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पुलिस जांच से व्यथित पीड़ित दलित ने एसपी के समक्ष हाजिर होकर दी आत्महत्या की चेतावनी, एसपी ने तत्काल फोन पर ली मामले की जानकारी और दिए आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश

पुलिस जांच से व्यथित पीड़ित दलित ने एसपी के समक्ष हाजिर होकर दी आत्महत्या की चेतावनी,

एसपी ने तत्काल फोन पर ली मामले की जानकारी और दिए आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश

लाडनूं (kalamkala.in)। ‘मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हूं, सर। अगर, मुझे न्याय नहीं मिलता है, तो मैं आत्महत्या करूंगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।’ अगर कोई ऐसी बात कहता है तो निश्चित ही उसके पीछे गहरी पीड़ा के भाव होते हैं। यह पंक्तियां लाडनूं पुलिस थाने में दर्ज एक एफआईआर पर सही तरीके से जांच-कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित व्यक्ति द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा के समक्ष लिखित रूप में व्यक्त किए गए। उसने यह बयान मुलजिमानों से डर कर और पुलिस की गैरजिम्मेदाराना बातों से व्यथित होकर दिया। पीड़ित को बंधक बना कर मारपीट करके, जातिसूचक गाली-गलौज करके, पिस्तौल तान कर डरा कर उसके मोबाइल और बैंक पासबुक वगैरह कब्जे में लेकर उसके खाते से साढ़े नौ लाख से अधिक राशि का अवैध लेनदेन किया था। पीड़ित ने आरोपियों के कुछ फोटो भी एसपी के समक्ष पेश किए। इनमें एक आरोपी के पास दो पिस्तौलें भी पड़ी है और यह फोटो सोशल मीडिया इंस्टाग्राम से ली गई है। एसपी ने पूरी बात सुन कर तत्काल जांच अधिकारी से मामले की जानकारी प्राप्त की और मुलजिमानों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

पीड़ित को अब भी डराया-धमकाया जा रहा

लाडनूं पुलिस थाने में दर्ज एफ.आई.आर. नं. 249/24 की जांच सही व निष्पक्ष उच्चाधिकारी से करवाने व मुल्जिम की गिरफ्तारी करवाने की मांग करते हुए पीड़ित व्यक्ति तोलाराम पुत्र पेमाराम जाति नायक निवासी ग्राम बालेरा तहसील बीदासर ने एसपी से की है। तोलाराम के अनुसार विगत 28 सितम्बर को उहने रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन उसके पश्चात कभी तक मुल्जिमानों की गिरफतारी नहीं की गई है। मामले में मुलिमानों से मिलीभगत की हुई है। पीड़ित पक्ष द्वारा अनुसंधान अधिकारी से कार्यवाही के बारे में पूछने पर उल्टा उसे ही डराया-धमकाया जाता है एवं उस पर मामले में राजीनामा का दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ मुल्जिमान भी पीड़ित और उसके परिवार को आएदिन डरा-धमका रहे हैं एवं राजीनामा का दबाव बना रहे है। साथ ही खुलेआम धमकियां दे रहे है कि हमने पुलिस से सांठगांठ कर ली है तुम्हारी एफआईआर का कुछ नहीं बंटेगा। मुल्जिमान राजनैतिक पहुंच वाले व्यक्ति हैं तथा बड़ी गैंगो से जुड़े हुये लोग हैं, जो अवैध कार्यों में लिप्त रहते हैं। इस संबंध में उसने अतिरिक्त महानिदेश पुलिस (सिविल राईटस) पुलिस मुख्यालय, जयपुर को भी अवगत करवाया, फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अनुसुचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के मामले में भी लापरवाही व मिलीभगत की जा रही है। मुल्जिमानों को गिरफतार नहीं किया जा रहा है एवं बाले-बाले ही आरोप पत्र व्यायालय में पेश करने की फिराक में पुलिस है।

