एक पत्रकार की लाइव रिपोर्ट- जसवंतगढ का टिकट बनाने से इंकार, सवारियों को लाडनूं ही छोड़ दिया, बस में सवार यात्रियों को जसवंतगढ के बजाय सुजानगढ़ उतारा, जसवंतगढ का रोडवेज बस स्टेंड हटाने की साजिश, छिपा है रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों का गहरा लालच

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एक पत्रकार की लाइव रिपोर्ट-

जसवंतगढ का टिकट बनाने से इंकार, सवारियों को लाडनूं ही छोड़ दिया, बस में सवार यात्रियों को जसवंतगढ के बजाय सुजानगढ़ उतारा,

जसवंतगढ का रोडवेज बस स्टेंड हटाने की साजिश, छिपा है रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों का गहरा लालच

सुशील कुमार शर्मा, पत्रकार। जसवंतगढ/ लाडनूं। (kalamkala.in)। रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों की मनमानी के चलते हुए जसवंतगढ़ के निवासी बहुत ही पीड़ित-प्रताड़ित हैं। जसवंतगढ में रोडवेज का बस-स्टॉपेज होने के बावजूद भी ये लोग रोडवेज बसों को जसवंतगढ़ होकर ले जाने के बजाय सीधे बायपास होकर निकाल लें जाते हैं, इससे लोगों को जसवंतगढ़ से करीब दो किमी दूर उतरना पड़ता है और वाहन नहीं मिलने से पैदल आने पर मजबूर होना पड़ता है। रात के समय तो यात्रियों के लिए अच्छी-खासी मुसीबत खड़ी हो जाती है और महिला, वृद्ध, बीमार और भारी सामान के साथ यात्री तो इस कारण अत्यंत दु:खी हो जाते हैं। यह जसवंतगढ़ से रोडवेज को आय नहीं दिखाने और बस स्टेंड को स्थाई रूप से समाप्त करने की साज़िश रची जा रही है। पिछले कई बरसों से यह सिलसिला चला आ रहा है। इस बारे में सारी स्थिति का इस संवाददाता ने प्रत्यक्षीकरण भी किया। यह रिपोर्ट प्रस्तुत है-

महिला कंडक्टर बिफर पड़ी वीडियो बनाने पर

जसवंतगढ़ संवाददाता सुशील कुमार शर्मा ने स्वयं लाडनूं से जयपुर की बस (सीकर डिपो) बस सं.,आरजे 23 पीबी 2408 से यात्रा की। उस वक्त जसवंतगढ की चार महिलाएं लाडनूं से जसवंतगढ़ के लिए और भी बस में बैठी थी, लेकिन उनको भी जसवंतगढ के बस स्टैंड पर नहीं उतारा गया,बल्कि सबको बाईपास रोड होकर गाड़ी को निकालते हुए ले गए और 8 किलोमीटर दूर सुजानगढ़ के बस स्टैंड पर उन सबको उतारा गया। इन सभी यात्रियों द्वारा मांगे जाने के बावजूद भी उनको जसवंतगढ़ की टिकट नहीं दी गई और बताया गया कि जसवंतगढ़ उनका स्टेंड ही नहीं है। जब इस संवाददाता ने संबंधित सीकर के डिपो प्रबंधक से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि सभी बसों का स्टॉपेज जसवंतगढ़ में है। लेकिन, फिर भी जसवंतगढ से गाड़ी नहीं निकाली जाती। इस, चालक-परिचालकों की मनमानी के कारण इस बस में करीब 10-11 सवारी को लाडनूं बस स्टैंड से ही नहीं चढ़ाया गया, कि वे जसवंतगढ़ में बस को नहीं रोकेंगे। इस बस में ड्यूटी पर तैनात महिला कंडक्टर और ड्राइवर दोनों ने ही एक होकर अपनी मनमानी दिखाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह गाड़ी जसवंतगढ कभी भी नहीं आती है, और ना ही भविष्य में कभी जसवंतगढ़ बस स्टैंड पर आएगी। इसका वीडियो बनाने की कोशिश पर बस में सवार महिला कंडक्टर बिफर पड़ी। राजस्थान परिवहन निगम की स्थिति यह बन चुकी है कि बुकिंग विंडो पर ही टिकट खरीदने वाले को मना कर दिया जाता है और ड्राइवर व कंडक्टर की मनमर्जी के चलते उनके कहने पर बुकिंग विंडो वाले ही यात्री को जसवंतगढ़ का टिकट नहीं देते। कम दूरी की यात्रा करने वाली सवारियों को इससे भारी परेशानी होती है। बुकिंग खिड़की वाले को ये ड्राइवर और कंडक्टर साफ कह देते हैं कि जसवंतगढ़ स्टैंड की टिकट किसी को मत देना, क्योंकि वहां इस बस को नहीं रोकेंगे। वो बुकिंग वाले फिर ऐसा ही करते हैं।

