रिश्तों में स्नेह आवश्यक है, रुखापन सम्बंध बिगाड़ता है- ओम मुनि,
पार्षद सुमित्रा आर्य के निवास पर यज्ञ व सत्संग का आयोजन
लाडनूं (kalamkala.in)। आर्य समाज के प्रधान/ अध्यक्ष ओम मुनि ने ईश्वर, आचार्य व माता-पिता के महत्व को बताते हुए उनका नमन आवश्यक बताया। वे यहां पार्षद सुमित्रा आर्य सैनी के निवास पर आयोजित यज्ञ व सत्संग के कार्यक्रम में ब्रह्मा के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने परस्पर स्नेह भाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जहां स्नेह का अभाव और रुखापन की उपस्थिति हो जाती है, वहां सम्बंधों के बीच का तालमेल बिगड़ जाता है। यज्ञ के यजमान जगदीश यायावर ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती के बारे में बताया तथा उनके द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश व अन्य वैदिक साहित्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने महर्षि को आधुनिक राष्ट्र का निर्माता बताया तथा उनकी वैज्ञानिक सोच की जानकारी दी। पार्षद सुमित्रा आर्य ने सबका स्वागत किया। कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र सिंह आर्य, पूनमचंद मारोठिया, धर्मेन्द्र सिंह आर्य, राजेश भोजक, अनोपचंद सांखला, मेघदास आर्य, सुरेन्द्र प्रताप आर्य, विक्रमादित्य आर्य, जोधाराम गोरा, तारा आर्य, मंजू देवी आर्य, पूनम आर्य, सुनीता आर्य, आकांक्षा आर्य, पीयूष आर्य, दिव्यांशु आर्य आदि उपस्थित रहे।