आचार्य महाश्रमण के लाडनूं प्रवास काल योगक्षेम वर्ष के आयोजन को लेकर बैठक आयोजित, प्रवास समिति के अध्यक्ष के चयन के लिए नामों के प्रस्ताव, अंतिम निर्णय आचार्य महाश्रमण पर छोड़ा

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आचार्य महाश्रमण के लाडनूं प्रवास काल योगक्षेम वर्ष के आयोजन को लेकर बैठक आयोजित,

प्रवास समिति के अध्यक्ष के चयन के लिए नामों के प्रस्ताव, अंतिम निर्णय आचार्य महाश्रमण पर छोड़ा

लाडनूं (kalamkala.in)। आचार्यश्री महाश्रमण के आगामी सन् 2026 के लाडनूं प्रवास काल (योगक्षेम वर्ष) की व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए आचार्यश्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के गठन की दिशा में समिति के अध्यक्ष पद के चयन के लिए एक बैठक रखी जाकर विचार किया गया। यहां पहली पट्टी स्थित ऋषभ द्वार भवन में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा लाडनूं के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक में लाडनूं के निवासी-प्रवासी श्रावक-श्राविकाओं ने विचार-विमर्श किया।तेरापंथी सभा के अध्यक्ष प्रकाश चंद बैद की अध्यक्षता में आयोजित इस आम बैठक में सभी सदस्यों ने गुरूनिष्ठा का परिचय देते हुए चिंतन किया कि सभी के लिये गुरू-इंगित ही सर्वोपरि है, इसलिये आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष पद के लिए, जो भी नाम गुरु-दृष्टि अथवा जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा द्वारा प्राप्त होगा, वह लाडनूं के संपूर्ण श्रावक-श्राविका समाज को स्वीकार्य होगा। इससे पूर्व राजकुमार चोरड़िया ने सुझाव दिया था कि यह सब महासभा एवं कल्याण परिषद पर छोड़ देना चाहिए, जो वो नाम भेजेंगे, उसे हम सभी स्वीकार करेंगे। इससे पहले श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के उपाध्यक्ष नरेन्द्र नखत ने इस संदर्भ में कल्याण परिषद के निर्णय का उल्लेख करते हुए पूरी सभा को इससे अवगत कराया। उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं से प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष पद हेतु नाम आमंत्रित किए गए। उनके द्वारा अलग-अलग नाम प्रस्तावित भी किए गये, जिन्हें सूचीबद्ध किया गया। बैठक के प्रारम्भ में तेरापंथी सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र खटेड़ ने ‘श्रावक निष्ठा पत्र’ का वाचन करवाया। उनके द्वारा इस संदर्भ में महासभा से प्राप्त पत्र का वाचन भी किया गया। सभा के अध्यक्ष प्रकाशचंद बैद ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए बैठक की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। बैठक में तेरापंथी सभा के न्यासी कमलसिंह खटेड़, पूर्व अध्यक्ष मन्नालाल बैद, उम्मेदसिंह दूगड़, चन्द्रकांत कोठारी आदि ने भी अपने विचार रखे।

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Author: kalamkala

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