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लाडनूं में सोलर प्लांट की ऋण राशि और सब्सिडी हड़प लेने का मामला आया सामने, जयपुर की सोलर प्लांट कम्पनी और फाइनेंस कम्पनी ने मिलीभगत पूर्वक साजिश रच कर किया पूरा फर्जीवाड़ा

लाडनूं में सोलर प्लांट की ऋण राशि और सब्सिडी हड़प लेने का मामला आया सामने,

जयपुर की सोलर प्लांट कम्पनी और फाइनेंस कम्पनी ने मिलीभगत पूर्वक साजिश रच कर किया पूरा फर्जीवाड़ा

लाडनूं (kalamkala.in)। देश में सूर्य ऊर्जा को लेकर भारी प्रचार-प्रसार हो रहा है। सरकार भी इस वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के उपयोग को बढ़ाने के लिए योजना चला रही है। इसे बढ़ावा देने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अनुदान (सब्सिडी) और ऋण व्यवस्था भी की गई है। इसी वजह से विद्युत उपभोक्ता अपने घरों की छत पर सोलर प्लांट लगवाने के लिए उद्यत हैं। लेकिन, इस बढ़ते उद्यम और जनरुचि की आड़ में ठगी की कारस्तानियां भी शुरू हो चुकी है। लाडनूं पुलिस ने इसी तरह का एक मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इसमें फर्जी तरीके से लोन स्वीकृत करवा कर सोलर प्लांट नहीं लगाया गया और अनुदान राशि भी हड़प ली गई।

इस प्रकार है पूरे मामले का विवरण

यह मामला लाडनूं के मंगलपुरा निवासी विरेन्द्र आर्य पुत्र श्री कल्याण सिंह आर्य ने अभियुक्तगण राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर प्राईवेट लि. जयपुर (पता- शोप नं. 119/120 करधनी 9 दुकान, करधनी पुलिस थाने के पास, कालवाड़ रोड, झोटवाड़ा जयपुर) तथा कमल ऑटो फाइनेंस, जयपुर और इनके कार्मिकों रविन्द्र सिंह कुचामन (कर्मचारी राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर प्रा. लि. एवं विरेन्द्र शर्मा व ऋषभ चतुर्वेदी (कर्मचारी कमल ऑटो फाइनेंस) के विरुद्ध दर्ज करवाया गया है। यह परिवाद लाडनूं की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से धारा 175 (3) बी. एन. एस. एस. 2023 व अपराध अंतर्गत धारा 318, 318 (2) (3) (4), 60, 336, 336 (2) बी.एन.एस. 2023 के तहत पुलिस को प्राप्त हुआ है। इसमें विरेन्द्र आर्य मंगलपुरा ने लिखा है कि राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर प्रा.लि. के डीलर रविन्द्र सिंह से उसके घर पर सोलर प्लांट लगवाने के लिए बात की थी, तब रविन्द्र सिंह ने उनके घर पर आकर सोलर प्लांट लगवाने की सब्सिडी, कुल भुगतान वगैरह पूरी बात समझायी। इस पर उसने सोलर प्लांट के लिए अपनी सहमति दे दी और रविन्द्र सिंह को उसी समय 11 हजार रूपये नगद टोकन मनी व आवश्यकतापूर्ण दस्तावेज दे दिये। बाद में 31 मई को कन्फर्ममेशन लेटर दिया गया। रविन्द्र सिंह के साथ दो और लोग विरेन्द्र शर्मा व ऋषभ चर्तुवेदी (दोनों कमल ऑटो फाइनेंस जयपुर के कर्मचारी) भी घर आए। उन्होंने राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर जयपुर कंपनी द्वारा कमल आटो फाइनेंस से सीधा लोन दिलवाने का कहा और सोलर प्लांट संपूर्णताः घर पर लग जाने पर ही फाइनेंस कंपनी द्वारा ईएमआई शुरू करने की बात बताई। इसके बाद फाइनेंस कंपनी द्वारा उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल और 5 ब्लेंक चैक जिसमें राशि अंकित नहीं की हुई थी, वो लेकर गये। फिर 5 सितंबर को फाइनेंस कपनी द्वारा लोन सेंक्शन लेटर आया, जिसकी ईएमआई की प्रथम किश्त 8 अक्टूबर को दर्शाई गई थी। इस ईएमआई की प्रथम किश्त की दिनांक तक घर पर सोलर से संबंधित कुछ भी नहीं लगाया गया। तब उसने 5 अक्टूबर को (ईएमआई के तीन-चार दिन पहले) कमल ऑटो फाइनेंस के ऑफिसयल मेल आईडी (jaipur@kamalfinance.com., accounts@kamalfinance.com) पर मेल भेज दिया कि ईएमआई की दिनांक को तब तक बढ़ाया जाये, जब तक उनके घर पर सोलर प्लांट का पूरा सेटअप नहीं होता। इसके बावजूद कमल ऑटो फाइनेंस द्वारा उनका चैक बाउंस कर दिया गया। इस वजह से उसकी बैंक में सिबिल स्कॉर व इज्जत पर गलत असर पड़ा। इन लोगों ने 31 मई से लेकर आज तक घर पर पूरी तरीके से सोलर प्लांट को चालू नहीं किया है। इससे साफ प्रदर्शित होता है कि राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर प्रा. लि. जयपुर व कमल आटो फाइनेंस जयपुर दोनों के द्वारा सोच-समझकर फ्रॉड व छलकपट करके मिलने वाली सब्सिीडी को हड़पा जा रहा है।

