लाडनूं नगर पालिका के ईओे पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए निलम्बित करने की मांग,
सीजर मीमो बनाने के बाद लेनदेन कर करवाया काम शुरू, गलत टेंडर प्रक्रिया से फैलाया भ्रष्टाचार
लाडनूं (kalamkala.in)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (दिल्ली) के सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक जगदीश सिंह राठौड़ एडवोकेट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन देकर नगर पालिका लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी जितेन्द्र कुमार मीणा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित अथवा एपीओ करने की मांग की है। ज्ञापन में उन्होंने ईओ के भ्रष्टाचार के उदाहरण पेश करते हुए उनके सेवाकाल का पूरा विवरण दिया है। राठौड़ ने स्वायत शासन मंत्री द्वारा निलम्बित करने का भरोसा दिए जाने के बारे में बताते हुए ठाकुर करणी सिंह द्वारा भी उनसे इस ईओ को एपीओ करने की मांग की जानकारी दी है।
सब जगह किया था भ्रष्टाचार
मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में राठौड़ ने लिखा है कि जितेन्द्र कुमार मीणा लाडनूं नगर पालिका में अधिशाषी अधिकारी पद पर कार्यरत हैं, जबकि इस अधिकारी का पद कर-निर्धारक का होते हुए भी अधिशाषी अधिकारी के पद पर लगा रखा है। यह ईओ जितेन्द्र कुमार मीणा पहले नगरपालिका चाकसू में कार्यरत था, जहां एसीबी ने इसे ट्रेप किया। फिर नगरपालिका चैमू में कार्यरत रहा, वहां पर भी इसके विरूद्व एसीबी ने कार्यवाही की। इसके पश्चात नगरपालिका पदमपुर में कार्यरत था, वहा पर भी इसके विरूद्ध भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। नगरपालिका लाडनूं में इसके पदस्थापन के पश्चात भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। राज्य सरकार के आदेशों की यह अधिकारी बार-बार अवहेलना कर रहा हैं।
बिना फंड टेंडर जारी किए, खाली टेंडर काॅपी रखवाई
राज्य सरकार ने दिनांक 03.06.2024 को एक आदेश प्रसारित किया था कि नगरपालिका के पास फण्ड नही है, तो वह निर्माण कार्यों की टेण्डर प्रक्रिया अथवा अन्य कार्यों से संबंधित टेण्डर जारी नही करें। इस अधिशाषी अधिकारी ने दिनांक 10.06.2024 को 1 करोड़ 40 लाख के टेण्डर जारी किये। इस टेण्डर प्रकिया में अधिशाषी अधिकारी ने ठेकेदारों के साथ सांठ-गांठ करके षड्यन्त्र के तहत रिक्त टेण्डर डलवाये, जिससे वह स्वयं मनमानी राशि भर सकें। इस बात को लेकर भाजपा के पार्षदों ने नगरपालिका में धरना दिया व स्वायत शासन मंत्री का दूरभाष पर सूचना दी। जिस पर उपखण्ड अधिकारी लाडनूं को मौके पर भेजकर टेण्डर खुलवाये गये, तो टेण्डर खाली पाये गये। फिर उनकको निरस्त किया गया। यह सम्पूर्ण कार्यवाही अधिशाषी अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार के तहत की गई।
नसीम चौपदार के मामले में भ्रष्टाचार
इसके पश्चात पालिका के पास ही श्री नसीम चैपदार पुत्र सलाउदीन चौपदार बिना इजाजत दुकानों का निर्माण कर रहा था। इस कार्य को अधिशाषी अधिकारी ने सीज किया व सीजरमेमो भी बनवाया। जब ठेकेदार से लेन-देन का मामला तय हुआ। बिना निर्देशालय की अनुमति से उसे कार्य करने की इजाजत दे दी, जो नियम विरूद्ध थी। एक बार सीजरमेमो बनने के बाद निदेशालय की बिना अनुमति के कार्य चालू नही हो सकता।
फिर जारी कर दिए 20 वर्क-आर्डर
जगदीश सिंह ने ज्ञापन में बताया है कि इन सभी प्रकरणों को लेकर वे स्वयं 3 जुलाई को स्वायत शासन मंत्री के समक्ष उपस्थित हुए और साक्ष्य सहित उन्हं पूरी जानकारी दी। इस पर स्वायत शासन मंत्री ने उनसे कहा कि इस अधिशाषी अधिकारी को वे निलम्बित करेंगे। लेकिन, आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके पश्चात अधिशाषी अधिकारी ने 1-1 लाख के 20 वर्कऑर्डर काग्रेस से संबंधित ठेकेदारों को और जारी कर दिए। यह सभी वर्कऑर्डर भ्रष्टाचार कर जारी किये गए। इस संबंध में लाडनूं से विधानसभा प्रत्याशी करणी सिंह ने भी स्वायत शासन मंत्री से इस अधिकारी को तुरन्त प्रभाव से एपीओ किए जाने की मांग की थी।
