बालसमंद से गुणपालिया तक डामर सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार के आरोप,
पीडब्ल्यूडी अधिकारी और ठेकेदार के विरुद्ध जांच के लिए सौंपा ज्ञापन
लाडनूं (kalamkala.in)। श्री आनन्द परिवार सेवा समिति ने क्षेत्र में गुणवताहीन निर्माण कार्यों और उनमें घोटाले-भ्रष्टाचार की स्थिति के विरूद्ध बिगुल बजाते हुए समिति के संस्थापक अध्यक्ष मनजीतपाल सिंह सांवराद के नेतृत्व में समिति के अन्य साथियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन यहां उपखंड अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में ग्राम बालसमंद से गुणपालिया तक डामर सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता सम्बंधी जांच करवाने और मैसर्स चामुंडा कंस्ट्रक्शन कंपनी के पिछले पांच वर्षों के कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की गई है। इस सड़क की निर्माण के लिए निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने के दो साल तक नहीं बनाया गया और फिर दो साल बाद हाल ही में आनन-फानन में इसका निर्माण किया गया है। ज्ञापन में जांच के साथ ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट किए जाने, दोषी अधिकारी को बर्खास्त किए जाने की मांग उठाई गई है।
दो साल बाद आनन-फानन में बनाई सड़क
श्री आनन्द परिवार सेवा समिति के तत्वावधान में सौंपे गए मुख्यमंत्री के नाम के इस ज्ञापन में बताया गया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा ग्राम बालसमंद से गुणपालिया तक डामर सड़क निर्माण कार्य का ठेका मैसर्स चामुंडा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। परियोजना की निर्धारित समय-सीमा 7 दिसम्बर 2023 थी, किंतु इसका कार्य दो वर्ष विलंब से और आनन-फानन में छुट्टी के दिन 22 व 23 फरवरी 2025 में किया गया, जिससे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की पुष्टि होती है। इसके अतिरिक्त, इस सड़क निर्माण में गुणवत्ता, मापदंडों एवं निर्धारित थिकनेस की अनदेखी की गई है। ग्रामीणों द्वारा जब ठेकेदार को मानकों के अनुसार कार्य करने के सम्बन्ध में कहा गया, तो उत्सने धमकी भरे शब्दों का प्रयोग किया। इससे स्पष्ट होता है कि संबंधित ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट करने की मांग
ज्ञापन में मांग की गई है कि मैसर्स चामुंडा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पिछले 5 वर्षों में किए गए समस्त कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। बालसमंद-गुणपालिया सड़क की गुणवत्ता, थिकनेस एवं मापदंडों की निष्पक्ष जांच ग्रामीणों की उपस्थिति में करवाई जाए। जांच पूर्ण होने तक इस कार्य के भुगतान पर रोक लगाई जाए। दोषी पाए जाने वाले ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई कर, दोषी अधिकारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाए। निर्माण कार्य में हुई अनियमितताओं के आधार पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर, उससे पूरी वसूली की जाए। इस ज्ञापन की प्रतियां पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, लोकायुक्त राजस्थान को भी भेजी गई है। ज्ञापन देने वालों में समिति के अध्यक्ष मनजीत पाल सिंह सांवराद, ओमप्रकाश बागड़ा, मुराद खां, धर्मेन्द्र, अमजद, विनोद सिंह, सोहनलाल, हनुमान सिंह, भंवरलाल आदि शामिल थे।