जहां भी जाए, पीछे गाड़ियां दौड़ाते हैं

पीड़ित तोलाराम नायक ने बताया कि 3 महीने पहले उसके साथ मारपीट वगैरह की वारदात लाडनूं में हुई थी, जिसमें कुछ अपराधियों ने मिलकर उसे जान से मारने की कोशिश की थी और आज भी वे अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि वे खुलेआम हथियार लहरा रहे हैं, खुलेआम उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर कर रहे हैं। उसके मामले की जांच लाडनूं डिएसपी विक्की नागपाल के पास है। उन्होंने एक को मुजरिम बनाया है, जबकि उसके साथ मारपीट करने वाले 8 से 9 व्यक्ति थे। घटना के 20 दिन के बाद सोशल मीडिया में मुद्दा आने पर उसका मेडिकल करवाया गया। किसी भी आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। वे खुलआम उसे धमकियां दे रहे हैं। राजीनामा करने के दबाव के साथ जान से मार डालने के लिए धमका रहे हैं। वह जहां भी जाता है, वे पीछे गाड़ियां दौड़ाते हैं तथा घर पर आकर धमकियां देते हैं। पीड़ित तोलाराम नायक द्वारा एसपी को दी गई दरख्वास्त में एफआईआर में वर्णित वारदात के मुल्जिमानों के नाम भी उसने खुलासा किए हैं। उसके अनुसार राहुल ठोलिया बालसमंन्द, मनीष गोदारा बालसमन्द, अभय छपारा पुत्र भंवर छपारा, सुनिल भामू, ओमप्रकाश ठोलिया तथा कुछ अज्ञात मुल्जिमान होना दर्शाया है। हालांकि उनकी पहचान के बाद ही आरोपित किए जा सकते हैं। इस बारे में जांच होने पर ही असलियत सामने आ पाएगी।

यह बताया वारदात का विवरण

तोलाराम ने अपनी वारदात का विवरण बताते हुए लिखा है कि 23 सितम्बर को वह और उसके गांव बालेरा का शेराराम जाट दोनों सुजानगढ़ में बायपास रोड पर विकास माली के प्लॉट में गये थे, तब उनके पास किसी पप्पू (लाडनूं) का फोन आया और कहा, लाडनूं बाईपास रोड पर तिरपाल आदि की दुकानों के पास आ जाओ, लेबर का काम करवाना है। वे दोनों लाडनूं आये, तो एक नोहरा में बने टेणों के मकान में दोनों से काम करवाया।‌ उसके बाद वहां 8-10 लड़के और एक स्कोर्पियो गाड़ी में आए लोगों ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। उनमें से पांच जनों ने उनकी तलाशी ली और 5 हजार रूपये व मोबाइल छीन लिए। उससे बैंक खाता के नम्बर मांगे और दो लड़कों ने सिर पर पिस्तौल तान दी और डराया कि जो बताएं, वो करो, नहीं तो मार डालेंगे। उन्होंने उसके खाता नम्बर किसी को भेजे। फिर स्कोर्पियो गाड़ी में बैठा कर 35-40 साल के पांच जनों ने पिस्तौल दिखाकर गांव ले जाकर डरा-धमका घर से बैंक डायरी वगैरह ले ली। फिर गोपालपुरा व सुजानगढ़ दोनों बैंकों में ले गए। उन्होंने 23 सितम्बर की रात्रि को लाडनूं में एक कमरे में बंधक बना कर रखा। 24 सितम्बर को उसके खाते में किसी से रूपये डलवाये और वो रूपये बैंक से उनसे निकलवाए। उन्होंने लगातार दो दिन तक दोनों के मोवाईल अपने पास रखे तथा उसके खाते से करीब 9 लाख 58 हजार 514 रूपयों का लेनदेन जबरन करवाया। इस दौरान मारपीट और जातिसूचक गालियां भी निकाली। यह एफआईआर न. 249/2024 लाडनूं पुलिस ने धारा 318 (4) 140(3) 303 (2) 127 (2) 189 (2) भा. न्याय संहिता एवं धारा 3 (1) (आर) ए 3 (1) (एस) 3 (2) (वीए) के अन्तर्गत दर्ज की।

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