पति के निधन के बाद उसकी विवाहिता व पुत्र को धक्के देकर घर से निकाला,
एक लाख रूपयों की मांग पर अड़े श्वसुर ने पुत्रवधु व पौत्र पर ढाए अत्याचार
लाडनूं (kalamkala.in)। पति के देहांत हो जाने पर उसकी पत्नी व पुत्र को ससुर ने घर से निकाल दिया और घर में रखने के बदले एक लाख रूपए पीहर से लेकर आने की मांग करने लगे। शदी के बाद से ही दहेज के लिए निरन्तर परेशान करने और पति की मृत्युपरांत परेशानियों का पहाड़ टूटने की पीड़ादायक कहानी लाडनूं के तेली रोड पर गली नं. 10 की रहने वाली साजिदा पत्नी स्व. मोहम्मद अली तेली की है। साजिदा ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लाडनूं की अदालत के माध्यम से यहां पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा कर अपनी व्यथा बयान की है। साजिदा निम्बी जोधां निवासी रफीक खींची की पुत्री है। उसका निकाह मोहम्मद अली पुत्र दीन मोहम्मद के साथ 1 मई 2005 को निम्बीजोधां में धूमधाम से हुआ था। विवाह के बाद से ही उसके श्वसुर दीन मोहम्मद पड़िहार पुत्र मन्त्री पड़िहार और उसकी नणद रुकसाना बानो पुत्री दीन मोहम्मद पड़िहार (पत्नी स्व. आसिफ) उसे कम दहेज लाने के ताने देने, परेशान करने तथा एक लाख रूपए पीहर से लेकर आने का दबाव बनाने लगे थे। बात-बात पर गाली-गलौज और टोका-टोकी तो साधारण बात रही, फिर वे उसके साथ मारपीट तक करने लगे। जब भी वह पीहर जाकर वापस लौटती तो वहीं रूपयों की और कम कपड़े वगैरह लाने की मांग होती गई और वे अधिक उग्र होते गए। उन्होंने एक लाख रूपए नहीं देने पर मारपीट करने व जिंदा जला देने की धमकियां भी देनी शुरू कर दी।
बेटा हुआ तो उपहार की मांग और पति के देहांत के बाद बढी यातनाएं
इसी दौरान उसके एक पुत्र (लक्की) का जन्म हुआ। तब पीहर वालों द्वारा दिए गए उपहार वगैरह से भी ससुर व नणद संतुष्ट नहीं हुए। उसे समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था। 2011 में उसके पति मोहम्मद अली का निधन हो गया। उसके बाद प्रताड़नाएं बढने लगी और बाद में पीहर से आने पर गाली-गलौज व मारपीट करके धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया और कहा गया कि उसके लिए अब इस घर में कोई जगह नहीं है। इस पर वह और उसका पुत्र (वर्तमान में 17 वर्ष) के साथ अपने पीहर चली गई। अपने पुत्र के साथ अपने ससुराल जाने पर उसके ससुर व नणद द्वारा उसके साथ अब भी गाली गलौच और मारपीट की जाती है। वे कहते हैं कि तू अपने बाप से एक लाख रूपये हमें दिला, नहीं तो तुम्हारे लिये इस घर में कोई जगह नहीं है। और फिर वे उसके व उसके पुत्र के साथ गाली गलौच कर मारपीट करने लग जाते हैं और उन दोनों को घर के अन्दर भी नहीं आने देते हैं।
बेटा नहीं रहा तो बहू और पोते के लिए घर में जगह नहीं
तब वह मजबूर होकर अपने पीहर आ गई। उसनेे घर वालो को सारी बात बताई तो उसके पिता रफीक, ताऊ मोहम्मद अली व सगे-संबंधी आमिर निवासी निम्बीजोधा, मोहम्मद अली निवासी लाडनूं व परिवार के सदस्यो ने बात करके समझाने का प्रमास किया। फिर भी अभियुक्तगण उसे व उसके पुत्र को रखने के लिये नहीं माने और दहेज व नगदी की मांग को लेकर तंग व परेशान करने लगे। उनका कहना है कि जब उसका पुत्र भी नहीं रहा, तब उसे भी अपने घर नहीं रखेंगे। अगर इस घर में रहना है, तो पहले दहेज की मांगे पूरी करो नहीं तो इस घर में कोई जगह नहीं है। इस प्रकार दोनों मुलजिमानों ने दहेज व नगदी रूपयों की मांग को लेकर बार-बार उसे व उसके पुत्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है। न्यायालय से प्राप्त इस रिपोर्ट को स्थानीय पुलिस ने अपराध की घटना 1 जुलाई 2024 से पूर्व की होने से धारा 498ए, 406, 323 भादस व धारा 3 व 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज करके मामले की जांच शुरु की गई।