सभी नियमों की अनदेखी कर साजिश रची और सब्सिडी हड़पी

राजस्थान सरकार द्वारा व विद्युत विभाग द्वारा साफ निर्देश हैं कि किसी भी सोलन प्लांट लगाने के लिए ऑनलाईन पॉर्टल पर उसका विवरण करना जरूरी है और सोलर प्लांट लगाने से पहले सोलर कंपनी द्वारा विद्युत विभाग द्वारा एक ऑनलाईन अर्जी दी जाती है, जिसका कोई भी विवरण न ही तो ऑनलाईन है और न ही विद्युत विभाग को इस बात का संज्ञान है और न ही बिजली विभाग से सोलर प्लांट लगाने के लिए कोई एन.ओ.सी. आज दिनांक तक नहीं ली गयी है। जब तक सोलर प्लांट लगाने के लिए ऑनलाईन पॉर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होता, तब तक बैंक और फाइनेंस कंपनी उस सोलर प्लांट के लिए लोन सेंक्शन नहीं कर सकती है। जब तक राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर कंपनी जयपुर द्वारा ऑनलाईन पोर्टल पर क्लांइट का रजिस्ट्रेशन नहीं करवायेगी, तब तक सरकार द्वारा प्राप्त सब्सिडी का फायदा वह नहीं उठा सकता। राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर कंपनी जयपुर की गाईडलाइन द्वारा पैमेन्ट लेने के कुछ नियम व शर्तें है, जो उनके स्वयं की ऑफिशयल बेवसाईट पर उपलब्ध हैं। इनमें तीन बार करके प्रोसेस और इंस्टालेशन तक भुगतान लेना होता है, लेकिन फाइनेंस कंपनी द्वारा इन सबकी अनदेखी करते हुए सीधे 100 प्रतिशत पैमेन्ट राजस्थान ग्रीन एनर्जी सोलर पावर कंपनी के खाते में स्थानान्तरण कर दिया, जो पूरे तरीके से गैरकानूनी है और फ्रॉर्ड की संज्ञा में आता है। कमल आटो फाइनेंस द्वारा 9 सितम्बर को 1 लाख 65 हजार 767 रुपयों का भुगतान सीधा इस सोलर कंपनी को कर दिया गया था। जबकि इस तिथि तक उसके घर में चाही गई सोलर प्लांट नहीं लगाया गया और उसकी कोई सामग्री भी उसके आवास पर नहीं पहुंचायी गयी थी। इससे यह साफ जाहिर है कि दोनों कम्पनियों ने मिलीभगत और साठगांठ करके उसकी सब्सिडी क रूपये हड़पने के लिए सारे फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। पुलिस ने धारा 318, 318 (2)(3)(4), 60, 336, 336 (2) बीएनएस 2023 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक पर्वत सिंह कर रहे हैं।

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