किसानों को बिना मुआवजा दिए अब पावर ग्रिड अधिकारी लाइन बिछाने का काम नहीं करेंगे,
पावर ग्रिड के टावर लगाने को लेकर किसानों व प्रशासन के बीच हुई सार्थक वार्ता
लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं में किसानों और पावर ग्रिड के बीच ठन जाने के बाद पुलिस व प्रशासन तथा किसानों के बीच बने तनाव के हालात को समाप्त करने के लिए जिला कलेक्टर के समक्ष प्रशासन व किसानों के बीच वार्तालाप करके समस्या का समाधान किया जाने की सार्थक कोशिश की गई। बुधवार को एक किसान दुर्गाराम खीचड़ के पावर ग्रिड द्वारा लगाए गए एक टावर पर चढ जाने से तनाव अधिक बढ़ गया था। इसके बाद इस पावर ग्रिड लाईन के लिए खेतों आदि में लगाए जा रहे टावरों और भूमि के मुआवजे को लेकर किसानों की कलेक्टर के साथ हुई वार्ता सार्थक रही। किसानों की विभिन्न मांगों पर डीडवाना में कलेक्ट्रेट में हुई इस समझौता वार्ता में जिला कलेक्टर पुखराज सेन के साथ सकारात्मक सहमति बनी। इनमें सहमति हुई कि भड़ला-सीकर 765 केवीए हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन के 67 मीटर कॉरिडोर में आने वाली जमीन, मकान, ट्यूबवैल, डिग्गी, तारबंदी, पेड़-पौधे व फसल का तुरन्त प्रभाव से मुआवजा देने के बाद ही काम चालू किया जाएगा, मुआवजा भुगतान नहीं किया जाने तक काम शुरू नहीं होगि। काम गाइडलाइन के अनुसार ही होगा और रोडू के आगे जहां पहले से लाईन लगाई जा चुकी, उसका सर्वे होकर मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा के तौर पर जितनी तरह के बिंदुओं पर क्षतिपूर्ति होती है, वह सारी देय होगी। साथ ही कम्पनी व अधिकारियों द्वारा किसानों को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित करने और किसानों की उचित मांगे नहीं मानने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस वार्ता के दौरान पर उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार, तहसीलदार अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय व पावर ग्रिड के अधिकारी मौजूद रहे। किसानों में भागीरथ नेतड़, भागीरथ यादव, विकास बुरड़क, मदनलाल बेरा, जगदीश गोदारा, देवाराम मांडिया आदि उपस्थित रहे।
विकास बुरड़क
