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भान्जी ने मामा और मामा के साढू पर लगाया उसकी हिस्से-पांति की जमीन हड़पने का आरोप, फर्जी तरीके से उनका उतराधिकारी छिपा कर बनवाया कुर्सीनामा और कूटरचित कुर्सीनामा से कर डाली सारी हेराफेरी

भान्जी ने मामा और मामा के साढू पर लगाया उसकी हिस्से-पांति की जमीन हड़पने का आरोप,

फर्जी तरीके से उनका उतराधिकारी छिपा कर बनवाया कुर्सीनामा और कूटरचित कुर्सीनामा से कर डाली सारी हेराफेरी

जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। दिवंगत व्यक्ति के वारिसों द्वारा किसी जमीनी सम्पति का अपन नाम करवाने के लिए तहसील में नामान्तरण के लिए कुर्सीनामा (जिसमें समस्त उतराधिकारियों की सूची होती है), को प्रमाणित करवा कर देनी होती है। हाल ही में लाडनूं पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में कुर्सीनामा में बईमानी पूर्वक उतराधिकारियों के नामों को छिपा कर उसे फर्जी तरीकों से प्रमाणित करवा लिया। इसके बाद जमीन का नामांतरण करवा लिया और उसे औद्योगिक भूमि के रूप में कन्वर्ट भी करवा लिया और उसमें निर्माण कार्य शुरू करने पर इसकी जानकारी हुई तो उस महिला को धमका कर कह दिया गया कि उसे बेदखल कर रहे हैं। इस पर इस हकदार उतराधिकारी महिला नेे न्यायालय की शरण ली और न्यायालय ने इस मामले को स्थानीय पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करके जांच के लिए भिजवाया है। इसे पुलिस न धारा 420, 467, 468, 471 व 120बी भारतीय दण्ड संहिता के तहत दर्ज करक जांच की जा रही है।

लाडनूं की इन जमीनों को लेकर हुआ विवाद

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में यह परिवाद रिजवाना (35) पत्नी शकील पुत्री स्व. अजीज (दोहित्री स्व. अहमद) जाति तेली निवासीनी वार्ड सं. 24. लाडनूं ने मोहम्मद यूनूस पुत्र स्व. अहमद तेली निवासी चांद बास सुजानगढ़ एवं गौरी पुत्र मुंशी गौरी जाति तेली निवासी चांद बास सुजानगढ़ के विरूद्ध प्रस्तुत करते हुए बताया है कि वह वार्ड सं. 24. कस्बा लाडनूं की निवासिनी है। उसके नाना का नाम स्व. अहमद पुत्र आनार खां उर्फ अल्लारख खां था, जिनकी संयुक्त खातेदारी की कृषि भूमि खसरा सं. 35. 36, 63, 64, 75 व तहसील लाडनूं में 1/3 हिस्सा भूमि स्थित थी, जो कि वर्तमान खसरा नम्बर 512/35, 947/36, 948/3 1067/1038, 1066/1038, 64, 1035/513, 1036/513. 75, 714/75, 503/75, 502/75, 501/ 499/75 है। उसके नाना स्व. अहमद के भाई स्व. अब्दुल्ला के देहान्त के पश्चात् उनकी इकलौती पुत्री हमीदा के हकत्याग के पश्चात् इन भूमियों के जायज वारिसान में आधे के उस्मान पुत्र आनार खाँ उर्फ अल्लारख खां तथा शेष आधे के स्व. अहमद की आठ संताने जायज वारिसान हुए, जिनके नाम मेमूना, खातून, युनूस, न्यामत, उर्फ नियामत बानो, बानू सदीक, सोहनी व सलमा थे।

मिलीभगत से किया कूटरचित कुर्सीनामा का प्रयोग

मुलजिम मो. युनुस ने इस भूमि को हड़पने के उद्देश्य से नामान्तरण के समय मेमूना, न्यामत उर्फ नियामत व सलमा के हिस्से की भूमि को धोखाधड़ी पूर्व हड़प करने के उद्देश्य से कूटरचित कुर्सीनामा निष्पादित किया व उसे अपनी अभिरक्षा में रखा। उस कूटरचित कुर्सीनामे के फर्जी व कूटरचित होना जानते हुए भी उसे सही, सतय व असल के रूप में काम में लेने के लिए शपथ पत्र तहसील कार्यालय के कर्मचारियों व ग्राम पंचायत के कर्मचारियों व सरपंच के साथ मिलीभगत करके मेमूना, न्यामत उर्फ नियामत, सलमा व उनके पुत्र-पुत्रियों अर्थात रिजवाना ओर उसके भाई-बहिनों के नाम को कुर्सीनामा में नहीं दर्शा कर केवल मो. युनुस, सदीक, खातून, बानू व सोहनी के नाम जमीन का नामान्तरण दर्ज करवा कर खातून, बानू व सोहनी से हकत्याग करवा लिया।

मामा ने साढू के साथ मिलकर रची पूरी कूटिल योजना

रिजवाना ने लिखा है कि वह अनपढ व पर्दानशीं महिला है, इस कारण उसे इन सब बातों का पता नहीं चला। उसकी माता के हिस्से-पांति की भूमि खाली छोड़ी हुई होने के कारण रिजवाना के मामा मुलजिम युनूस ने उसे कभी शक नहीं होने दिया और बाला-बाला शेष भूमि बेच कर खुर्दबुर्द करता रहा। इसके बाद युनूस ने अपने साढू मुलजिम रोशन गौरी पुत्र मुंशी गौरी के साथ मिलकर रिजवाना के हिस्से-पांति की भूमि को खुर्दबुर्द करने का षड्यंत्र रचा और उस जमीन का औद्योगिक रूपांतरण भी करवा लिया और रोशन गौरी ने उस पर निर्माण करवाने का प्रयास किया तब रिजवाना ने अपने दूसरे मामा सदीक व मौसियों से बात की। उन्होंने फर्जी कुर्सीनामे के बारे में जानकारी नहीं होना बताया और रिजवाना को उसके हिस्से की जमीन के बदले कुछ राशि देने पर सहमति दी। बाद में जब मामा युनूस से उसने बात की तो उसने रिजवाना को कोई हिस्सा देने से इंकार कर दिया और युनूस व रोशन ने उसे धमकी देते हुए स्पष्ट कहा कि उन्होंने फर्जीवाड़ा करके कूटरचित कुर्सीनामा से यह सब कर लिया। अब रिजवाना को उसके हिस्से-पांति की भूमि से उसे बेदखल करके ही रहेंगे। पुलिस ने इस रिपोर्ट को कोर्ट से प्राप्त करने के बाद दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में अनुसंधान अधिकारी लाडनूं के थानाधिकारी महीराम बिश्नोई पुलिस निरीक्षक स्वयं हैें।

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