लालच के कारण रोज मोल लेते हैं झगड़े-फसाद

इस जसवंतगढ़ बस स्टेंड पर रोडवेज बसों के रोके जाने को लेकर आएदिन सवारियों और ड्राइवर व कंडक्टर के बीच झगड़े की स्थिति बनी रहती है। इसका निराकरण होना आवश्यक है। इस समस्या को लेकर अनेक यात्री बस में लिखे हुए कंप्लेंट नंबर पर सम्पर्क करते हैं, लेकिन उन पर भी कोई रेस्पॉन्स नहीं मिलता। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से भी यात्री परेशान ही होते हैं और चालकों-परिचालकों की मनमर्जी का शिकार होना ही पड़ता है। इस सम्बन्ध में डिपो प्रबंधक द्वारा प्रॉपर कोई कार्रवाई नहीं की जाने के कारण इनकी मनमानी धड़ल्ले से चलती हैं। ड्राइवर व कंडक्टर इसी कारण हमेशा यात्रियों पर हावी रहते हैं। लाडनूं से सुजानगढ़ के मार्ग से होकर गुजरने वाली सभी प्राइवेट बसें जसवंतगढ़ अवश्य रुकती है, चाहे वे लम्बे रूट की भी क्यों न हों। जानकारी मिली है कि इन निजी बसों के संचालकों से रोडवेज वालों की सांठगांठ रहती है और एक बंधी-बंधाई रकम मिलने के लालच में ये रोडवेज बसों वाले निजी बसों के लिए जसवंतगढ को छोड़ कर निकल जाते हैं। यह भ्रष्टाचार ही वह कारण है कि रोडवेज के परिचालक यात्रियों से झगड़ा-फसाद तक पर उतर आते हैं। ये लोग रोडवेज कर्मचारी होते हुए भी रोडवेज को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं और रोडवेज की इमेज पर भी विपरीत प्रभाव डालते हैं।

क्या हो इसका निराकरण

राजस्थान रोडवेज कार्पोरेशन को इस समस्या का हल निकालने के लिए इस रूट पर चलने वाली समस्त रोडवेज बसों के चालकों व परिचालकों को विशेष आदेश द्वारा पाबंद किया जाना चाहिए कि वे जसवंतगढ़ बस स्टेंड पर बस को आवश्यक रूप से ले जाएं और बस का स्टोपेज होने का पालन करें। अन्यथा, ऐसे चालकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।
इस मार्ग से गुजरने वाली हर रोडवेज बस के अंदर उसके सभी स्टॉपेज के बस स्टेंडों की सूची लगाई जानी चाहिए, ताकि यात्रियों को ये ड्राइवर व कंडक्टर झूठ बोल कर भ्रमित नहीं कर पाएं। साथ ही आम लोगों को बस की सुविधा मिलनी आसान हो सके। इन बस स्टेशनों के नाम लिखने से इस समस्या का निराकरण संभव हो सकेगा।

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Author: kalamkala

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