कुपवाड़ा में शहीद हुए रोडू के लाल मुकेश को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
लाडनूं। तहसील के ग्राम रोडू के भारतीय सेना के शहीद मुकेश कुमार लखारा को सोमवार को अंतिम सलामी के साथ विदा किया गया। उनके शव को यहां सैनिक सम्मान के साथ लाडनूं के पंचायत समिति परिसर से वाहनों की कतारों और जुलूस के साथ हाथों में तिरंगा को लिए और भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारों को गुंजाते हुए कसूम्बी होकर रोडू ले जाया गया। कसूम्बी में पंचायत समिति सदस्य ओमप्रकाश बागड़ा के नेतृत्व में सैंकड़ों ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा करके शहीद का सम्मान किया। उनके पैतृक गांव रोडू में विविधत एवं राजकीय सैनिक सम्मान के साथ शहिीद मुकेश को अंतिम विदाई दी गई। शहीद मुकेश के छोटे भाई रामधन ने शव को मुखाग्नि दी। इस दौरान गांव का माहौल गमगीन हो गया व देशभक्ति नारो से पूरा गांव गूंज उठा। इस अवसर पर हजारों की संख्या में लोग अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुए। राजकीय सम्मान के साथ शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें आखिरी विदाई, सलामी और सलामी के इस अवसर पर विधायक मुकेश भाकर, तहसीलदार डा. सुरेन्द्र भास्कर, थानाधिकारी सुरेन्द्र सिंह राव, जसवंतगढ थानाधिकारी अजय कुमार मीणा आदि प्रमुख नेता, जनप्रतिनिधि, अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
हिमस्खलन में हुई थी शहादत रोङू निवासी लांस नायक मुकेश कुमार 56 राष्ट्रीय रायफल में कार्यरत थे, जो 268 फील्ड रेजिमेंट में तैनात रहे। 20 दिसम्बर 2000 को जन्मे मुकेश ने 11 दिसंबर 2018 को भारतीय सेना ज्वाइन की थी। पूर्व सैनिक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष केसाराम हुड्डा ने बताया कि शहीद मुकेश लखारा यूनिट 56 राष्ट्रीय राइफल माछल सेक्टर कुपवाड़ा जम्मू कश्मीर में अल्मोड़ा की बर्फीली चोटी पर अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे, इस दौरान बर्फीला तूफान व हिमस्खलन होने से हादसा हो गया और बर्फ में दबने से तीन जवानों की हिमसमाधि हो गई, जिनमें मुकेश भी शामिल था। समाजसेवी सांवरमल भामू ने बताया कि मुकेश के पिता किशनलाल गांव में खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं। मुकेश का छोटा भाई रामधन अभी 12वीं कक्षा में अध्ययन कर रहा है। 21 फरवरी को होने वाली थी शादी दो माह पूर्व ही रक्षाबंधन के अवसर पर वह अपने घर आया था। उस समय ताऊ की लड़की से राखी बंधवाई थी व 21 फरवरी को उसकी शादी होना तय हुई थी, जिसमे आने का बोलकर मुकेश दीपावली के त्यौहार को मनाने से पहले ही वापस ड्यूटी पर लौट गया था। आज जैसे ही शहीद का शव लाडनूं होते हुए उनके गांव रोडू पहुंचा तो लोगों की आंखों में आंसू थे, मगर देश के लिए कुर्बान होने का फख्र भी था bitcoin mixer। यहां जब तक सूरज चांद रहेगा मुकेश तेरा नाम रहेगा नारों के साथ तोपों की सलामी देते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनके छोटे भाई ने मुखाग्नि देकर शहीद मुकेश को अंतिम विदाई दी। नम आंखों से शहीद की मां ने भी उसके अंतिम दर्शन किए।
तापड़िया आईटीआई जसवंतगढ में चल रहे मेंटर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर के संभागियो, आईटीआई के स्टाफ व छात्रों ने इस अवसर पर सड़क पर खड़े होकर जुलूस के साथ गुजरते हुए शहीद को नमन किया और पुष्पवर्षा के साथ नारे लगा कर प्राणों की देशहित में आुहति देने वाले शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रशिक्षण शिविर में दो मिनट का मौन रखकर भी रोडू निवासी शहीद मुकेश के प्रति श्रद्धांजलि दी गई।