लाडनूं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने ली मरीज से मिलने आई महिला की जान, पांच घंटों से अधिक समय तक चला समझाइश वार्ताओं का दौर, अस्पताल की लापरवाही से मौत की एफआईआर दर्ज

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लाडनूं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने ली मरीज से मिलने आई महिला की जान,

पांच घंटों से अधिक समय तक चला समझाइश वार्ताओं का दौर, अस्पताल की लापरवाही से मौत की एफआईआर दर्ज

जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। राजकीय चिकित्सालय में लगे वाटर कूलर से पानी पीते हुए एक महिला सुमित्रा (33) पत्नी केशाराम जाट निवासी कासण की मौत के मामले को लेकर ग्रामीणों में रोष पैदा हो गया और उन्होंने अस्पताल में मोर्चरी के बाहर एकत्र होकर अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ रोष जताया। स्थिति बिगड़ती देख कर उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार और पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल ने मौके पर पहुंच कर मृतका के परिजनों और ग्रामीणों से बातचीत व समझाईश की। शनिवार सुबह 9.30 बजे हुई इस घटना को लेकर लोगों के रोष के चलते अपराह्न 3 बजे जाकर परस्पर सहमति बनी और मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवाया जा सका। ग्रामीणों, परिजनों और पुलिस व प्रशासन के बीच बनी सहमति के अनुसार महिला की मौत के मामले में सरकारी अस्पताल की लापरवाही मानते हुए उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने, मृतका के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाए जाने, अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध जांच करवाई जाने और मृतका के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।

अस्पताल की लापरवाही का नतीजा रहा महिला की मौत

मौके पर पाया गया कि वाटर कूलर के कनेक्शन के लिए पिन का इस्तेमाल तक नहीं किया गया था, बल्कि नंगे तार ही प्लग में लगा कर करंट चालू कर दिया गया था। वाटर कूलर पर पर्याप्त शेड नहीं होने से उस पर बारिश का पानी भी गिर रहा था। वाटर कूलर में करंट आने की समस्या पिछले करीब तीन माह से चल रही थी, जिसके बारे में सफाईकर्मी, इलेक्ट्रीशियन, पीएमओ व स्टाफ वगैरह सबको जानकारी थी, इसके बावजूद उसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और हवाई करंट बता कर समस्या को हवा-हवाई कर दिया गया। अस्पताल में लगभग सभी की जुबान पर अस्पताल की लापरवाही की ही चर्चा रही और अस्पताल प्रशासन को ही दोषी बता रहे थे। इस प्रकार यह मौत अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा ही था।

पुलिस को दी गई यह रिपोर्ट

इस मामले की रिपोर्ट मृतका के जेठ भागीरथ राम पुत्र धर्माराम जाट निवासी कासण ने पुलिस को दी। इसमें बताया गया है कि उसके छोटे भाई केसाराम की पत्नी सुमित्रा 13 जुलाई शनिवार को सुबह करीब 9.30 बजे सरिता पत्नी महीपाल घोटिया निवासी बाकलिया के डिलेवरी होने पर उससे मिलने के लिए राजकीय अस्पताल लाडनूं में आई हुई थी। उसे प्यास लगने पर वह राजकीय अस्पताल में लगे हुए वाटर कूलर से पानी पीने के लिए गई। तभी अचानक वाटर कूलर में करंट लगने से व वाटर कूलर से करंट से चिपकने से सुमित्रा की मौके पर ही मौत हो गई। यह राजकीय अस्पताल लाडनूं की लापरवाही से दुर्घटना कारित हुई है। इसलिए अस्पताल के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्यवाही की जाए तथा मृतका के परिवार को उचित मुआवजा क्षतिपूर्ति का दिलाया जावे।

उपखंड अधिकारी को सौंपा गया यह ज्ञापन

भागीरथ राम ने उपखंड अधिकारी को भी एक ज्ञापन इस बाबत सौंपा। इस ज्ञापन में राजकीय अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत पर कार्रवाई और मुआवजा दिलाने बाबत मांग की गई है। इसमें बताया गया है कि उसके छोटे भाई केशाराम की पत्नी सुमित्रा 13 जुलाई को सुबह करीब 9.30 बजे राजकीय अस्पताल लाडनूं में सरिता से मिलने के लिए आई हुई थी। अधिक प्यास लगने पर वह सरकारी अस्पताल में लगे वाटर कूलर (फ्रीज) से पानी पीने आई तो इस दौरान उसे वाटर कूलर में करंट लगा और वह उससे चिपक गई। इस कारण उसके छोटे भाई केशाराम की पत्नी सुमित्रा की मौके पर ही मौत हो गई। यह अस्पताल की लापरवाही के कारण दुर्घटना कारित हुई है, इसकी जांच की जाकर सरकारी अस्पताल लाडनूं के खिलाफ उचित व कठोर कार्रवाई की जाए। इस ज्ञापन में मृतका सुमित्रा के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड का गठन करके करवाने तथा अस्पताल की लापरवाही से हुई इस मौत के लिए जांच के बाद उचित मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की गई। साथ ही अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध लापरवाही की जांच की जाकर सख्त कार्रवाई की जाने की मांग की गई।

समझौता वार्ता में ये सब रहे शामिल

ग्रामीणों व प्रशासन के बीच हुई समझाइश वार्ता के दौरान उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार, पुलिस उपअधीक्षक विक्की नागपाल, थानाधिकारी रामनिवास मीणा, सामाजिक कार्यकर्ता देवाराम पटेल, विकास बुरड़क, रताऊ के पूर्व सरपंच श्रीराम राम साख, मेहरामा राम कालेरा आदि उपस्थित रहे। इस दौरान सैंकड़ो लोग सुबह से ही लगातार अस्पताल परिसर में ही एकत्रित होकर जमे रहे। परस्पर कई बैठकों के दौर चलने के बाद कहीं परस्पर सहमति बनी और अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने व मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने पर दोनों पक्ष राजी हुए।

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Author: kalamkala

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