प्रतिवर्ष हजारों लोग करते हैं प्रतिवर्ष वर्षीतप की साधना – मुनिश्री रणजीत कुमार,
लाडनूं में अक्षय तृतीया पर्व मनाया
लाडनूं (प्रतिनिधि)। यहां जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में रविवार को अक्षय तृतीया पर्व मनाया गया। जैन विश्व भारती सेवा केन्द्र के व्यवस्थापक मुनि रणजीत कुमार के सान्निध्य में यहां ऋषभ द्वार भवन में आयोजित इस समारोह में मुनिश्री रणजीत कुमार ने कहा कि तपस्या साधना का विरल स्रोत है। उन्होंने संस्कृत के सूत्र ‘महाजनो येन गत: स पंथा’ को रेखांकित करते हुए कहा कि महापुरुष जिस पथ पर चल पड़ते हैं, वही पथ सबके लिए प्रशस्त हो जाता है। आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभ ने धन वैभव को ठोकर मारकर वे तपस्या और साधना के पथ पर आगे बढ़े। आज इतने लंबे समय के बाद भी लोग उसी पथ पर अग्रसर हो रहे हैं। आज भी प्रतिवर्ष हजारों लोग प्रतिवर्ष वर्षीतप की साधना करते हैं।
अक्षय तृतीया को हुई ऋषभ की तपस्या पूर्ण
तपस्वी संत मुनि विनोद कुमार ने कहा कि वर्षीतप की साधना से व्यक्ति का आत्मबल मजबूत बनता है। मुनि कौशल कुमार ने कहा कि तीर्थंकर भगवान ऋषभ की तपस्या की परिसंपन्नता का दिन दुनिया भर में अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। भगवान ऋषभ ने 13 माह तक निराहार रह कर सिद्ध कर दिया कि तपस्या से साधना सक्षम और सार्थक बनती है। सभा में तेरापंथी सभा के पूर्व मंत्री राजेंद्र खटेड़, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री नीता नाहर, राज कोचर, रेणु कोचर, चंद्रकांता दूगड़ आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में तेरापंथ महिला मंडल की सदस्याओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन आलोक खटेड़ ने किया।
तप का पारणा किया
इससे पूर्व सुबह वृद्ध साध्वी सेवा केंद्र में वर्षीतप तपस्विनी साध्वी शीलवती ने शासन गौरव साध्वी कल्पलता के सान्निध्य में आयोजित समारोह में अपने तप का पारना कर तप को विराम दिया इस अवसर पर साध्वी कल्पलता ने तप की महता को रेखांकित करते हुए कहा कि साध्वी शीलवती का मनोबल चट्टान की तरह मजबूत है। उन्होंने प्रतिकूल स्वास्थ्य की हालत में भी तपस्या को निर्विघ्न जारी रखा। इस अवसर पर साध्वी लक्ष्य प्रभा एवं सहवर्ती साध्वियों ने अपनी गीतिका का संगान किया। इस अवसर पर साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा द्वारा प्रेषित शुभकामना संदेश का वाचन आलोक खटेड़ ने किया समारोह में सुधीर बैद, राजेंद्र खटेड़ आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।