किसी लड़ाई से नहीं डरता किसान, हक के लिए लड़ना जरूरी- कॉ. अमराराम, लाडनूं में विशाल आमसभा में किसान नेताओं ने भरी हुंकार

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किसी लड़ाई से नहीं डरता किसान, हक के लिए लड़ना जरूरी- कॉ. अमराराम,

लाडनूं में विशाल आमसभा में किसान नेताओं ने भरी हुंकार

लाडनूं (kalamkala.in)। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सीकर सांसद कामरेड अमराराम ने कहा है कि किसान के लिए लम्बे समय से लड़ाई चल रही है। हमें हर बार संघर्ष करके ही अपना अधिकार हासिल करना पड़ता है। देश में आजादी के बाद से बहुत सारे प्रधानमंत्री बने, लेकिन अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों को बदला नहीं गया। किसानों ने बड़ी लड़ाई लड़ कर 2013 में कानून बदलवाया। इसमें किसान की जितनी जमीन सरकार लेगी, उसका पूरा मुआवजा सरकार देगी। भाजपा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून बनाया, तब भी सारे किसानों को फिर संघर्ष करना पड़ा। अगर किसान की जमीन ही नहीं रहेगी, तो किसान भी नहीं बचेगा। सब मजदूर बन कर रह जाएंगे। किसानों की लड़ाई के चलते सरकार को आखिर अपना कानून वापस लेना पड़ा। उन्होंने अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वावधान में यहां किसान छात्रावास में आयोजित विशाल आमसभा को सम्बोधित करते हुए एकत्र किसानों से लड़ाई से नहीं डरने का आह्वान किया और कहा कि किसान सर्दी, गर्मी, बरसात, तूफान की परवाह नहीं करता। किसान पूरे 12 महिनों तक दिल्ली के चारों ओर सड़कों पर रहे और साथ ही 715 किसानों ने तो अपनी आहुति तक दी।

किसानों के लिए नहीं पावर ग्रिड लाईन के लिए सरकार की तीन-तीन वीसी

सभा में किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष भागीरथ यादव ने लाडनूं क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को उठाया और पावर ग्रिड की ट्रांसमिशन लाईनों को किसानों की बिना अनुमति और बिना मुआवजा दिए टावर लगाए जाने का जमकर विरोध किया तथा सरकार से संघर्ष का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों के लिए एक भी वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग) नहीं होती, लेकिन इस विद्युत लाईन को लेकर तीन-तीन वीसी हो चुकी और वे भी सीधी दिल्ली से। ये सब नरेंद्र मोदी और अमित शाह अथवा रहे हैं। यादव ने राज्य की भजनलाल सरकार को पूरी तरह विफल सरकार बताते हुए कहा कि एक साल पूरे होने के जश्न मना रही यह सरकार एक भी ऐसा काम बता दे, जो किया हो। किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण राम डूडी, जिलाध्यक्ष भागीरथ नेतड़, मनोज स्वामी, जगदीश गोदारा, किसान सभा के जिला सचिव मोतीलाल शर्मा, संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक पन्नाराम भामू, पंचायत समिति के प्रधान हनुमान राम कासनियां, विकास बुरड़क, दुर्गाराम खीचड़, मदनलाल बेरा, मोहनराम जानूं आदि ने भी आमसभा को सम्बोधित किया। सभा का संचालन एडवोकेट रामचन्द्र रिणवा ने किया। सभा में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। आमसभा में किसानों ने तहसीलदार व थानेदार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि पुलिस की मदद से जोर-जबरदस्ती करवा कर किसानों के साथ अभद्रता की गई और तीन पुलिस थानों की पुलिस को खेतों में एकत्र करके किसानों के खेतों में विद्युत टावर शुरू किए गए।

सात सूत्री मांगों का दिया गया मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन

आमसभा के पश्चात सभी किसान नेता और किसानों ने उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। अखिल भारतीय किसान सभा की तहसील ईकाई की ओर से दिए गए इस ज्ञापन में शामिल प्रमुख मांगों में भड़ला-सीकर 765 केवीए हाईटेंशन ट्रांसमिशन, लाईन के 67 मीटर कोरीडोर व रेलवे विद्युतिकरण के दौरान सांवराद से लाडनूं जीएसएस 132 केवी के बीच टॉवर में आने वाली जमीन व मकान, ट्यूबैल, डिग्गी, कुण्ड तारबंदी, पेड़-पौधे, व फसल का पूरा मुआवजा देने के बाद ही विद्युतीकरण का कार्य किया जाए। इसमें सवाल उठाए गए कि सर्वे में बदलाव क्यों किया गया और जेड आकार क्यों बनाया गया है। सरहद निम्बी जोधां के खेतों में नेशनल हाईवे के पश्चिम और पूर्व दिशा में कितने टावरों के फाउडेंशन बाकी है और स्थापित किए गए टावरों की आकाशीय स्थिति क्या है। खसरों के काश्तकार और खसरा नंबर बताए जाएं। सरहद निम्बी जोधां और दुजार में माईनिंग ऑफिस नागौर द्वारा लिखित पत्र में सम्मिलित प्रत्येक खनन प‌ट्टों से ट्रासंमिशन लाईन की दूरी बताएं। इसके अलावा ज्ञापन में 2022-2023 रबी व खरीफ फसल दोनों के खराबे का मुआवजा जिन किसानों के नहीं आया, उनको तुरन्त मुआवजा व बीमा क्लेम जारी किया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में कम वॉल्टेज बिजली आपूर्ति से निजात दिलायें व किसानों को बिना ट्रिपिंग विद्युत आपूर्ति दी जाए। जल जीवन मिशन के तहत वसूली गई राशि बैंक में जमा नहीं करवाई, उस पर कारवाई की जाएं व पेयजल के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जाए तथा ढाणियों में जल जीवन मिशन के कनेक्शन तुरन्त जारी किये जाएं। ढाणियों में बिजली के घरेलू कनेक्शन जारी किये जायें। बैंको द्वारा केसीसी में ऋणी किसानों को प्रताड़ित नही किया जाये। लाडनूं तहसील के राजस्व ग्रामों, जिसमें मैसेनरी स्टोन (चेजा पत्थर) पर्याप्त मात्रा में है तथा खनन प‌ट्टों के क्षेत्र से 765 केवीए ट्रांसमिशन लाईन को दूर रखा जाए।

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Author: kalamkala

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