सूचना आयुक्त ने छह अधिकारियों पर लगाया 25-25 हजार का जुर्माना
नागौर के चार अधिकारी सूचना देने में कोताही के दोषी पाए गए
लाडनूं। राज्य सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ने नागौर और जैसलमेर जिलों में सूचना कानून की अवहेलना किए जाने के अलग-अलग मामलों में छह अधिकारियो पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये की शास्ति अधिरोपित की है। इनमे नागौर के अपर कलेक्टर और सीएमएच्ओ तथा मोहनगढ़ के उपनिवेशन सहायक आयुक्त व जिला रसद अधिकारी, शामिल है। सिंह ने इन 6 अफसरों को निर्णय प्राप्ति के 21 दिन में जुर्माना राशि जमा कराने का आदेश देने के साथ ही मांगी गई सूचना उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है।
अपर कलेक्टर, सीएमएचओ, तहसीलदार व ईओ पर लगाया जुर्माना
सूचना आयुक्त ने नागौर में परिवादी अजीत सिंह को अपने पैतृक जमीन के बारे में सूचना मुहैया कराने में 31 दिनों की देरी पर नाराजगी व्यक्त की और डेगाना के तहसीलदार पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। नागौर में एक नागरिक सेवाराम ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति रिपोर्ट देने में कानून की अवहेलना करने पर नागौर के अपर कलेक्टर पर 25 हजार और नागौर के सीएमएचओ पर कर्मचारियों के बारे में सूचना देने में कोताही बरतने पर इतनी ही राशि का जुर्माना लगाया है। सिंह ने आयोग के जनवरी 2021 के एक आदेश की पालना न करने पर मेड़ता नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी पर 25 हजार रूपये की शास्ति अधिरोपित करने का आदेश दिया है। इस मामले में जाकिर हुसैन ने आयोग में शिकायत की कि अधिकारी ने आयोग के आदेश के बावजूद निर्देशों की पालना नहीं की। आयोग ने इसे गंभीरता से लिया और जुर्माना लगाया है।
उपनिवेशन सहायक आयुक्त व जिला रसद अधिकारी पर भी जुर्माना
इसी प्रकार उपनिवेशन के मामले में बायतु के लाखाराम ने 2020 में आवेदन कर विशेष आवंटन के बारे में सूचना मांगी थी, पर उन्हें सूचना नहीं दी गई। लाखाराम ने अपील दायर कर आयोग से कार्यवाही की गुहार की। परिवादी ने आयोग में कहा कि जब उन्हें सूचना नहीं देने पर उपनिवेशन आयुक्त के समक्ष की गई में फरवरी 2021 में प्रथम अपील अधिकारी ने 15 दिन में वांछित सूचना प्रदान करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सहायक आयुक्त ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी। इस मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में कहा कि अधिकारी ने सूचना अधिकार कानून के प्रति न तो गंभीर है, न ही संवेदनशील है। सहायक आयुक्त ने कई बार तलब करने के बावजूद न तो कोई जवाब पेश किया और न ही हाजिर हुए। इसे आयोग ने गंभीरता से लिया और अधिकारी पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने प्रथम अपील अधिकारी के आदेश की अक्षरशः पालना करने और 21 दिन में सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। आयोग ने जैसलमेर के जिला रसद अधिकारी पर भी 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में जैसलमेर के रूप सिंह ने एक राशन डीलर के विरुद्ध हुई जांच रिपोर्ट की जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें समय पर सूचना नहीं दी गई। अधिकारी ने जवाब में कहा कि सूचना भिजवा दी गई है। आयोग ने सुनवाई में देखा कि सूचना सात माह देर से भेजी गई है। आयोग ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए रसद अधिकारी पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने परिवादी को 21 दिन में मांगी गई सूचना बिंदुवार उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।