मटकी बजाकर गाये लाडनूं के अनूप तिवाड़ी के लोकगीतों की अद्भुत कला से दर्शक हुए मंत्रमुग्ध, जमकर बजी तालियां,
जयपुर के जवाहर कला केंद्र पर आयोजित फाग महोत्सव में तिवाड़ी की कला के मुरीद हुए लोग
लाडनूं/जयपुर (kalamkala.in)। प्रख्यात आकाशवाणी लोकगायक अनूप तिवाड़ी (लाडनूं) ने जवाहर कला केंद्र जयपुर में फाग महोत्सव में देर रित तक राजस्थानी लोकगीत व फागण गीतों की बहाई अपनी सुमधुर स्वर लहरियों से गायन के साथ मटकी बजाकर धूम मचाई। अनूप तिवाड़ी ने कार्यक्रम में राजस्थानी फागुन गीतों के गायन के साथ मटकी वादन की कला प्रस्तुत की, जिसे देखकर सभी अचंभित हुए। इस कार्यक्रम के दौरान अनूप तिवाड़ी के साथ नृत्य की प्रस्तुति जशोदा प्रजापत व आरती टेलर ने की। उनके अन्य साथी कलाकारों में बजरंग रैगर, नवरत्न माली, रमन जांगिड़, नवरत्न सिहोटा, बाबूलाल वर्मा, रंजीत वर्मा आदि भी कार्यक्रम में पूरा सााि निभाते हैं। उनकी साथी नृत्यांगनाओं का शानदार नृत्य और अनूप तिवाड़ी के अपने ठेठ राजस्थानी अंदाज में ‘बालम छोटो सो’, ‘ओ जीरो जीव रो बेरी रे’, ‘संसार में भला आया मामी-नाणदो’ आदि लोकगीतों का गायन ने मिलकर दर्शकों को भी संगत देने और नाचने पर मजबूर कर दिया। ज्ञातव्य है कि अनूप तिवाड़ी देश-प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर अपनी लोककला सम्बंधी प्रस्तुतियां दे चुके हैं। वे पिछले 25 सालों से ऑल इंडिया रेडियो पर लोकगीत गाते रहे हैं। राजस्थान के स्थापना दिवस पर आगामी 30 मार्च को उनकी टीम लाडनूं में भी राजस्थानी लोकगीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत करेगी।
