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गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग, 25 हजार युवा जुटेंगे जयपुर में,   गीता धार्मिक ग्रंथ मात्र नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला है,  कथा वाचक संतोष सागर महाराज की विशेष पहल, ओंकार सेवा संस्था चेरीटेबल ट्रस्ट श्री डूंगरगढ़ के माध्यम से गीता पुस्तकों का वितरण, अब तक 2 लाख गीता पुस्तकों का वितरण निःशुल्क किया

गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग,

25 हजार युवा जुटेंगे जयपुर में,  

गीता धार्मिक ग्रंथ मात्र नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला है, 

कथा वाचक संतोष सागर महाराज की विशेष पहल, ओंकार सेवा संस्था चेरीटेबल ट्रस्ट श्री डूंगरगढ़ के माध्यम से गीता पुस्तकों का वितरण, अब तक 2 लाख गीता पुस्तकों का वितरण निःशुल्क किया

अजमेर (एसपी मित्तल, ब्लाॅगर)। पिछले एक सप्ताह से अजमेर में पुष्कर रोड स्थित कर्णिका सदन में चल रही भागवत कथा का समापन 10 दिसंबर को हो गया। कथा समापन के अवसर पर संतोष सागर महाराज का कहना रहा कि अजमेर के लोग बहुत ही धर्मपरायण हैं। हजारों लोगों ने प्रतिदिन यहां श्रद्धाभाव से भागवत कथा को सुना। भागवतकथा के दिनों में ही उन्होंने स्कूल, कॉलेजों में जाकर युवाओं से गीता पर संवाद किया और सभी युवाओं को अपने ओंकार सेवा संस्था चेरीटेबल ट्रस्ट श्री डूंगरगढ़ के माध्यम से गीता पुस्तकें निःशुल्क दी। संतोष सागर महाराज अब तक 2 लाख से भी ज्यादा गीता पुस्तकों का वितरण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी से 5 मार्च तक जयपुर में भागवत कथा और गीता पुस्तक के वितरण का बड़ा कार्यक्रम होगा। कथा के समापन वाले दिन जयपुर में 25 हजार विद्यार्थियों और युवाओं की सनातन धर्म यात्रा निकाली जाएगी। इस अवसर पर एक ज्ञापन सरकार को देकर स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने का आग्रह भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गीता एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला भी है। इसमें युवाओं के हर सवाल का जवाब है। यदि स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल किया जाता है तो बच्चों की नींव मजबूत होगी। बच्चे अनेक बुराइयों से बच सके। भागवत कथा के साथ गीता पुस्तकों के वितरण का उद्देश्य भी यही है कि देश की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाए जाए।

भीलवाड़ा में संतोष सागर महाराज की भागवतकथा 15 दिसम्बर से

इस अवसर पर आयोजित समापन यज्ञ में शामिल होने का अवसर मुझे और मेरी पत्नी अचला मित्तल को भी मिला। समाजसेवी सुभाष काबरा, आनंद अरोड़ा, भंवरलाल शर्मा, कन्हैयालाल बैरवा आदि भी जोड़े यज्ञमान के तौर पर उपस्थित रहे। इसी दौरान कथा वाचक पूज्य भाई संतोष सागर महाराज से आशीर्वाद लेने का अवसर भी मिला। संतोष सागर महाराज की भागवत कथा 10 दिसंबर को अजमेर में समाप्त हो गई। इस कथा के आयोजन को सफल बनाने में समाजसेवी आनंद अरोड़ा, सुभाष काबरा, मोहनलाल खंडेलवाल, श्याम बिहारी शर्मा के साथ साथ केशव माधव परमार्थ मंडल से जुड़े अनिल कुमार जोशी, भंवरसिंह चैहान, हर्षसिंह चैहान, शंकरसिंह राठौड़, सुरेश माहेश्वरी, विमल काबरा, संध्या काबरा साथ ही अशोक जायसवाल, राकेश पारीक, नारायण गुर्जर, विकास धाबाई, मिट्ठूसिंह रावत, सियाराम, नरसिंह बंजारा, देवीलाल जांगिड़, प्रेम प्रकाश पारीक, राकेश वर्मा, गोविंद सारस्वत, किशनगढ़ वैष्णव, प्रशांत जोशी, दीपक जोशी, रामकुमार शर्मा, सुरेश टाक, कमलेश पाराशर, विनोद शर्मा, दिलीप, गुलाब औदिच्य, ज्ञानचंद सारस्वत, मयंक दाधीच, वीरेंद्र उबाना, कल्लू बंजारा, मनोज सेन, राजेंद्र नवल आदि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कथा आयोजन से जुड़े मोहनलाल खंडेलवाल ने बताया कि 15 दिसंबर से संतोष सागर महाराज की भागवत कथा भीलवाड़ा में होगी। खंडेलवाल और काबरा ने कथा आयोजन में सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया है। संतोष सागर महाराज के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी मोबाइल नंबर 9829071696 पर सुभाष काबरा और 9352008347 पर मोहनलाल खंडेलवाल से ली जा सकती है।

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