रताऊ में होने जा रहे मृत्युभोज का रूकवाया और पाबंद किया
रताऊ में होने जा रहे मृत्युभोज का रूकवाया और पाबंद किया
लाडनूं। मृत्युभोज के प्रस्तावित कार्यक्रम की शिकायत प्राप्त होते ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता के निर्देशों तथा ताल्लुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डाॅ. विमल व्यास के मार्गदर्शन में यहां ग्राम रताऊ में त्वरित कार्यवाही करते हुए मृत्युभोज कार्यक्रम को रूकवाया गया है। पुलिस थाना लाडनूं की टीम ने मौके पर पहुंच कर मृत्युभोज नहीं करने बाबत सम्बंधित व्यक्तियों को पाबंद किया गया तथा मृत्युभोज करने पर उन्हें कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी गई। न्यायाधीश डाॅ. विमल व्यास ने बताया कि मृत्युभोज एक सामाजिक कुरीति होने के साथ-साथ कानूनी अपराध भी है। मृत्युभोज को रोकने के लिए राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 पारित किया हुआ है। इस एक्ट की धारा 3 में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति राज्य में मृत्युभोज का आयोजन नहीं करेगा, न ही उसमें शामिल होगा। यदि कोई व्यक्ति मृत्युभोज का आयोजन करता है या दुष्प्रेरित करता है या उसमें सहायता करता है, तो उसे 1 वर्ष के कारावास या 1000 रुपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। इस प्रकार मृत्युभोज का आयोजन करने वाले और उसमें किसी प्रकार से सहयोग करने वाले दोनों अपराधी होते हैं। यहां सभी वकीलों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने न्यायपालिका द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की है।