लाडनूं के रामद्वारा में चल रहा चातुर्मास सत्संग हुआ सम्पन्न,
प्रख्यात शिक्षाविद् साहित्यकार रामकुमार तिवारी ने दो माह तक किया धार्मिक प्रवचन
लाडनूं (kalamkala.in)। यहां राहू गेट स्थित रामद्वारा सत्संग भवन में पिछले दो महीने से चल रहे चातुर्मास कालीन सत्संग-प्रवचन का रविवार को समापन का आयोजन समारोह पूर्वक किया गया। क्षेत्र के सुप्रसिद्ध साहित्यकार व शिक्षाविद् रामकुमार तिवारी ने नियमित रूप से अपने धार्मिक व नैतिक शिक्षा के प्रवचन द्वारा श्रद्धालुजनों को मंत्रमुग्ध किया। उनके प्रभावपूर्ण व्याख्यान से लोगों पर खासा असर हुआ।
निर्विकार और प्रसन्न चित्त में रहती है स्थिरता- तिवाड़ी
समापन समारोह के अवसर पर तिवारी ने सत्संग की महिमा का विश्लेषण किया और कहा कि जीवन में प्रसन्नता और आनंद ही मुख्य बात है। अपना स्वभाव अखंड प्रसन्न रहने का बनाओ। जितना तुम्हारा चित निर्विकार और प्रसन्न रहेगा, उतनी ही उसमें स्थिरता पाई जाएगी। जो प्रसन्न रह सकता है, अवश्य उसका अंत:करण पवित्र है। वहां दु:ख भी सुख रूप बन जाता है। परंतु, अपनी प्रसन्नता किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भर नहीं रहनी चाहिए। अपने को परमानंद अविनाशी परमात्मा में सदैव सुरक्षित अनुभव करते हुए सदा प्रसन्न रहो। प्रसन्नता सभी को प्रिय है।
मनुष्य के लिए क्षण-क्षण की सुरक्षा जरूरी- साध्वी मैना
इस अवसर पर हरियाणा से पधारी हुई साध्वी मैना ने समय के महत्व को बताते हुए कहा, मानव जीवन अमूल्य है और उससे भी अधिक मूल्यवान समय होता है। समय के क्षण और अन्न के कण-कण की सुरक्षा करते हुए मनुष्य जीवन में आगे बढ़ सकता है। महिलाओं की ओर से राठी बहन ने अपने उद्बोधन में कहा तिवारी जी का सत्संग स्वामी रामसुखदास जी महाराज की स्मृति करता है। श्री गोपाल कट्टा ने बताया कि तिवारी जी का सत्संग सबके लिए अमित सौभाग्य और वरदान साबित हुआ है। श्रीमद् भागवत गीता पर जिस प्रकार की मीमांसा तिवारी जी करते हैं, वैसी सामान्यतः नहीं मिलती। हृदय को छूने वाला सत्संग है।
सबने किया तिवाड़ी जी का स्वागत-सम्मान
समापन समारोह में नगर के गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा प्रवचनकर्ता रामकुमार तिवारी भावपूर्ण स्वागत किया गया। दाधीच सेवा समिति के अध्यक्ष सागरमल पाटोदिया, छापर से गौरी शंकर भावुक, रामेश्वर सूंठवाल, अशोक कुमार बोरायडा, श्री गोपाल कट्टा, प्रेम प्रकाश सोनी, राम सिंह गौड़, मदन लाल डोबा, अनूप तिवारी, निर्मल कुमार शर्मा, राजेंद्र शर्मा, सत्यनारायण सूंठवाल, रामनिवास डूकिया, पन्नालाल प्रजापत, माधव दान चारण, लालचंद जांगिड़ सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। माताओं-बहनों की विशेष उपस्थिति रही।भजन भाव, हर्ष उल्लास, संगीत कीर्तन एवं प्रसाद वितरण के साथ भव्य कार्यक्रम का समापन हुआ।