तीन भारतीय कानूनों के लागू होने पर आयोजित वीसी में बताया नए कानूनों का महत्व,
लाडनूं में एसडीएम की अध्यक्षता में लाडनूं व जसवतंगढ थानों की सीएलजी सदस्यों व सुरक्षा सखियों की बैठक आयोजित
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार की अध्यक्षता में यहां पुलिस थाना लाडनूं व जसवंतगढ के अन्तर्गत सभी सीएलजी सदस्यों एवं सुरक्षा-सखियों की एक बैठक यहां पंचायत समिति स्थित वीडियो-कांफ्रेंस हाॅल में आयोजित की गई। बैठक में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के सोमवार से लागू होने के बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इन तीनों कानूनों और पूर्व कानूनों के अंतर तथा लागू किए गए कानूनों से मिलने वाले लाभ के बारे में सभी सीएलजी सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की और उन्हें समझा। इस अवसर पर लाडनूं व जसवंतगढ पुलिस थानों की ओर से नए कानूनों के बारे में उपस्थित लोगों को बताया जाने के साथ ही इस सम्बंध में राजस्थान पुलिस एवं राजस्थान पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से प्रकाशित नवीन आपराधिक विधि- 2024 के पैम्पलट भी वितरित किए गए।
अंग्रेजों के बनाए कानूनों के स्थान पर भारतीय कानून प्रतिस्थापित
उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार ने इस अवसर पर बताया कि मूल नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह महत्वपूर्ण कानूनी सुधार करते हुए आजादी के बाद पहली बार अंग्रेजों के बनाए कानूनों को बदल कर भारतीय कानूनों को प्रतिस्थापित किया गया है। थानाधिकारी महेन्द्र देवल ने आईपीसी की जगह बीएनएस और सीआरपीसी की जगह बीएनएसएस और एविडेंस एक्ट की जगह बीएसए के लागू होने से परिवर्तित होने वाले प्रावधानों की जानकारी दी। जसंवतगढ थानाधिकारी मंजू मुलेवा ने नए कानूनों में महिला अधिकारों और कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। बैठक में सुमित्रा आर्य, रामनिवास पटेल, श्वेता सांखला, नरेंद्र भोजक, रामेश्वर जाट, जेपी टाक, मनोज टाक मंगलपुरा, पन्नाराम भामू, तेजसिंह निम्बी जोधां, फुले खां निम्बी जोधां, अलादीन निंबी जोधां, मुमताज चोपदार, अनिल पारीक, बलजी बिसायती, याकूब शौरगर, हनीफ गौरी आदि उपस्थित रहे।
