बाड़ा से बेरंग लौटे सभी जलदाय अधिकारी,
सभी ग्रामीण मतदान बहिष्कार पर अड़े रहे, चलने नहीं पाए अधिकारियों के थोथे आश्वासन,
साढे तीन साल से पानी के लिए त्रस्त लोग खंडाप से पाइप लाइन और उच्च जलाशय की मांग पर अडिग रहे
जगदीश यायावर। लाडनूं/ सुजानगढ़ (kalamkala.in)। ग्राम बाड़ा में मतदान के बहिष्कार की खबर पर जलदाय विभाग के अधिकारियों का लवाजमा रविवार को गांव में धड़ाधड़ पहुंचे और लोगों से बातचीत की, लेकिन समस्या के निराकरण बिना केवल वादों पर बात मानने को लोग टस से मस नहीं हुए। फलस्वरूप सभी अधिकारियों को बाड़ा से बेरंग ही लौटना पड़ा। बाड़ा के लोग पिछले साढे तीन साल से पेमजल आपूर्ति की समस्या से त्रस्त थे और कोई समाधान नहीं होने पर ग्रामवासियों द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार करने के निर्णय लिया था। इस पर जलदाय विभाग के अधिकारी अवकाश के बावजूद रविवार को ग्राम बाड़ा पहुंचे और ग्रामीणों से लगातार तीन घंटे तक समझाईश की गई, फिर भी ग्रामीण ‘पानी नहीं तो वोट नहीं’ की अपनी चेतावनी पर अड़े रहे।
साढे तीन घंटे तक की ग्रामीणों से समझाइश
रविवार को जल जीवन मिशन के अधीक्षण अभियंता रमेश राठी, एसीई चौधरी राममूर्ति व अधिशासी अभियंता हेमन्त सोनी सहित पीएचईडी के अधिकारी एवं एक दर्जन से अधिक कर्मचारी ग्रामीणों के बीच पहुंचे। एसई रमेश राठी ने ग्रामीणों से कहा कि अभी आचार संहिता लगी हुई है, चुनाव होते ही प्राथमिकता प्रदान करते हुए खण्डाप से बाड़ा तक नई लाईन डालने का कार्य प्रारंभ कर इस समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा। इसके अलावा बाड़ा ग्राम में उच्च जलाशय निर्माण के लिए भी विभाग से अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
लोगों ने कहा, केवल काम चाहिए, वादे नहीं
ग्राम जल जीवन समिति के अध्यक्ष पेमाराम तेतरवाल ने उनसे कहा कि बाड़ा ग्रामवासियों को अब प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासनों पर कोई विश्वास नहीं रहा है। वे लम्बे समय से इन आश्वासनों पर भरोसा करके बार-बार परख चुके हैं। गत विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह के वादों में आकर प्रशासन की बात मानते हुए उन्होंने मतदान किया था, लेकिन चुनाव के कुछ दिनों बाद वापस वही स्थिति बन गई और पानी आना बंद हो गया। यह ‘ढ़ाक के वही तीन पात’ की स्थिति अब ग्रामवासी सहन नहीं करेंगे। इस बार उनका निर्णय अडिग है। जब तक खण्डाप से बाड़ा तक नई पाइप लाइन नहीं डाली जाएगी, तब तक बाड़ा ग्राम का कोई भी व्यक्ति मतदान नहीं करेगा। अधिकारियों ने करीब तीन घंटे तक अलग-अलग ढ़ंग से समझाइश कर मतदान बहिष्कार के निर्णय को वापस लेने की जुगत लगाई, लेकिन सभी ग्रामीण एकराय और अपनी बात पर अडिग ही रहे। आखिरकार सभी अधिकारियों को निराश ही लौटना पड़ा।
अधिकारियों से वार्ता में ये सब रहे शामिल
रविवार को गांव में अधिकारियों से हुई इस वार्ता में रेवंतदान चारण, साेहनराम नायक, मूलाराम नायक, मानाराम जाट, कानाराम नायक, भैराराम जाट, मांगीलाल मेघवाल, झूमरराम जाट, देवाराम जाट, गोविन्द स्वामी, सुनील तैतरवाल आदि ग्रामीण शामिल रहे। लोकसभा चुनाव-2024 में बाड़ा ग्रामवासियों द्वारा किये गए मतदान बहिष्कार को लेकर अब सोमवार को प्रात: 8 बजे गांव में एक विशाल बैठक आयोजित होगी। पूर्व सरपंच कालूराम नायक ने बताया कि इस बैठक में प्रत्येक घर का मुखिया शामिल होगा। इसके अलावा गांव के समीपस्थ करीब 100 से अधिक ढाणियों के लोग भी इसमें शामिल होंगे। बैठक में दिव्यांग एवं वृद्धजनों के लिए वोट फ्रॉम होम का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया जाएगा। रामेश्वरलाल तेतरवाल ने बताया कि बैठक में किसी भी पार्टी अथवा नेता की मीटिंग गांव में नहीं होने देने का भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेयजल की लिए तरस रहे लोग पूर्णरूप से एकजुट हैं।