लाडनूं के निम्बी जोधां में किसान और पुलिस भिड़े, तीन थानों का पुलिस जाप्ता जमा रहा, किसान नेता खीचड़ को जमीन पर गिराया, खेतों-खदानों से पावर ग्रिड हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन के टावर पोल लगाने को लेकर हुआ विवाद, किसान सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ यादव ने समझाइश की

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लाडनूं के निम्बी जोधां में किसान और पुलिस भिड़े, तीन थानों का पुलिस जाप्ता जमा रहा, किसान नेता खीचड़ को जमीन पर गिराया,

खेतों-खदानों से पावर ग्रिड हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन के टावर पोल लगाने को लेकर हुआ विवाद, किसान सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ यादव ने समझाइश की

लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं के निम्बीजोधां क्षेत्र से होकर हाईटेंशन विद्युत लाइनों में करंट प्रवाहित करने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। यहां मौके पर निम्बी जोधां, लाडनूं और जसवंतगढ़ पुलिस थानों का जाप्ता किसानों के खिलाफ डटा रहा। यहां पंवार कृषि फार्म के पास हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन विद्युत पोल टावर लगाने को लेकर किसानों ने जमकर विरोध किया और ‘मुआवजा नहीं तो टावर नहीं’ को लेकर प्रशासन किसानों के बीच झड़प हुई। विद्युत निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो किसान अपनी मांगों का निपटारा करने तक टावर और करंट शुरू नहीं करने पर अड़े रहे। इसे लेकर विद्युत अधिकारियों के साथ आया भारी पुलिस बल किसानों से भिड़ गया और परस्पर तीखी झड़प हुई। इस बीच किसान नेता दुर्गाराम खीचड़ को पुलिसकर्मी जबरन हटाने और उठाने के प्रयास करने लगे और उन्हें जमीन पर गिरा दिया गया। इस पर सारे किसान भड़क गए और जोरदार विरोध करने लगे। मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ यादव व अन्य किसानों ने पुलिस अधिकारियों को इस नाजायज हरकत पर जमकर फटकार लगाई। भागीरथ यादव ने पुलिस की ग़लत कारगुजारी के लिए भर्त्सना की और न्यायसंगत बात का साथ देने की अपील की, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। यहां भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3, 765 केवीए के टावर इंस्टॉलेशन किए जाने से कृषि भूमि और माइनिंग लीजे (खदानों) क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। इन्हें लेकर खनन पट्टाधारी व किसानों ने प्रशासन से बार-बार गुहार लगाई, लेकिन मामले का अभी तक कोई निपटारा नहीं किया गया और जोर-जबरदस्ती टावर लगा कर सप्लाई तक शुरू की जाने लगी थी। इस विवाद व झड़प के मामले में उपखंड अधिकारी मिथिलेश कुमार, तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडेय, पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल, नायब तहसीलदार निंबी जोधा असलम खान, लाडनूं थानाधिकारी महीराम बिश्नोई मय पुलिस जाप्ता मौजूद रहे और किसानों में भागीरथ यादव के अलावा पन्नालाल भामू, मदन लाल बेरा, दुर्गाराम खीचड़ आदि मौजूद रहे। देर शाम तक परस्पर विवाद के चलते किसान काम को रुकवाते नजर आए।

यह है पूरा मामला, किसानों की असली पीड़ा

इस बाबत किसानों ने जिला कलेक्टर को पत्र देकर अवगत करवाया गया कि भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3 765 केवीए टावर इंस्टॉलेशन से माइनिंग लीज खदानों के प्रभावित हो रहा है। इसकी ट्रांसमिशन लाइन में एपी-03 टावर इंस्टॉलेशन से पुराने सर्वे का घुमाव कर टावर इंस्टॉलेशन एपी-04, एपी-05, एपी-06 और एपी-07 को पूरा घुमाया गया है और एल से जेड आकृति में परिवर्तित कर दिया गया है, जो कि पुराने सर्वे के मुताबिक नहीं है। इस बाबत पावर ग्रिड बीकानेर के जनरल मैनेजर को सूचित किया जा चुका। इसमें सर्वे कम्पनी के कार्मिक और पावर ग्रिड के अधिकारियों और ट्रांसमिशन लाइन के ठेकेदार की मिलीभगत से रिश्वत लेकर फरवरी-मार्च 2024 के सर्वे को 15 अप्रैल 2024 के बाद पुनः सर्वे कर तीन माइनिंग 30/2011 लाइसेंस खदानें को प्रभावित किया जा रहा है। इससे माइनिंग लाइसेंस नंबर 30/2011, 21/ 2021 व 3/2020 खदानों को प्रभावित किया गया है। इन खदानों के संचालन के लिए राजस्थान सरकार के खनिज विभाग द्वारा लाइसेंस दिये गये हैं।दूसरी तरफ पावर ग्रिड इन्हीं खदानों को प्रभावित करने में लगा है। इस बारे में पावर ग्रिड के आरटीआई अधिकारी सूचना के अधिकार के पत्रों के सारे जवाब टालमटोल पूर्वक दे रहे हैं।

किसानों ने हर स्तर पर लगाई गुहार

यहां विद्युत विभाग की लाईन 132 केवीए में कहीं भी घुमाव नहीं दिख रहा है, जो कि दुजार से निंबी जोधा सरहद में गुजर रही है, जबकि भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3 765 केवीए की लाईन का घुमाव कर खदानों के मालिकों को प्रभावित किया गया है। ये खदान मालिक माइनिंग लाइसेंस का किराया भर रहे हैं तथा राजस्थान सरकार को इनसे रॉयल्टी मिलती है। यह सरकारी राजस्व प्रभावित करेगा। सीकर सांसद अमराराम और क्षेत्रीय सांसद हनुमान बेनीवाल को भी संसद काल में सारी स्थिति से अवगत कराया गया था। उन्होंने बीकानेर और सीकर के पावर ग्रिड अधिकारियों से दूरभाष पर बात की तथा सीकर पावर ग्रिड के उप जनरल मैनेजर अशोक कुमार को मौके पर आने पर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पुराने सर्वे में एक लीज आ रही है और वह प्रभावित होगी। यहां 90 डिग्री को बनाकर मोड़ देंगे। इससे साबित होता है कि इसमें बाद में रिश्वत लेकर मिलीभगत की गई है। ग्रामीण किसानों की मांग है कि भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3 765 केवीए की लाईन से प्रभावित टावर इंस्टॉलेशन एपी-04, एपी-05 और एपी-06 के लिये राजस्व अधिकारी व पटवारियों की टीम गठित कर सही आकलन कराया जाए और फरवरी-मार्च 2024 के सर्वे पर ही लाईन निकाली जाए। उनकी सारी आपत्तियां पावर ग्रिड अधिकारियों के पास दर्ज भी करवाई जा चुकी‌। भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3 765 केवीए ट्रांसमिशन लाइन से खनन प्रभावित होगा और खदान मालिक ब्लास्टिंग नहीं करा सकेंगे और काम नहीं कर पाएंगे। इस 765 केवीए ट्रांसमिशन लाइन की वजह से आने वाले समय बनने वाली लगभग 25 लीजों की जमीन भी बर्बाद हो जायेगी। इस मैशनरी स्टोन में बाधा के कारण राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होगा। किसानों ने भू-राजस्व अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर टावर इंस्टॉलेशन की रिपोर्ट बनाएं और पुराने सर्वे पर भड़ला-3 सीकर-2 फेज-3 765 केवीए ट्रांसमिशन लाइन की शिफ्टिंग की जावे।

kalamkala
Author: kalamkala

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