लाडनूं तहसील कार्यालय को लेकर उथल-पुथल का माहौल-
दबाव की राजनीति करते हुए सब रजिस्ट्रार लाडनूं के विरुद्ध निराधार शिकायतें करने का विरोध,
भाजपा नेता राठौड़ ने भेजा मुख्यमंत्री को पत्र, खुल कर बताई असलियत
लाडनूं (kalamkala.in)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (दिल्ली) के सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक जगदीश सिंह राठौड़ एडवोकेट ने राजस्व मंत्री को पत्र देकर लाडनूं के उप-पंजीयक (तहसीलदार व नायब तहसीलदार) व पंजीयन शाखा लाडनूं के सहायक प्रोग्रामर के विरूद्ध की गई शिकायत के संबंध में लिखा है कि लाडनूं के प्रलेख लेखक संघ ने दस्तावेजों के पंजीयन को लेकर एक ज्ञापन दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उप पंजीयक अधिकारी आपस में मिलीभगत से मनमर्जी व भारी अनियमिततायें कर रहे हैं। शिकायत में इन पर लगाये गये आरोपों को लेकर जब तहसीलदार, नायब तहसीलदार व सहायक प्रोग्रामर राकेश शर्मा के साथ लम्बी चर्चा की तो पता चला कि किसी तरह की अनियमिततायें होना नहीं पाई गई है। प्रलेख लेखक संघ बार-बार उप-पंजीयक तहसीलदारों के विरूद्ध शिकायत करते रहते हैं।
राठौड़ ने पत्र में यह उल्लेख भी किया है कि पिछली सरकार के समय लाडनूं में लगे एक सब रजिस्ट्रार अपनी मनमर्जी से ही दस्तावेज पंजीयन करता था। उस वक्त भी पंजीयन शाखा में वर्तमान सहायक प्रोग्रामर कार्यरत था। उनके कार्यकाल में प्रलेख लेखक संघ ने एक भी शिकायत अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की नहीं की थी, जबकि उस समय भी भ्रष्टाचार का तांडव था। जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ, अधिकारी बदले गये प्रलेख लेखक संघ अपने मनमर्जी से दस्तावेजों के पंजीयन को लेकर हड़ताल कर रहा है। तहसीलदार अनिरूद देव पांडे व नायब तहसीलदार अनन्त गौड़ का तबादला हुए कुछ ही समय हुआ है और उन पर अनियमितताओं का आरोप लगाया जा रहा है। ये सभी आरोप मौखिक रूप से लगाये गये है। आरोपों के पक्ष में कोई दस्तावेज इनके पास उपलब्ध नही है। संयोग से तहसीलदार, नायब तहसीलदार व प्रोग्रामर जाति से ब्राह्मण है। सरकार को एक षडयंत्र के तहत मिल कर बदनाम किया जा रहा है। शिकायत करने का मुख्य उद्देश्य अधिकारी को दबाकर अपनी इच्छा अनुसार दस्तावेजों का पंजीयन कराना है। अतः यहां के प्रलेख लेखक संघ की शिकायत पर किसी प्रकार का कोई संज्ञान नहीं लिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि यहां अर्जीनवीस सारे मिलकर हड़ताल पर उतरे हुए हैं और सब रजिस्ट्रार का स्थानांतरण चाहते हैं। इस बारे में पूर्व में यहां रहे एक सब रजिस्ट्रार ने जगदीश सिंह राठौड़ द्वारा अपने बारे में लिखा जाना एकदम ग़लत बताया और कहा कि अगर उनके समय में भ्रष्टाचार था, तो उसी समय शिकायत की जा सकती थी। यह सरासर ग़लत आरोप है।
