कुशवाहा-सैनी-मौर्य समाज का गौरव-
एक अध्यापक के बेटे कमल मौर्य के बचपन का सपना सच बना, इसरो में वैज्ञानिक बना
अमेठी (kalamkala.in)। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की गौरीगंज तहसील के छोटे से गांव गुडुरे में जन्मे कमल मौर्य का इसरो में वैज्ञानिक बनने का सपना बचपन से ही था। वह सपना अब सपना सच हो गया है। कमल ने अपने बचपन के सपने को लक्ष्य बनाकर उसे साकार बना डाला। यह कमल मौर्य की मेहनत, लगन और सफलता की कहानी है।
कमल का चयन इसरो में वैज्ञानिक के रूप में हुआ है, जिससे उनके परिवार और गांव में खुशी की लहर है।
कमल के पिता जय प्रकाश मौर्य समरिया गौरीगंज में हेडमास्टर हैं और उनकी माता सरोज एक गृहिणी हैं। बड़ी बहन डॉ. खुशी मौर्य होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। कमल ने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई ऊंचाहार के एसजेएस पब्लिक स्कूल से की और फिर कोटा, राजस्थान में आईआईटी की तैयारी करने चले गए। 2020 में उनका चयन आईआईटी के लिए हुआ, जिससे वे तिरुवनंतपुरम के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIST) में प्रवेश पा सके।
