनके खिलाफ कुछ नहीं बनता क्या? अगर 15 साल से मैं इन्हें ब्लैकमेल कर रहा हूं, तो मैंने उनसे क्या-क्या ले लिया? यह बताते क्यों नहीं?

जेल से बाहर रहा तो पन्ने जारी करता रहूंगा

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मेरे खिलाफ रोजाना नए मुकदमे हो रहे हैं। एक मुकदमा आज हो रहा है। एक मुकदमा दो दिन बाद हो रहा है। मैं भी रणनीति के तहत डायरी के पन्ने जारी करता रहूंगा। डायरी के कुछ पन्ने मिसिंग हैं, लेकिन मेरे पास जो पन्ने हैं, वह मैं जारी करूंगा। पन्ने स्टेप-बाय-स्टेप जारी करूंगा। मैं जेल से बाहर रहा तो लगातार पन्ने जारी करता रहूंगा। अगर मैं जेल गया तो कोई और आकर मेरी जगह पन्ने जारी करेगा। मुझे अंदर डाल कर देखें सरकार… मैं वेलकम करता हूं। अगर मुझे सरकार ने जेल में डाला तो सरकार के समाचार समाप्त। वंस अपॉन अ टाइम, देअर वाज अशोक गहलोत… भरत सिंह जी चिल्ला-चिल्ला कर मर गए। भाया रे भाया, खूब खाया।

भाजपा से मिलीभगत के सबूत दें

राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस को चुनौती दे डाली कि यदि कांग्रेस मेरी बीजेपी से मिलीभगत की बात करती है तो इस मामले में उसे सबूत देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से लाल डायरी का जिक्र करने पर कहा। यह उनका सब्जेक्ट है, वह हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री हैं।

क्या गहलोत ने बिना चोट पट्टी बांध रखी है?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैरों में लगी चोट से जुड़े सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि मैं इतना बड़ा आदमी नहीं हूं कि जाकर मुख्यमंत्री के दोनों पांव की पट्टी खोल दूं और दिखा दूं कि उनके चोट लगी भी है कि नहीं। मुझे नहीं पता उनके लगी है या नहीं? लेकिन, मैं उस पट्टी को खोल भी नहीं सकता। राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के पेपर लीक के पर गुढ़ा ने कहा कि पेपर बन भी रहे हैं और आउट भी हो रहे हैं। बाबूलाल कटारा जब जेल में जाता है, उससे पूछताछ होती है, तो उसे सदस्य बनाने वाले से क्यों नहीं पूछा जाता?

kalamkala
Author: kalamkala

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई
Advertisements
Advertisements
Advertisements
17:15