लाडनूं नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र कुमार मीणा को किया गया एपीओ,
स्वायत शासन विभाग ने जांच कार्यवाही के प्रभावित होने के अंदेशे से किए आदेश
लाडनूं (kalamkala.in)। नगर पालिका लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र कुमार मीणा को स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया है। उन्हें कार्यमुक्त करते हुए निदेशालय में अपनी उपस्थिति देने के लिए आदेशित किया गया है। यह आदेश उनके विरुद्ध विचाराधीन जांघ को प्रभावित किए जाने की संभावना के मद्देनजर किया गया है। स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव कुमार पाल गौतम द्वारा जारी आदेश क्रमाकः प.1 (क) (04) कार्मिक/आर.एम.एस./ डी.एल.बी./24/ 1300/ दिनांक: 20/01/24 में बताया गया है कि राज्य सरकार के आदेश दिनांक 03.06.2024 द्वारा निर्देश प्रदान किये गये थे कि नगरीय निकायों के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में निर्माण एवं अन्य कार्यों से संबंधित निविदा प्रक्रिया अथवा कार्य आदेश जारी नहीं किये जावें। अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, लाडनूं द्वारा नगर पालिका कोष में विकास कार्यों हेतु पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होने के बावजूद भी ठेकेदारों से मिलीभगत कर षड़यंत्र पूर्वक दिनांक 10.06.2024 को 1.40 करोड़ रूपये की निविदायें जारी कर दी गई। शिकायत प्राप्त होने पर उपखण्ड अधिकारी लाडनूं की देखरेख में निविदाओं को खुलवाया गया, जिसमें टेण्डर खाली पाये गये। इसके अतिरिक्त अधिशाषी अधिकारी द्वारा बिना प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के 01-01 लाख के 20 कार्यादेश जारी कर दिये गए। इस संबंध में जितेन्द्र कुमार मीणा, कर निर्धारक हाल अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका लाडनूं के विरूद्ध निदेशालय स्तर पर जांच कार्यवाही विचाराधीन है। मीणा द्वारा उपरोक्त पद पर रहते हुए उक्त जांच कार्रवाई को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना है। अतः उपरोक्त वर्णित जांच के दृष्टिगत जितेन्द्र कुमार मीणा, कर निर्धारक हाल अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, लाडनूं का अग्रिम पदस्थापन तुरन्त प्रभाव से आदेशों की प्रतीक्षा में, निदेशालय किया जाता है। मीणा को एतद्वारा कार्यमुक्त कर निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल अपनी उपस्थिति निदेशालय में प्रस्तुत करें।
काफी समय से चल रहा था पार्षदों और ईओ के बीच झगड़ा
नगर पालिका लाडनूं में लम्बे समय से पार्षदों और ईओ के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी। कुछ पार्षद शहर की सफाई और रोशनी व्यवस्था को लेकर बोल रहे थे, तो कतिपय पार्षद टेंडर प्रक्रिया और मनमर्जी के बारे में आरोप लगा रहे थे। ऐसे में पार्षदों ने अलग से बैठक करके निंदा प्रस्ताव का प्रयास भी किया, तो नगर पालिका के गेट को बंद करके ताला लगाने का प्रयास भी किया गया। एसडीएम और कलेक्टर को ज्ञापन भी दिए गए। अंततोगत्वा परस्पर झगड़ा इतना बढ़ा कि ईओ जितेन्द्र कुमार मीणा ने पार्षद राजेश भोजक वगैरह के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मुकदमा तक पुलिस में किया। इस दरमियान टेंडर आदि की अन्य शिकायतें भी चलती रही। अब डीएलबी से उनके एपीओ करने के इस आदेश से लगता है सारे मामले का पटाक्षेप हो जाएगा।