ड्राइविंग करते समय झपकी आने से पेड़ से टकराई गाड़ी और एक ही परिवार के 3 जनों की मौत, 3 हुए घायल,
बोलेरो में थे 7 जने सवार, एक बालिका सुरक्षित बची, डीडवाना से लौटते हुए सांवराद के पास हुआ हादसा
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। गाड़ी चलाते हुए नींद की झपकी आने से बोलेरो गाड़ी बेकाबू हैकर एक पेड़ से टकरा गई और इस भीषण सड़क हादसे में ग्राम कसूम्बी के रहने वाले एक ही परिवार के 3 जनों की मौत हो गई और 3 जने घायल हो गए। घायलों को दुर्घटना-स्थल से डीडवाना के राजकीय बांगड़ अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें रैफर करके जयपुर भेजा गया।
इस प्रकार हुआ यह हादसा
घटनानुसार कसूम्बी उपादड़ा के रहने वाले श्रवण गैदर जाति प्रजापति अपने परिवार के सदस्यों के साथ डीडवाना में रिश्तेदारी में शादी में जाकर वापस लौट रहे थे। डीडवाना से आते समय सांवराद के पास श्रवण गैदर को गाड़ी चलाते-चलाते अचानक झपकी आ गई। इस कारण उनकी गाड़ी बोलेरो अनियंत्रित होकर करीब 200-250 मीटर तक चली और एक पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। बोलेरो का ऊपर का हिस्सा अलग होकर दूर जा गिरा। गाड़ी की स्पीड अधिक होने से इस हादसे इतना भीषण रूप सामने आया। इस हादसे में तीन जनों की मौत हो गई और तीन जने घायल हो गए। गाड़ी में कुल सात जने सवार थे, लेकिन उनमें से एक 16 साल की लड़की, जो मृतक श्रवण गैदर की पोती सुरक्षित बच गई। उसे घर भिजवा दिया गया। डीडवाना के बांगड़ होस्पिटल में घायलों से मिलने श्री आनंद परिवार सेवा समिति के अध्यक्ष मंजीत पाल सिंह सांवराद पहुंचे और घायलों के हालात जाने।
ये थे हादसे के मृतक व घायल
इस सड़क हादसे में मरने वालों में श्रवण गैदर (55), उसके भाई की पत्नी तुलछांदेवी (44) और उसका दोहिता शिवा (18) शामिल हैं। दुर्घटना में घायल हुए लोगों में श्रवण गैदर की पत्नी संतोष (52), पुत्री बसंती (36) एवं दोहिती राजश्री (15) शामिल हैं। डीडवाना से रैफर करने के बाद इनमें से राजश्री को सीकर भर्ती करवाया गया और अन्य दोनों को जयपुर के एसएमएस होस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां से संतोष का उपचार किए जाने के बाद छुट्टी दे दी गई। जयपुर के अस्पताल में घायलों से मिलने के लिए कसूम्बी निवासी भाजपा नेता ओमप्रकाश बागड़ा, आनंद बागड़ा व अनिल पिलानिया पहुंचे व अस्पताल में व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
मृतक श्रवण गैदर चैन्नई में व्यवसायी था। वहां उसकी होटल्स बताई गई है। गैदर धार्मिक व सामाजिक सहयोग की प्रवृत्ति के थे। बोलेरो गाड़ी को वे स्वयं ही ड्राइव कर रहे थे।